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पासपोर्ट बनवाना हुआ अब और भी आसान, बिहार में महज 7 दिनों में हो रहा ऑनलाइन पुलिस वेरिफिकेशन

पासपोर्ट बनवाने वालों के लिए खुशखबरी है. अब पासपोर्ट बनवाना और भी आसान हो गया है. दरअसल 24 सितंबर 2020 को बिहार में एम पासपोर्ट पुलिस ऐप लॉन्च किया गया था. जिसके तहत पासपोर्ट का ऑनलाइन वेरिफिकेशन शुरू हो गया है. इसकी वजह से अब लोगों को ऑफिस और थानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं.

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Published : Mar 17, 2021, 6:22 PM IST

Updated : Mar 17, 2021, 7:44 PM IST

पटना: पासपोर्ट वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाने के लिए ऑनलाइन वेरिफिकेशन की व्यवस्था की गई है. पुलिस वेरिफिकेशन के लिए क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय द्वारा वेरिफिकेशन होना अनिवार्य है. पहले की तुलना में अब वेरिफिकेशन की पद्धति में भी परिवर्तन किया गया है. अब ऑनलाइन माध्यम से संबंधित थाना, टैबलेट और ऐप के माध्यम से आवेदक के बारे में पूरी जानकारी वेरिफाई करते हैं.

यह भी पढ़ें- विधान परिषद की सीट नहीं मिलने से HAM नाराज, दानिश रिजवान बोले- मांझी जल्द लेंगे कोई बड़ा फैसला

ऑनलाइन वेरिफिकेशन की व्यवस्था
पासपोर्ट वेरिफिकेशन ऑनलाइन होने से अब रियल टाइम में किसी व्यक्ति को जल्द से जल्द पासपोर्ट इश्यू हो सकेगा. इससे पहले पासपोर्ट इश्यू होने में काफी समय लगता था. पासपोर्ट वेरीफिकेशन को लेकर विशेष शाखा 'नोडल एजेंसी' है. जिसके तहत संबंधित थाने को वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाता है. पुलिस का काम है व्यक्ति के बारे में आपराधिक छवि या उनके कैरेक्टर सर्टिफिकेट की जानकारी देना. जिसके बाद पासपोर्ट कार्यालय निर्णय लेता है कि उस व्यक्ति को पासपोर्ट इश्यू करना है या नहीं.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- मंत्री-स्पीकर विवाद पर बोले मुकेश साहनी- सदन में जो हुआ वो ठीक नहीं

ऑनलाइन वेरिफिकेशन फॉर्मेट
पासपोर्ट कार्यालय द्वारा पुलिस वेरिफिकेशन को लेकर जो फॉर्मेट तैयार किया गया है, उसी के आधार पर पुलिस उस व्यक्ति के बारे में जानकारी पासपोर्ट कार्यालय को साझा करती है. जैसे पूर्व में उस व्यक्ति के बारे मे कोई अपराधिक इतिहास, उसका कैरेक्टर सर्टिफिकेट, उसने जो डॉक्यूमेंट साझा किया है वह सही है या नहीं, इन सभी बिंदुओं पर पुलिस द्वारा वेरिफिकेशन किया जाता है.

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ग्राफिक्स

बिहार पुलिस अव्वल
पासपोर्ट कार्यालय द्वारा बनाए गए नियम जिसमें 21 दिन के अंदर वेरिफिकेशन कर पासपोर्ट कार्यालय को सूचित करना होता है बिहार पुलिस इस काम में अव्वल है. जिस वजह से पासपोर्ट कार्यालय द्वारा बिहार पुलिस को पिछले वर्ष प्रोत्साहन राशि भी मुहैया करवाई गई थी.

यह भी पढ़ें- राज्यपाल कोटे से 12 विधान परिषद सदस्य मनोनीत, उपेन्द्र कुशवाहा को मिला 'घर वापसी' का इनाम

घर बैठे बनवायें पासपोर्ट
एम मोबाइल ऐप के जरिए कोई भी व्यक्ति घर बैठे पासपोर्ट के लिए अप्लाई कर सकता है. पासपोर्ट बनाने के लिए अभी तक किसी भी व्यक्ति को अपने साथ उनका डॉक्यूमेंट्स जैसे आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, सत्यापन रिकॉर्ड, जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, पेंशन प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज को रखने के लिए डीजी लॉकर का निर्माण किया गया है. जिसके बाद आसानी से पासपोर्ट कार्यालय द्वारा संबंधित व्यक्ति का डॉक्यूमेंट ऑनलाइन माध्यम से डीजी लॉकर के माध्यम से किया जा रहा है.

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ग्राफिक्स
'बिहार में पासपोर्ट इश्यू करवाने के लिए और अनियमितताओं को रोकने के लिए महत्वकांक्षी योजना एम पासपोर्ट तैयार किया गया है जिसके तहत बिहार के सभी थानों को टैब मुहैया करवाया गया है. ऐसे में पासपोर्ट बनाने के लिए अब आम लोगों को थाने और ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने होंगे. महज 7 दिनों के अंदर संबंधित आवेदक का वेरिफिकेशन पुलिस द्वारा किया जाएगा.-' प्रवीण मोहन सहाय, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी
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एम पासपोर्ट ऐप
अब एम पासपोर्ट ऐप से वेरिफिकेशन का काम किया जा रहा है. बिहार में भी पासपोर्ट का ऑनलाइन वेरिफिकेशन शुरू हो गया है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि पुलिस सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने में लगने वाले समय में कमी लाई जाए. पासपोर्ट इश्यू के लिए वैज्ञानिक पद्धति का लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है जिसके तहत डीजी लॉकर, एम पासपोर्ट, फिंगरप्रिंट्स के माध्यम से आवेदक की जांच की जा रही है.

