पटना: राजधानी पटना स्थित मसौढ़ी में सरकारी जमीन पर भूमिहीनों को बसाने के लिए कवायद तेज (Settle Of landless in Masaurhi) हो गई है. ग्रामीण आशा किरण संस्था हजारों भूमिहीनों को संवैधानिक अधिकार के तहत जमीन के लिए जागरूकता अभियान चलाकर जागरूक कर रही है. भूमिहीनों को अपने हक की जमीन लेने और बासगीत पर्चा दिलाने के लिए मुहिम चलाने की तैयारी में जुटी है.
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भूमिहीनों को जमीन दिलाने के लिए अभियान: मसौढ़ी में 17 पंचायतों में अभी हजारों परिवार ऐसे हैं, जो आहर-पाइन के किनारे बसे हुए हैं. इनलोगों के पास अपनी जमीन नहीं है. कई लोगों को मिले हुए बासगीत पर्चा के बावजूद भी दखल नहीं हो सकी है. इस परिस्थिति में आज भी वे लोग बेघर हो गए हैं. सरकार लगातार उन सभी बेघर लोगों को बसाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है. आज भी भूमिहीन लोग जमीन के लिए लालायित हैं. वे सभी लोग आहर के किनारे अपना आशियाना बनाकर जीवन गुजर बसर कर रहे हैं.
"हमलोग उन भूमिहीनों के लिए जागरुकता अभियान चला रहे हैं जिनके पास सरकार के द्वारा बासगीत पर्ची है. इसके बावजूद भी इन लोगों के पास अभी तक अपने हक का जमीन नहीं मिल पाया है. उनसभी लोगों को सरकार से जमीन का हक दिलाने के लिए आगे भी सूची तैयार करने के बाद कार्रवाई भी करेंगे"::- सिस्टर आशा, कार्यक्रम संयोजक
प्रशासन करती है बेघर: कभी-कभी अतिक्रमण के नाम पर उन सभी लोगों को बेघर कर देती है. ऐसे में एक बार फिर से जमीन का अधिकार संवैधानिक अधिकार की लड़ाई शुरू हो गई है. सरकार से उन तमाम भूमिहीनों को जमीन दिलाने के लिए जमीन का अधिकार के तहत उन्हें जागरूक किया जा रहा है. इधर, अनुमंडल के भूमि उप समाहर्ता अमित कुमार पटेल ने बताया कि आसपास के सभी भूमिहीनों के लिए सरकार तीन या पांच डिसमिल जमीन देकर उन सभी लोगों को बसा रही है. विभिन्न प्रखंडों के अंचलों के पंचायतों में कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि भूमिहीनों का सूची तैयार करें और उन्हें दखल दिलाने और उन्हें जमीन चिन्हित कर दिया जाए.