पटना: कोरोना महामारी के कारण देशभर में तमाम राजनीतिक गतिविधियां ठप थी. भाजपा की डिजिटल रैली की घोषणा के बाद से प्रदेश की सियासत में एक बार फिर से हलचल बढ़ गई है. चुनावी हलचल को भांपते हुए टिकट दावेदारों ने अपनी हाजिरी को पार्टी कार्यालय में लगानी शुरू कर दी है. हालांकि, कोरोना के खतरे को देखकर पूरे देश में 30 जून तक लॉकडाउन लागू है. बावजूद, टिकट मिलने की बेकरारी ने माननियों को पार्टी कार्यालय के दरवाजे पर आने को मजबूर कर दिया है.
भाजपा कार्यालय में बढ़ी सरगर्मियां
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देश में 30 जून तक लॉक डाउन लागू है. हालांकि, बिहार में राजनीतिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं. भाजपा दफ्तर में सरगर्मी बढ़ गई है. टिकट के दावेदारों ने पार्टी दफ्तर मैं अपनी उपस्थिति लगानी शुरू कर दी है. विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही टिकट के दावेदारों की बेचैनी बढ़ गई है. भाजपा पार्टी कार्यालय के साथ-साथ अन्य सियासी दलों को कार्यालय पर भी लोगों की भीड़ बढ़ गई है.
टिकट पाने की जद्दोजहद में माननीय
बता दें कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 5.0 की घोषणा करते समय कहा था कि बंदी में रियायत जरूर दी जा रही है. लेकिन कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. इस वजह से बेवजह अपने घरों से बाहर नहीं निकले. जब से बीजेपी ने डिजिटल रैली की शंखनाद किया है. तब से टिकट पाने वाले नेताओं की भीड़ भाजपा पार्टी कार्यालय में बढ़ती ही जा रही है. विधान सभा चुनाव की टिकट पाने के लिए भाजपा दफ्तर परिसर में सैकड़ों गाड़ियो का लगभग हर समय नजर आती है. एक ओर जहा भाजपा पार्टी कार्यालय में नेताओं की भीड़ बढ़ी हुई है. वहीं, जदयू कार्यालय के बाहर अब भी ताला लटका हुआ है.
साल के अंत तक चुनाव की संभावना
गौरतलब है कि साल के अंत तक बिहार विधान सभा के चुनाव होने की संभावना है. हालांकि कोरोना संक्रमण की वजह से चुनाव समय पर हो पाएगा या नहीं इसपर संशय कायम है. लेकिन मिल रही जानकारी के अनुसार चुनावी साल में बीजेपी ने कार्यकर्ताओं से कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ते हुए विधानसभा चुनाव पर रणनीति बनाने का टास्क दे दिया है.