पटना: कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में बिहार में पूर्ण शराबबंदी को लेकर समीक्षा करने की बात कही है. इसको लेकर सियासत तेज हो गई है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि कांग्रेस वाले बिहार में पूर्ण शराबबंदी का समर्थन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादातर वो लोग शराब पीनेवाले है. इसीलिए बिहार में पूर्ण शराब बंदी को लेकर तरह तरह की बात करते हैं.
क्या कहते हैं अश्विनी चौबे
अश्विनी चौबे ने कहा कि कांग्रेस पहले से ही सामाजिक सरोकार को ज्यादा तवज्जो नहीं देती है और पूर्ण शराबबंदी समाज सुधार के लिए लागू किया गया है. यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी अब जनता से दूर होती चली जा रही है. कांग्रेस को पूर्ण शराबबंदी पसंद नहीं है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे से जब चिराग पासवान को लेकर सवाल किया गया, तो वह इसको नजरअंदाज करते नजर आए. बता दें कि चिराग पासवान के मामले को लेकर अधिकांश भारतीय जनता पार्टी के नेता कुछ बोलने से कतराते हैं.
'शराबबंदी कानून की करेंगे समीक्षा'
बता दें कि कांग्रेस ने अपने बदलाव पत्र में कहा है कि हमारी सरकार बिहार के वर्तमान शराबबंदी कानून की समीक्षा करते हुए इस में आवश्यक सुधार करेगी. जिससे राज्य के गरीब एवं असहाय लोगों के साथ न्याय हो सके.पार्टी ने यह भी कहा कि शराबबंदी से राज्य के राजस्व को नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार इसके सकारात्मक उद्देश्य से भटक गई है.