पटना: कोरोना वायरस के संभावित खतरे से निपटने के लिए सरकार ने कई अपने अधीनस्थ मेडिकल कॉलेजों में कोरोना का आइसोलेशन वार्ड बनाया है. इस वायरस से बचाव और रोकथाम को लेकर सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में इलाज की मुक्कमल व्यवस्था की गयी है. इसको लेकर राज्य के सभी मेडिकल कालेज अस्पताल से ब्लड सेंपल आर.एम.आर.आई.एम.एस. पहुंच रहे हैं. हालांकि, अभी तक सभी सैम्पल नेगेटिव पाए गए हैं.
'चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान'
इस मामले को लेकर आर.एम.आर.आई.एम.एस के निदेशक प्रदीप दास ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर राज्य के कई जिलों में अलग-अलग अफवाहों का बाजार गर्म हो रहा है. लोगों को इस वायरस के बारे में काफी कम जानकारियां हैं. लोग इस वायरस के दहशत से घरों में कैद हैं. इस वायरस को लेकर सरकार ग्रामीण इलाके में जागरुकता अभियान चला रही है. वहीं, नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोरोना नोडल प्रभारी डॉ. अजय कुमाप सिन्हा ने कहा कि इस वायरस को लेकर जगह-जगह पर जागरुकता कार्यक्रम चालाए जा रहे हैं. इस वायरस का कोई मुक्कमल इलाज नहीं है. इसका इलाज एकमात्र सजगता और जागरुकता है.
हाई अलर्ट पर है बिहार
गौरतलब है कि इस वायरस को लेकर बिहार सरकार ने पहले ही प्रदेश को हाई अलर्ट पर रखा है. वायरस के संभावित खतरे से निपटने के लिए सरकार लगातार अधिकारियों के संपर्क में है और सीएम नीतीश लगातार बैठकें भी कर रहें हैं. कोरोना वायरस को लेकर डॉ. प्रदीप दास और डॉ. अजय सिन्हा ने बताया कि कोरोना को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाये जा रहे हैं. बिहार में अभी तक एक भी कोरोना का मरीज नहीं मिला है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वायरस से बचाव के लिए सावधानी बरतें, अफवाहों से दूर रहें और अधिक जानकारी के लिए पास के स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे और वहां मौजूद कर्मियों से अधिक जानकारी लें.