पटना: बीजेपी विधान पार्षद अवधेश नारायण सिंह ने विधान परिषद के कार्यकारी सभापति का पदभार संभाल लिया. पिछले महीने ही उपसभापति हारून रशीद का कार्यकाल खत्म होने के बाद सभापति का पद भी खाली हो गया था. कार्यकारी सभापति ने कार्यभार संभालते हुए कहा कि पिछला अनुभव आगे काम करने में मददगार होगा.
मंत्री से लेकर सभापति का भी संभाला है पदभार
इस पद के लिए कई तरह के नामों पर कयास लगाए जा रहे थे. अवधेश नारायण सिंह का नाम सबसे ऊपर था और इन्हीं के नाम पर मुहर भी लगी. सिंह बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री भी रह चुके हैं. इससे पहले भी लंबे समय तक वो बिहार विधान परिषद के सभापति पद पर भी रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी करीबी रहे हैं अवधेश
पहले भी अवधेश नारायण सिंह को सभापति बनाए जाने की चर्चा होती रही है. इसीलिए जब हारून रशीद का कार्यकाल पूरा हुआ, तो इन्हें कार्यकारी सभापति बनाया गया है. अवधेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी करीबी रहे हैं. मंगलवार को ही उनके नाम पर कैबिनेट में मुहर लगी और राजभवन ने अपनी अनुमति दे दी थी. आज पदभार संभालने के बाद उन्होंने कहा कि ये चुनौती नहीं है एक मौका है. सभी को लेकर चलेंगे कहीं कोई दिक्कत नहीं होगी. मुझे पहले भी सबकी मदद मिलती रही है. अब तो पिछला अनुभव भी है, जो काम आएगा.
ढाई दशक से अधिक समय से राजनीति में है सक्रिय
अवधेश नारायण सिंह ने सिंदरी से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं. बीजेपी में विभिन्न पदों पर भी काम संभाला हैं. लगभग ढाई दशक से वे बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं और बिहार सरकार में मंत्री भी रहे हैं. पार्टी ने एक बार फिर से अवधेश नारायण सिंह पर विश्वास किया है. विधान परिषद में बधाई देने वालों का तांता लगा रहा