पटना: बिहार की राजधानी पटना में सूबे के विभिन्न विवि के हटाए गए अतिथि सहायक शिक्षक समायोजन की मांग को लेकर सोमवार को विधानसभा मार्च (Assembly march of guest assistant teachers) करेंगे. अलग-अलग विश्वविद्यालयों में यूजीसी के मानदंडों पर पिछले 7 वर्षों से बहाल अतिथि सहायक शिक्षकों को हटाए जाने के खिलाफ और समायोजन करने की मांग को लेकर विधानसभा मार्च करने की तैयारी की जा रही है. सभी हटाए गए अतिथि सहायक शिक्षक दिन के 11:00 बजे से गांधी मैदान से विधानसभा मार्च शुरू करेंगे. इसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों अतिथि शिक्षक बड़ी संख्या में शामिल होंगे.
ये भी पढ़ेंः पटना में शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव, अतिथि शिक्षक समायोजन की मांग को लेकर अड़े
सभी विवि से हटाए गए अतिथि शिक्षक: इस विधानसभा मार्च कार्यक्रम के संयोजक और पटना विश्वविद्यालय में हिंदी विषय में अतिथि शिक्षक के तौर पर बहाल हुए प्राध्यापक पीयूष राज ने बताया कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में कई वर्षों से काम कर रहे अतिथि सहायक शिक्षकों को हटाया जा रहा है. मुजफ्फरपुर में 32, तो ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में लगभग 30 सहायक अध्यापकों की सेवा समाप्त कर दी गई है. इसके अलावा आने वाले दिनों में 100 से अधिक अतिथि सहायक अध्यापकों को हटाए जाने की संभावना है. उन्होंने कहा कि अस्थाई प्राध्यापकों की बहाली में उन लोगों को कोई वरीयता नहीं दी गई. इस कारण आज उनके सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है.
"विभिन्न विश्वविद्यालयों में कई वर्षों से काम कर रहे अतिथि सहायक शिक्षकों को हटाया जा रहा है. मुजफ्फरपुर में 32, तो ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में लगभग 30 सहायक अध्यापकों की सेवा समाप्त कर दी गई है. इसके अलावा आने वाले दिनों में 100 से अधिक अतिथि सहायक अध्यापकों को हटाए जाने की संभावना है" - पीयूष राज
अतिथि शिक्षकों को समायोजित किया जाना चाहिए: अतिथि सहायक अध्यापक संघ के सचिव डॉ अमोद प्रबोधी ने कहा कि अतिथि शिक्षकों को हटाए जाने के कारण पूरे राज्य के अतिथि शिक्षकों में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि उन लोगों की मांग है कि जिस प्रकार हरियाणा, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने अतिथि सहायक शिक्षकों का नियमितीकरण किया है उसी प्रकार का कदम बिहार सरकार भी उठाए और उन लोगों को समायोजित करे.
"अतिथि शिक्षकों को हटाए जाने के कारण पूरे राज्य के अतिथि शिक्षकों में आक्रोश है. हमारी मांग है कि जिस प्रकार हरियाणा, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने अतिथि सहायक शिक्षकों का नियमितीकरण किया है उसी प्रकार का कदम बिहार सरकार भी उठाए" - डॉ अमोद प्रबोधी, सचिव, अतिथि सहायक अध्यापक संघ