पटना: राजधानी पटना (Encroachment removal campaign in Patna) के राजीव नगर इलाके में सरकारी जमीन पर बने अवैध मकानों को तोड़ने का निर्देश जिला प्रशासन द्वारा दिया गया है. जिसके बाद आज अहले सुबह राजीव नगर स्थित नेपाली नगर में जिला प्रशासन की टीम के द्वारा मकान तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई. जिसका विरोध स्थानीय लोगों ने शुरू कर दिया है और देखते ही देखते स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव करते हुए उन्हें खदेड़ना शुरू कर दिया. इस घटना में पटना के सिटी एसपी अम्बरीष राहुल घायल (City Central SP Ambrish Rahul) हो गए हैं.
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अवैध मकानों पर चला प्रशासन का बुलडोजर: दरअसल, पिछले महीने नोटिस देने के बाद 20 एकड़ पर बने अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए दर्जनों बुलडोजर के साथ पटना जिला प्रशासन की टीम और सैकड़ों पुलिस बल की टीम राजीव नगर इलाके के नेपाली नगर पहुंची. जहां अपने मकान को टूटता देख स्थानीय लोग उग्र हो गए और पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. इस घटना में पटना के सिटी एसपी सेंट्रल उपद्रवियों के पत्थर से घायल हो गए. स्थानीय लोग बीच सड़क पर पुलिस को रह-रह कर खदेड़ रहे हैं. वहीं, जिला प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है.
स्थानीय लोगों ने सरकार पर उठाए सवाल: इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया है कि आज से 20 साल पहले जब उन्होंने जमीन खरीदा था. रजिस्ट्री करवाने के बाद अपने जमीन की तमाम कागजात बनवाए थे. उस समय सरकार कहां थी और आज मकान बन जाने के 20 साल के बाद सरकार राजीव नगर इलाके के लोगों के मकान को अवैध घोषित कर रही है. अब इस 20 वर्षों तक अपने मकान में रहने के बाद स्थानीय लोग सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि वो जाएं तो जाएं कहां.
पटना में अतिक्रमण हटाओ अभियान: आपको बताएं कि पिछले दिनों राजीवनगर के लोगों ने बुलडोजर पर रोक लगाने की मांग को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy CM Tarkishore Prasad) के पटना स्थित आवास के बाहर प्रदर्शन भी किया था. इन प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं. इनका कहना है कि पटना प्रशासन ने राजीव नगर के नेपाली नगर में 3 दर्जन से ज्यादा मकान को तोड़ने का आदेश जारी किया है. यहां लगभग 20 एकड़ भूमि को अधिग्रहित कर पटना उच्च न्यायालय के जजों के लिए आवास बनाया जाना है. सदर अंचलाधिकारी की ओर से 70 लोगों को नोटिस भेजा गया है. यह इलाका राजीव नगर थाने और कर्पूरी भवन के पीछे वाला इलाका है. इससे पहले नेपाली नगर के घुड़दौड़ रोड में सीआईएसएफ के कैंप कार्यालय, सीबीएसई के लिए भूमि अधिग्रहित की गई थी. इस दौरान इस इलाके में स्थानीय लोगों और पुलिस प्रशासन के बीच हंगामा हुआ था.
"कुछ उपद्रवी तत्व इकट्ठा होकर पत्थर बाजी किए, अगजनी किए, जिसमें दो जवान और सिटी एसपी सेंट्रल को हल्की चोटें आई है. लेकिन वो गंभीर नहीं है और वो पूरी तरह से सुरक्षित हैं. उसके बाद हम और एसएसपी साहब पहुंचे हैं यहां. सभी लोगों को खदेड़ दिया गया है. और पूरी तरह से हमलोग अपने कब्जे में ले लिये हैं. तोड़ने की कार्रवाई चल रही है और पूरा तोड़े जाने तक ये कार्रवाई चलती रहेगी. अभी चालीस एकड़ हमलोग खाली करवा रहे हैं जिसमें 90 संरचनाएं है उनका तोड़ा जा रहा है और उसको पूरी तरह से तोड़ेंगे. अभी एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और बाकी वीडियो फुटेज के आधार पर हमलोग चिन्हित कर रहे हैं. जिनकी गिरफ्तारी हमलोग रात में करेंगे. अभी इसमें पूरी तरह से भू माफिया और लैंड माफिया शामिल हैं. अभी तक तीन समितियों को चिन्हित किया गया है, जो आपस में नेक्सेस बनाकर के अवैध ढ़ंग से क्रय विक्रय कर रहे हैं. भोले भाले लोगों को फंसा रही है. उसका अब नुकसान हो रहा है."-डॉ चंद्रशेखर सिंह, जिला पदाधिकारी, पटना
"राजीव नगर विषय पर लगातार सड़क से लेकर सदन तक मैं आवाज उठाने का काम करता रहा हूं. अभी हाल के दिनों में 20 एकड़ से संबंधित अंचलाधिकारी का जो निर्णय आया है, वह सरासर गलत है. जिसमें कहा गया है कि वहां के लोग गलत तरीके से मकान को बनाया है. मकान तोड़ने का जो आदेश अंचालधिकारी को दिया है. वहां के लोग ने संबंधित पदाधितारी के पास जाने का भी काम किया है. सक्षण पदाधिकारी जिला पदाधिकारी के पास भी जाने का काम किया है. कभी भी कोई निर्णय खो नहीं पाया है और बिना जिलाधिकारी सुने हुए और इस प्रकार दमकारी रवैये को अपनाते हुए वहां हजारों की संख्या में सैन्य बल को भेजना, आंशु गैस निहत्थे महिलाओं पर चलाना, लाठियां बरसाना, ये दमनकारी रवैया अपनाया जा रहा है वह बहुत ही गलत है. मैने पहले भी कहा था कि इस प्रकार की कोई घटना होगी तो मैं वहां खड़ा रहुंगा पर दुख है कि मै वहां नहीं हूं. मैं हैदराबाद में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में हूं. कोई जानकारी भी नहीं थी. रात में इस प्रकार से जाकर जैसे लगता है कितना बड़ा बवाल हो रहा है वहां पर और उकसाने का काम हो रहा है जिला पदाधिकारी के द्वारा."-संजीव चौरसिया, दीघा विधायक
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