पटना: बुधवार को जब मानसून सत्र के तीसरे दिन बिहार विधान परिषद की कार्यवाही पहले हाथ में स्थगित हो गई थी और दूसरे हाफ में दिन में 2:30 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तब बीजेपी के सदस्यों ने नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी को लेकर जेडीयू के विधान परिषद की तरफ से लाए गए निंदा प्रस्ताव पर अपनी बातों को रखने की कोशिश कर रहे थे. उसी दौरान बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने मोर्चा संभाला.
विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्ष में बहस: बीजेपी विधान पार्षद ने विभिन्न में नियमों का हवाला देते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष का आशय सदन को लेकर टिप्पणी करना नहीं था. हालांकि इस बीच सत्ता पक्ष की तरफ से आरजेडी और जेडीयू के एमएलसी ने इसका जोरदार विरोध किया.
नवल किशोर यादव ने संभाला मोर्चा: सदन में मौजूद संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी मामले को सुलझाने की पहल की. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भूलवश और अज्ञानता वश में अंतर होता है. तब तक बीजेपी के विधान पार्षद डॉ. दिलीप जायसवाल ने भी सम्राट चौधरी और प्रो. नवल किशोर यादव के समर्थन में बातें कही.
'सुनील सिंह के पेट में मरोड़ उठता है..': इसी बीच आरजेडी विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह लगातार अपनी बात कहते रहे. जिसके बाद नवल किशोर यादव ने कहा कि सुनील कुमार सिंह को पीडी की बीमारी है. जिसके बाद सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि यह क्या होता है? तब बीजेपी एमएलसी ने कहा कि इस बीमारी में पेट में मरोड़ होता है. सुनील सिंह को भी पेट में दर्द होता है. इसलिए लगातार बोलते रहते हैं.
'नेता प्रतिपक्ष को तुतलाहट की बीमारी': वहीं, प्रो. नवल किशोर यादव के इतना कहते ही आरेजडी और जेडीयू के विधान पार्षदों ने जबरदस्त तरीके से इसका विरोध किया. सुनील कुमार सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष को तुतलाहट की बीमारी है. जिसके बाद बीजेपी के विधान पार्षदों ने जबरदस्त विरोध करने के साथ ही सदन से वाकआउट कर दिया.