ETV Bharat / state

ऑनलाइन क्लास से बच्चों की आंखों पर हो रहा बुरा असर, नेत्र विशेषज्ञ बोले- ऐसे बरतें सावधानी - Bacterial Conjunctivitis

ऑनलाइन क्लासेज (Online Class) के कारण बच्चों की आंखों में कई तरह की परेशानी उत्पन्न होने लगी है. नेत्र विशेषज्ञ कहते हैं कि जो बच्चे डिस्प्ले पर आंख ज्यादा गड़ाते हैं और पलक कम झपकाते हैं, उनकी आंखों से पानी आना शुरू हो जाता है. ऐसे में जरूरी है कि विशेष सावधानी बरती जाए.

ऑनलाइन क्लासेज
ऑनलाइन क्लासेज
author img

By

Published : Aug 18, 2021, 8:13 PM IST

पटना: कोरोना (Corona) के कारण बच्चों की पढ़ाई तो काफी हद तक बाधित हुई, लेकिन सरकार की ओर से बच्चों को पढ़ाने को लेकर ऑनलाइन क्लासेस (Online Classes) की व्यवस्था कराई गई. इससे बच्चे घर पर ही रह कर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन क्लासेस करने से बच्चों की आंखों पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. नेत्र विशेषज्ञ कहते हैं कि थोड़ी सावधानियां बरतकर बच्चों की आंखों को प्रोटेक्ट किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: चार महीने के बाद पटना के स्कूलों में फिर से लौटी रौनक

दरअसल, ऑनलाइन क्लासेस में बच्चों को पढ़ाई के लिए लगातार मोबाइल लैपटॉप या कंप्यूटर की स्क्रीन पर नजरें गड़ाए रखना पड़ता है, जिसका नकारात्मक प्रभाव उनकी आंखों पर पड़ रहा है. पहले जहां अधिक उम्र होने पर आंखों में दिक्कत होती थी, लेकिन अभी ऑनलाइन क्लास की वजह से बच्चों को ये समस्याएं ज्यादा होने लगी हैं. हालांकि बदलते मौसम के कारण भी दिक्कत हो रही है.

देखें रिपोर्ट

ईटीवी भारत संवाददाता ने इस बारे में पटना के जाने-माने नेत्र चिकित्सक सुनील कुमार से बातचीत की. डॉ. सुनील ने कहा कि कुछ सावधानियां बरतकर बच्चों की आंखों को प्रोटेक्ट कर सकते हैं. बदलते मौसम में भी आंखों को बहुत हिफाजत से रखना पड़ता है.

वे कहते हैं कि आंखों में कभी धूप, कभी ठंडी हवा, धूल भरी हवा, तेज रोशनी से आंखों में दिक्कत, आंख में जलन, गंदगी और आंख से पानी आना, कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं. इसे बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस (Bacterial Conjunctivitis) कहते हैं.

डॉ. सुनील के मुताबिक बदलते मौसम में आंख की लाली, पलकों में सूजन, फुंसी होना, यह सब एलर्जी है. इस तरह का दर्द या जलन होने पर नेत्र चिकित्सक से सलाह लेकर आई ड्रॉप या लुब्रिकेंट आई ड्राप इस्तेमाल करके या ठंडे पानी से आंखों को आराम मिलता है.

वहीं, उन्होंने आंखों में सूखापन महसूस होने पर बताया कि बार-बार मसले नहीं, बल्कि तीन-चार बार ठंडे पानी से धोकर रुई से या किसी साफ कपड़े से पोछ लें. गंदे हाथों से भी आंखों में संक्रमण होता है. इसलिए हाथों का भी सफाई रखना विशेष तौर पर जरूरी है.

डॉ. सुनील कहते हैं कि ज्यादा देर तक कम्प्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल की स्क्रीन पर देखने से आंखों में समस्या उत्पन्न हो सकती है. वे कहते हैं कि ऑनलाइन क्लास के दौरान बच्चों की आंख से पानी भी आने लगता है, उसे रिप्लेस हैपेड सैक्सन कहते हैं.

वे कहते हैं कि कंप्यूटर स्क्रीन पर देखते समय बच्चों को बीच-बीच में पलकें झपकाने चाहिए, जिससे आंखों पर कम दबाव पड़ता है और आंखों में दर्द या आंखों से पानी आना जैसी समस्याएं कम हो जाएंगी.

नेत्र चिकित्सक ने साफ तौर पर बताया कि स्क्रीन पर देखना आंखों के लिए नुकसानदायक होता है, लेकिन बदलते परिवेश में लोगों को कंप्यूटर मोबाइल पर ही लोगों को काम करना पड़ता है. ऐसे में 1 घंटे से ज्यादा लगातार स्क्रीन पर देखना आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है. ऐसे में हर एक घंटे के अंतराल पर लगभग 2 मिनट का गैप देकर आंखों पर ठंडे पानी डालना चाहिए, जिससे कि आंखों में हो रहे जलन या दर्द से निजात मिल सके.

ये भी पढ़ें: ऑनलाइन क्लासेस में आ रहीं दिक्कतें, 27 फीसदी बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं

इसके अलावे स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट बहुत ही प्रभावशाली होती है. इससे आंखों के ऊपर स्लाइड का गहरा असर पड़ता है, जिस कारण से बच्चे पलक झपकाना भूल जाते हैं. जोकि बच्चों की आंखों के लिए परेशानी का सबब बनता है. बच्चों की आंख से पानी आने के कारण चश्मे की जरूरत पड़ने लगती है.

