पटना: राजधानी पटना के आयुर्वेदिक अस्पताल संचालक सरकार से कोरोना मरीजों के इलाज की अनुमति मांग रहे हैं. उनका कहना है कि उनके पास भी काफी संख्या में बेड उपलब्ध हैं. जहां कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेशन सेंटर तैयार किया जा सकता है. उनका बेहतर इलाज भी किया जा सकता है.
बताते चलें कि देश की राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में आयुर्वेदिक अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है और इन अस्पतालों में डेथ रेट भी काफी कम है.
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कठिन घड़ी में करना चाहते हैं सेवा
राजधानी पटना के नाला रोड स्थित पतंजलि चिकित्सालय आयुर्वेदिक हॉस्पिटल के प्रभारी वैद्य अजीत कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी की इस कठिन घड़ी में हम लोग भी कोरोना मरीजों की सेवा करना चाहते हैं. कोरोना एक संक्रामक की बीमारी है. यह शरीर के इम्यून सिस्टम को, रेस्पिरेटरी सिस्टम को और डाइजेस्टिव सिस्टम को प्रभावित करता है.
इम्यून सिस्टम की बात करें तो इसके लिए हमें अपने शरीर के फाइटर केमिकल को बढ़ाना होगा. इसके लिए हमारा आहार और व्यवहार उचित हो, यह जरूरी है.
सुपाच्य भोजन का सेवन जरूरी
अजीत कुमार ने कहा, रेस्पिरेटरी सिस्टम की बात करें तो इसके लिए हमें अपने लंग्स के स्ट्रैचिंग कैपेसिटी को मजबूत बनाना होगा. इसके लिए अनुलोम, विलोम और अन्य योग काफी मददगार होंगे. देश के एलोपैथिक जगत के वरिष्ठ चिकित्सक चाहे वह एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया हो या फिर मेदांता के निदेशक डॉ. नरेश त्रेहान हों. सभी ने यह माना है कि 90% कोरोना मरीज योग के माध्यम से ही घर बैठे आसानी से ठीक हो सकते हैं. जहां तक डाइजेस्टिव सिस्टम की बात है, तो इसके लिए हमारा आहार उचित होना चाहिए. सादा और सुपाच्य भोजन का सेवन करें और विटामिन सी युक्त सब्जी, फल और अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन करें.
20 से 25 बेड हैं उपलब्ध
पतंजलि चिकित्सालय आयुर्वेद अस्पताल के प्रभारी वैद्य अजीत कुमार ने कहा कि आयुर्वेद अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज की अनुमति जरूर मिलनी चाहिए. देश के कई हिस्सों में आयुर्वेदिक अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा है और रिकवरी रेट भी काफी बेहतर है.
ऐसे में बिहार में भी आयुर्वेदिक अस्पतालों को कोरोना मरीज के इलाज की अनुमति मिलनी चाहिए. उन्होंने सरकार से कहा है कि उनके पास 20 से 25 की संख्या में बेड उपलब्ध हैं. जहां आसानी से कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेशन सेंटर तैयार किया जा सकता है.
भारतीय पद्धति का होगा प्रचार-प्रसार
उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें कुछ कोरोना मरीज दे, ताकि वह उन मरीजों को उचित योगासन करा और अन्य आयुर्वेदिक पद्धति के माध्यम से ठीक कर सकें. इससे ना सिर्फ कोरोना मरीजों को ही लाभ होगा बल्कि भारतीय पद्धति का भी प्रचार-प्रसार होगा. योग और भारतीय आहार-व्यवहार के बारे में लोग जानेंगे.
करते हैं स्वास्थ्य जनित समस्याओं का निदान
अजीत कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में हमने एक नंबर जारी किया हुआ है. जिस पर लोग फोन कर दिन भर अपनी समस्या बताते हैं. वे टेली काउंसलिंग के माध्यम से लोगों के स्वास्थ्य जनित समस्याओं का निदान करते हैं. अभी के समय जिस प्रकार अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं उपलब्ध हो पा रहा है, अगर राज्य सरकार उन्हें कोरोना मरीजों के इलाज की अनुमति दें तो यह सरकार का एक बहुत बड़ा कदम होगा.
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