पटना : राजधानी पटना में आशा कार्यकर्ताओं ने मानदेय में वृद्धि करने और नियमितीकरण (Uproar of ASHA workers demanding regularization) की मांग को लेकर डाक बंगला चौराहा और जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया. पटना जिला अधिकारी कार्यालय के बाहर सड़क पर बैठकर सैकड़ों आंगनबाड़ी सेविकाओं ने घंटों प्रदर्शन किया है. मांग नहीं माने जाने पर उन्होंने व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी.
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डाकबंगला चौराहे को किया जाम: 26 सूत्री मांगों को लेकर सैकड़ों की संख्या में आशा कार्यकर्ताओं ने पटना के डाकबंगला चौराहे को जाम कर दिया. जिलाअधिकारी के कार्यालय हिंदी भवन के बाहर सड़क पर बैठकर जमकर नारेबाजी की. मौके पर मौजूद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष कुमारी रंजना यादव ने कहा कि सरकार के दिए हुए सभी दायित्वों को आशा बहने और आंगनबाड़ी सेविकाएं करती हैंं. बावजूद आज तक उन्हें स्थायी नहीं किया गया और ना ही उनके वेतन में वृद्धि की गई.
डिप्टी सीएम भी छाड़ रहे हैं पल्ला : सभा को सम्बोधित करते हुए आशा कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष रंजना यादव ने कहा कि बिहार सरकार आशाओं से बेगारी में काम लेना चाहती है. बिहार में जब महागठबंधन की सरकार आई तो बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आशा कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया था कि उनकी सभी मांगों को पूरा किया जाएगा. बावजूद इसके आज बिहार के उपमुख्यमंत्री भी इनकी मांगों को लेकर अपना पल्ला झाड़ रहे है.
" डिप्टी सीएम ने आशा कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया था कि उनकी सभी मांगों को पूरा किया जाएगा. लेकिन अब चुप्पी साध ली है. मांग पूरा नहीं होता है तो आने वाले में चुनाव में आशा कार्यकर्ता अपने वोट का उपयोग कर सरकार को बदलने का काम करेगी." -कुमारी रंजना,आंगनबाड़ी संघ अध्यक्ष
सरकार बदलने की दी चेतावनी: वहीं, हंगामा प्रदर्शन कर सड़कों पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार को चेतावनी दी. बोलीं अगर समय रहते सरकार उनके मांगों पर गौर नहीं करती तो आने वाले समय में लाखों आशा कार्यकर्ता अपने वोट का उपयोग कर सरकार को बदलने का काम करेगी.