डॉ. सुनील ये भी कहते हैं कि ऑनलाइन क्लास करने से बच्चे कभी झुक कर भी पढ़ते हैं, ऐसे में बच्चों को कई तरह के शारीरिक समस्याएं मसलन गर्दन दर्द, आंखों का तनाव और तरह-तरह की समस्या उत्पन्न होने लगती है. ऐसे में अभिभावकों को ये ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों के बैठने के तरीके ठीक हों.

पटना: कोरोना (Corona) के कारण बच्चों की पढ़ाई तो काफी हद तक बाधित हुई, लेकिन सरकार की ओर से बच्चों को पढ़ाने को लेकर ऑनलाइन क्लासेस (Online Classes) की व्यवस्था कराई गई. इससे बच्चे घर पर ही रह कर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन क्लासेस करने से बच्चों की आंखों पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. नेत्र विशेषज्ञ कहते हैं कि थोड़ी सावधानियां बरतकर बच्चों की आंखों को प्रोटेक्ट किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: चार महीने के बाद पटना के स्कूलों में फिर से लौटी रौनक

दरअसल, ऑनलाइन क्लासेस में बच्चों को पढ़ाई के लिए लगातार मोबाइल लैपटॉप या कंप्यूटर की स्क्रीन पर नजरें गड़ाए रखना पड़ता है, जिसका नकारात्मक प्रभाव उनकी आंखों पर पड़ रहा है. पहले जहां अधिक उम्र होने पर आंखों में दिक्कत होती थी, लेकिन अभी ऑनलाइन क्लास की वजह से बच्चों को ये समस्याएं ज्यादा होने लगी हैं. हालांकि बदलते मौसम के कारण भी दिक्कत हो रही है.

देखें रिपोर्ट

ईटीवी भारत संवाददाता ने इस बारे में पटना के जाने-माने नेत्र चिकित्सक सुनील कुमार से बातचीत की. डॉ. सुनील ने कहा कि कुछ सावधानियां बरतकर बच्चों की आंखों को प्रोटेक्ट कर सकते हैं. बदलते मौसम में भी आंखों को बहुत हिफाजत से रखना पड़ता है.

वे कहते हैं कि आंखों में कभी धूप, कभी ठंडी हवा, धूल भरी हवा, तेज रोशनी से आंखों में दिक्कत, आंख में जलन, गंदगी और आंख से पानी आना, कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं. इसे बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस (Bacterial Conjunctivitis) कहते हैं.

डॉ. सुनील के मुताबिक बदलते मौसम में आंख की लाली, पलकों में सूजन, फुंसी होना, यह सब एलर्जी है. इस तरह का दर्द या जलन होने पर नेत्र चिकित्सक से सलाह लेकर आई ड्रॉप या लुब्रिकेंट आई ड्राप इस्तेमाल करके या ठंडे पानी से आंखों को आराम मिलता है.

वहीं, उन्होंने आंखों में सूखापन महसूस होने पर बताया कि बार-बार मसले नहीं, बल्कि तीन-चार बार ठंडे पानी से धोकर रुई से या किसी साफ कपड़े से पोछ लें. गंदे हाथों से भी आंखों में संक्रमण होता है. इसलिए हाथों का भी सफाई रखना विशेष तौर पर जरूरी है.

डॉ. सुनील कहते हैं कि ज्यादा देर तक कम्प्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल की स्क्रीन पर देखने से आंखों में समस्या उत्पन्न हो सकती है. वे कहते हैं कि ऑनलाइन क्लास के दौरान बच्चों की आंख से पानी भी आने लगता है, उसे रिप्लेस हैपेड सैक्सन कहते हैं.

वे कहते हैं कि कंप्यूटर स्क्रीन पर देखते समय बच्चों को बीच-बीच में पलकें झपकाने चाहिए, जिससे आंखों पर कम दबाव पड़ता है और आंखों में दर्द या आंखों से पानी आना जैसी समस्याएं कम हो जाएंगी.

नेत्र चिकित्सक ने साफ तौर पर बताया कि स्क्रीन पर देखना आंखों के लिए नुकसानदायक होता है, लेकिन बदलते परिवेश में लोगों को कंप्यूटर मोबाइल पर ही लोगों को काम करना पड़ता है. ऐसे में 1 घंटे से ज्यादा लगातार स्क्रीन पर देखना आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है. ऐसे में हर एक घंटे के अंतराल पर लगभग 2 मिनट का गैप देकर आंखों पर ठंडे पानी डालना चाहिए, जिससे कि आंखों में हो रहे जलन या दर्द से निजात मिल सके.

ये भी पढ़ें: ऑनलाइन क्लासेस में आ रहीं दिक्कतें, 27 फीसदी बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं

इसके अलावे स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट बहुत ही प्रभावशाली होती है. इससे आंखों के ऊपर स्लाइड का गहरा असर पड़ता है, जिस कारण से बच्चे पलक झपकाना भूल जाते हैं. जोकि बच्चों की आंखों के लिए परेशानी का सबब बनता है. बच्चों की आंख से पानी आने के कारण चश्मे की जरूरत पड़ने लगती है.

डॉ. सुनील ये भी कहते हैं कि ऑनलाइन क्लास करने से बच्चे कभी झुक कर भी पढ़ते हैं, ऐसे में बच्चों को कई तरह के शारीरिक समस्याएं मसलन गर्दन दर्द, आंखों का तनाव और तरह-तरह की समस्या उत्पन्न होने लगती है. ऐसे में अभिभावकों को ये ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों के बैठने के तरीके ठीक हों.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.