पटनाः बिहार में महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan Government In Bihar) बनने के बाद विधानसभा का अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को बनाया गया. सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सदन की परिपाटी के तहत उनका हाथ पकड़कर सीट पर बैठाया.
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महागठबंधन दल के सभी नेता रहेंगे मौजूदः विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित महागठबंधन और विपक्षी दल के सभी नेता मौजूद रहे. आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी का निर्विरोध चुना गया है. विपक्ष में बीजेपी अकेले पार्टी है और संख्या बल के हिसाब से केवल 76 विधायक हैं. जबकि महागठबंधन के 7 दलों के पास कुल 164 विधायकों का समर्थन है और एआईएमआईएम के एक विधायक भी महागठबंधन को ही सपोर्ट कर रहे हैं, तो इसलिए संख्या बल को लेकर कहीं कोई परेशानी नहीं हुई. अवध बिहारी चौधरी असानी से विधानसभा के अध्यक्ष बन गए. विपक्ष की ओर से बीजेपी ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था.
कौन हैं अवध बिहारी चौधरीः अवध बिहारी चौधरी का जन्म 17 अगस्त 1954 को सिवान के पटवा में एक किसान परिवार में हुवा था. वो सिवान से छह बार विधायक रहे हैं. इनके पास चार दशक का सियासी अनुभव है. जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और सियासी संघर्ष से अपनी राजनीतिक जगह बनाई है. अवध बिहारी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं. इसके अलावा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से भी इनके अच्छे संबंध है. कहा जाता है कि अवध बिहार को सियासी बुलंदी पर लाने वाले सिवान से दिवंगत सांसद शहाबुद्दीन की भी भूमिका रही है.
विधानपरिषद में उपसभापति के नाम का होगा ऐलानः बिहार विधानमंडल के दोनों सदन की अगर हम बात करें तो विधानसभा का अध्यक्ष पद आरजेडी के खाते में गया है. उपाध्यक्ष पद जदयू के खाते में है. वहीं, विधानपरिषद में सभापति का पद जदयू के खाते में गया है और राजद के खाते में उपसभापति का पद गया है. कुल मिलाकर देखे तो दोनों सदन में महागठबंधन के दो प्रमुख दल राजद और जदयू ने अध्यक्ष उपाध्यक्ष पद को आपस मे बांट लिया है.
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