पटना: बिहार में सीएम नीतीश (CM Nitish) का ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना (Saat Nischay Yojana) के तहत 'हर घर नल का जल योजना' के क्रियान्वयन में लेट लतीफी के कारण अभी तक कई वार्डों में पाइप भी नहीं बिछाए गए हैं. कई वार्डों में पाइप बिछाए गए तो उसमें से पानी ही गायब है. ऐसे में पानी के लिए लोग तरस रहे हैं.
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नगर निगम की माने तो नगर विकास विभाग (Urban Development Department) के तरफ से कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होने की वजह से यह योजना धरातल पर अभी तक नहीं उतर पाई है. 'जल ही जीवन है' यह मात्र स्लोगन नहीं है, एक ऐसा सच है, जिसे दुनिया में कोई झुठला नहीं सकता है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गरीबों की प्यास बुझाने के लिए 2015 में जब महागठबंधन के साथ सरकार बनाई थी, उस समय उन्होंने सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल के माध्यम से शुद्ध पेयजल मिल सके इसकी शुरुआत की थी. इस योजना को शुरू हुए 6 साल से अधिक हो गए, लेकिन अभी भी यह योजना पूरी तरह से धरातल पर नहीं दिख नहीं रही है. राजधानी पटना में ही यह योजना दम तोड़ रही है.
हर घर नल का जल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वकांक्षी परियोजना है. पंचायतों में मुखिया के माध्यम से इस योजना को कार्य पूरा कराने का किया जाता रहा है. वहीं, नगर निकाय, नगर निगम क्षेत्रों में वार्ड पार्षदों के माध्यम से काम कराने का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन, राजधानी पटना नगर निगम क्षेत्र में यह योजना अभी तक पूरी तरह से सफल होते हुए नहीं दिख रही है.
पटना नगर निगम सभी 75 वार्डों में नल का जल योजना का कार्य कर रही है. कुल 75 वार्डों में लगभग 875 किलोमीटर पाइप बिछाने हैं, ताकि लोगों को इस योजना के तहत शुद्ध पेयजल मुहैया हो सके. लेकिन, इस योजना को लेकर नगर विकास विभाग और नगर निगम के बीच आपसी समन्वय नहीं होने के कारण अभी तक यह योजना 6 सालों में मात्र 40% ही हो पाई है.
''सरकार की यह योजना बेहतरीन है, लेकिन उन्हें धरातल पर उतारने वाले इतने सुस्त रवैया अपनाते हैं कि सरकार की योजना धरी की धरी रह जाती है. पाइप तो बिछ गए हैं, लेकिन अभी तक इस में पानी नहीं आता है.''- पटनावासी
पटना में हर घर नल का जल योजना की रफ्तार पर निगम अपना पल्ला झाड़ रहा है. निगम के अधिकारियों का कहना है कि योजना की लेटलतीफी के पीछे कर्मचारियों का हाथ है. जिसके चलते योजना के क्रियान्वयन में देरी हो रही है. नगर निगम के वार्ड पार्षदों की माने तो नगर निगम में नगर विकास विभाग के जो भी पदाधिकारी आ रहे हैं. वह काम को लेकर अपना इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे हैं.
साथ ही सरकार के तरफ से कोई भी सक्षम पदाधिकारी नगर निगम को मुहैया नहीं कराया जा रहा है, जिसके चलते इस योजना में लेट लतीफी हो रही है. वार्ड पार्षदों की माने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इस योजना को लेकर मॉनिटरिंग समय-समय पर करें, साथ ही जो भी लोग इस योजना को लेकर काम करवा रहे हैं, उनसे सीधा संवाद करें. तभी इस योजना को धरातल पर उतार सकते हैं. उन्होंने कहा कि राजधानी पटना में जिस तरह से कार्य धीमी गति से चल रही है. इसको लेकर मेयर सीता साहू खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने वाली हैं.
''सरकार द्वारा इस योजना को लेकर जो राशि उपलब्ध करवाई गई है. वह राशि वैसे की वैसे पड़ी है. लेकिन, अभी तक कोई भी पदाधिकारी नगर विकास विभाग से नहीं मिल पाए हैं. जिसकी वजह से इस योजना का कार्य कछुए की रफ्तार से हो रहा है.''- इंद्रदीप चंद्रवंशी, वार्ड पार्षद, पीएमसी
बता दें कि 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय योजना बनाई थी. उन्हीं योजनाओं में से एक महत्वाकांक्षी योजना लोगों को शुद्ध पेयजल मिले है. इसके लिए हर घर नल का जल पहुंचाने का निश्चय किया गया था. इस योजना को लेकर 6 साल होने को है. लेकिन, राजधानी पटना में ही सरकार की यह योजना दम तोड़ रही है. ऐसे में अन्य जिला या गांव का क्या हाल होगा. देखने वाली बात होगी कि लोगों को शुद्ध पेयजल को लेकर इस योजना का कार्य कब तक पूरा होता है.
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