पटनाः पालीगंज का ब्रिटिश कालीन विद्यालय अपनी अव्यवस्थाओं के कारण बदहाल है. यहां जिस भवन में चरखे चलाने व सूत काटने का प्रशिक्षण दिया जाता था, आज वह भूसा घर व तबेला बना हुआ है. 1919 में निर्मित यह राजकीय बुनियादी विद्यालय चारदीवारी के अभाव में असुरक्षित है. यहां महीनों से बच्चों का मध्यान भोजन भी बन्द है.
पालीगंज अनुमण्डल मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर निरखपुर गांव में ब्रिटिश काल के दौरान सन 1919 में राजकीय बुनियादी विद्यालय का निर्माण किया गया था. जनता को शिक्षित करने के ख्याल से स्थानीय जमींदार श्रीकांत सिंह ने महात्मा गांधी के विचार से प्रभावित होकर इसका निर्माण कराया था. विद्यालय के जिस भवन में चरखा चलाने और सूत काटने का प्रशिक्षण दिया जाता था, आज वह तबेला बना हुआ है.
1954 से बिहार सरकार के अधीन
इस स्कूल को बिहार सरकार ने सन 1954 में अपने अधीन ले लिया. वहीं, इस विद्यालय में 5 एकड़ का बहुत बड़ा खेल का मैदान है. विद्यालय में छात्रों को बागवानी का भी प्रशिक्षण दिया जाता था. लेकिन समय बदलने के साथ शिक्षकों का तबादला होता गया और विद्यालय के भवन गिरते गए. वहीं, इस ग्रामीण परिवेश में शिक्षकों का विद्यालय आना बन्द हो गया. देख-रेख के अभाव में विद्यालय का भवन गिर पड़ा.
नहीं हुआ चारदीवारी का निर्माण
10 साल पहले बिहार सरकार की ओर से विद्यालय के सुंदर भवन का निर्माण तो कराया गया. लेकिन चारदीवारी का निर्माण नहीं कराया गया. पालीगंज प्रखंड में बुनियादी विद्यालय की संख्या 3 है. सरकार की देख-रेख में शेष सभी विद्यालय में चारदीवारी का निर्माण कर सुरक्षित कर दिया गया. लेकिन इस विद्यालय का भवन चारदीवारी के अभाव में आज भी असुरक्षित है. विद्यालय में शौचालय भी नहीं है. अभी भी विद्यालय में 179 छात्र नामांकित हैं. जिन्हें पढ़ाने के लिए 6 शिक्षक बहाल हैं. लेकिन विद्यालय में एक या दो शिक्षक ही उपलब्ध रहते हैं. इस समय विद्यालय में 10 से 15 छात्र ही उपस्थित रहते हैं.
स्कूल नहीं आते शिक्षक
विद्यालय पहुंच कर जायजा लिया गया तो वहां मात्र एक शिक्षक ही उपलब्ध थे. वहीं, कई महीनों से बच्चों का मध्यान भोजन बन्द है. बच्चों ने बताया कि हमलोगों को कई सालों से पोशाक की राशि नहीं दी गई है. वहीं, विद्यालय के रसोईया फुलवन्ति देवी ने बताया कि शिक्षक नहीं आते हैं तो बच्चे भी नहीं आते हैं. कई महीनों से मध्यान भोजन बन्द है. ग्रामीण वेद प्रकाश ने बताया कि विद्यालय में व्यवस्था सहित संसाधन का अभाव है. कई बार पालीगंज SDO सुरेंद्र कुमार से मिलकर शिकायत की गई. लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ.