नई दिल्ली/पटनाः केंद्रीय उपभोक्ता खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Minister Ashwini Kumar Choubey) ने कहा कि कोरोना काल में गरीबों को भूखा न रहना पड़े और उनके सामने अनाज का संकट पैदा न हो इसके लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) शुरू की गई थी. उन्होंने कहा कि पिछले साल और इस साल को मिलाकर कुल 15 महीने गरीबों को मुफ्त अनाज दिया गया. इस साल नवंबर महीने तक दिया जाता रहेगा.
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'नवंबर महीने में अब कुछ दिन और बचे हैं. पंद्रह महीनों में 600 लाख मीट्रिक टन अनाज राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित किया गया. ताकि इसको गरीबों के बीच में मुफ्त वितरण किया जा सके. 15 महीने तक हर परिवार के हर एक लाभुकों को हर महीने 5 किलो मुफ्त अनाज (गेहूं-चावल) दिया गया और अब भी दिया जा रहा है. पूरी दुनिया में किसी भी सरकार ने मुफ्त अनाज इतने लंबे समय तक लोगों को नहीं दिया. कई राज्यों का मैंने दौरा किया. मुफ्त अनाज ले रहे लाभार्थियों से बातचीत की. वह लोग खुश है. योजना जमीन पर सफल साबित हुई है'- अश्विनी चौबे, केंद्रीय राज्य मंत्री
दरअसल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को केंद्र सरकार नवंबर के बाद जारी रखने के मूड में नहीं दिख रही है. जबकि गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और विपक्षी दल पीएम मोदी से लगातार इसको 6 महीने से लेकर 1 साल तक और जारी रखने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है ऐसा नहीं होगा तो गरीबों के सामने अनाज का संकट पैदा हो जाएगा. उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर इस योजना को आठ महीने और जारी रखने की मांग की है.
वहीं, टीएमसी के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत रॉय ने इस योजना को 6 महीने जारी रखने की मांग की. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पीएम को चिट्ठी लिखकर छह महीने तक इस योजना को बढ़ाने की मांग की है. पूर्व केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री और कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने एक साल तक इस योजना को बढ़ाने की मांग पीएम मोदी से की है.
गैर बीजेपी शासित राज्यों व विपक्षी दलों का कहना है कि महंगाई बढ़ी है. कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. आए दिन रोज कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं. लंबे समय तक कोरोना काल और लॉक डाउन रहने से गरीबों, मजदूरों का कामकाज बंद हो गया. इसलिए मुफ्त अनाज देने की योजना को जारी रखा जाए नहीं तो गरीबों के सामने अन्न संकट पैदा हो जाएगा.
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उधर केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पाण्डेय ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में सुधार और ओएमएसएस नीति के तहत खुले बाजार में खाद्यान्न की अच्छी बिक्री को देखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के जरिए मुफ्त राशन वितरण को नवंबर से आगे बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं है.
बता दें कि इस योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 80 करोड़ लाभार्थियों को अलग से मुफ्त में पांच किलो खाद्यान्न गेहूं-चावल प्रतिमाह प्रति व्यक्ति के हिसाब से दिया जा रहा है. राशनकार्ड धारकों को इस योजना का लाभ मिल रहा है. मई से नवंबर 2021 के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 278 एलएमटी खाद्यान्न मुफ्त वितरण करने के लिए आवंटित किया गया है. जबकि पिछले साल अप्रैल से नवंबर 2020 में राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त वितरण के लिए 322 एलएमटी अनाज का आवंटन किया गया था.
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