पटनाः बीपीएससी पेपर लीक मामले (BPSC Paper Leak Case) में जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जांच एजेंसी द्वारा जदयू नेता और गया के डेल्हा स्थित राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल शक्ति कुमार की गिरफ्तारी के बाद उनके नंबर कि सीडीआर से तीन और नेता के नाम सामने आए हैं. हालांकि इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई इनके खिलाफ ठोस सबूत जुटाने में लगी है. वहीं, ईओयू इस केस में फरार चल रहे चार लोगों की तलाश में जुटी है. जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और कुर्की जब्ती का आदेश भी कोर्ट से ले लिया गया है.
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कुर्की जब्ती के मिले आदेशः बीपीएससी पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई द्वारा अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति जेडीयू नेता शक्ति कुमार को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि इनसे पूछताछ के दौरान कई तरह के और खुलासे हो सकते हैं. ईओयू को इस पूरे मामले में अभियुक्त आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव, प्रयागराज के कपिल देव सरोज और केशव झा की तलाश है. जिनके खिलाफ कुर्की जब्ती का आदेश जारी किया गया है. आर्थिक अपराध इकाई जल्द ही इन चारों फरार अभियुक्तों के घरों की कुर्की जब्ती करेगी.
ईओयू ने ली बीपीएससी से भी कई जानकारियांः वहीं, जदयू नेता शक्ति कुमार जिन्होंने क्वेश्चन पेपर को स्कैन कर लिया था, उनकी संपत्तियों की भी जांच ईओयू करेगी. दरअसल शक्ति कुमार का जब कॉल डिटेल्स निकाला गया तो उनके मोबाइल में फरार चल रहे कपिल देव और आनंद गौरव के बीच बातचीत का सबूत मिला. इसके अलावा आर्थिक अपराध इकाई उस पहलू पर भी जांच कर रही है आखिर राम चरण सिंह कॉलेज को अनुमति वहां के डीएम के द्वारा कैसे दी गई थी. जिसको लेकर डीएम के ओएसडी से पूछताछ की जाएगी. यही नहीं इस पूरे मामले में बीपीएससी से भी काफी सारी जानकारियां आर्थिक अपराध इकाई द्वारा मांगी गई है.
वायरल प्रश्न की परीक्षार्थियों ने की थी पुष्टिः आपको बता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न पत्र परीक्षा आरंभ होने से करीब 15 मिनट पहले वायरल (67th BPSC Exam Paper Leak) हो गए थे. वायरल प्रश्न की पुष्टि परीक्षा समाप्त होते ही परीक्षार्थियों ने कर दी थी. इसकी जानकारी सीएमओ को ई-मेल से दी गई थी. मामले को लेकर आयोग ने जांच कमेटी गठित की. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. अब इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई द्वारा की जा रही है. जिसमें कई छात्रों, अधिकारियों और नेताओं के नाम सामने आए हैं.