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पासपोर्ट बनवाना हुआ अब और भी आसान

फर्जी पासपोर्ट बनवाना हुआ मुश्किल
पिछले महीने पासपोर्ट कार्यालय, राजधानी पटना और दरभंगा से कुल 9 ऐसे मामले सामने आए थे, जिसमें फर्जी दस्तावेज के आधार पर आवेदक द्वारा पासपोर्ट बनाने को लेकर अप्लाई किया गया था. पासपोर्ट कार्यालय के द्वारा संबंधित जिले के अधीक्षक को सूचित किया गया है और उन पर एफआईआप दर्ज कर कराई जा रही है. ऑनलाइन वेरिफिकेशन के कारण अब फर्जी पासपोर्ट बनवाना नामुमकिन होगा. 2 फरवरी 2021 को गया से एटीएस ने छापेमारी कर 6 संदिग्धों को पकड़ा था. उनके पास से फेक करेंसी और फर्जी पासपोर्ट बरामद हुआ था.

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पासपोर्ट वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाने के लिए ऑनलाइन वेरिफिकेशन

क्या होगा फायदा
बिहार सहित पूरे देश में कुछ आपराधिक प्रवृति वाले लोग अपना पूरा हुलिया बदलकर पासपोर्ट के लिए अप्लाई करते हैं. जिस वजह से पासपोर्ट कार्यालय द्वारा नई पद्धति का इस्तेमाल किया जा रहा है. जो भी आवेदक हैं उनका फिंगरप्रिंट भी लिया जाता है ताकि उस व्यक्ति के बारे में फिंगरप्रिंट के माध्यम से पता लगाया जा सके कि उसका अपराध का रिकोर्ड है या नहीं.

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एम पासपोर्ट ऐप के कारण अब लोगों को ऑफिस और थानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे

ई पासपोर्ट की कोशिश
विदेश मंत्रालय द्वारा ई पासपोर्ट को लेकर भी कार्य किया जा रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही ई पासपोर्ट भी लोगों को जारी किया जाएगा. जिससे आने वाले समय में गलत व्यक्ति को पासपोर्ट इश्यू नहीं हो पाएगा. लगातार देखने को मिलता है कि पासपोर्ट इश्यू होने में अनियमितताएं सामने आती हैं. अनियमितताओं को दूर करने के लिए डीजी लॉकर ई पासपोर्ट जैसे कदम केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये हैं. जिसके बाद उम्मीद है कि अब फेक पासपोर्ट नहीं जारी होगा.

पटना: पासपोर्ट वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाने के लिए ऑनलाइन वेरिफिकेशन की व्यवस्था की गई है. पुलिस वेरिफिकेशन के लिए क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय द्वारा वेरिफिकेशन होना अनिवार्य है. पहले की तुलना में अब वेरिफिकेशन की पद्धति में भी परिवर्तन किया गया है. अब ऑनलाइन माध्यम से संबंधित थाना, टैबलेट और ऐप के माध्यम से आवेदक के बारे में पूरी जानकारी वेरिफाई करते हैं.

यह भी पढ़ें- विधान परिषद की सीट नहीं मिलने से HAM नाराज, दानिश रिजवान बोले- मांझी जल्द लेंगे कोई बड़ा फैसला

ऑनलाइन वेरिफिकेशन की व्यवस्था
पासपोर्ट वेरिफिकेशन ऑनलाइन होने से अब रियल टाइम में किसी व्यक्ति को जल्द से जल्द पासपोर्ट इश्यू हो सकेगा. इससे पहले पासपोर्ट इश्यू होने में काफी समय लगता था. पासपोर्ट वेरीफिकेशन को लेकर विशेष शाखा 'नोडल एजेंसी' है. जिसके तहत संबंधित थाने को वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाता है. पुलिस का काम है व्यक्ति के बारे में आपराधिक छवि या उनके कैरेक्टर सर्टिफिकेट की जानकारी देना. जिसके बाद पासपोर्ट कार्यालय निर्णय लेता है कि उस व्यक्ति को पासपोर्ट इश्यू करना है या नहीं.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- मंत्री-स्पीकर विवाद पर बोले मुकेश साहनी- सदन में जो हुआ वो ठीक नहीं

ऑनलाइन वेरिफिकेशन फॉर्मेट
पासपोर्ट कार्यालय द्वारा पुलिस वेरिफिकेशन को लेकर जो फॉर्मेट तैयार किया गया है, उसी के आधार पर पुलिस उस व्यक्ति के बारे में जानकारी पासपोर्ट कार्यालय को साझा करती है. जैसे पूर्व में उस व्यक्ति के बारे मे कोई अपराधिक इतिहास, उसका कैरेक्टर सर्टिफिकेट, उसने जो डॉक्यूमेंट साझा किया है वह सही है या नहीं, इन सभी बिंदुओं पर पुलिस द्वारा वेरिफिकेशन किया जाता है.

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बिहार पुलिस अव्वल
पासपोर्ट कार्यालय द्वारा बनाए गए नियम जिसमें 21 दिन के अंदर वेरिफिकेशन कर पासपोर्ट कार्यालय को सूचित करना होता है बिहार पुलिस इस काम में अव्वल है. जिस वजह से पासपोर्ट कार्यालय द्वारा बिहार पुलिस को पिछले वर्ष प्रोत्साहन राशि भी मुहैया करवाई गई थी.

यह भी पढ़ें- राज्यपाल कोटे से 12 विधान परिषद सदस्य मनोनीत, उपेन्द्र कुशवाहा को मिला 'घर वापसी' का इनाम

घर बैठे बनवायें पासपोर्ट
एम मोबाइल ऐप के जरिए कोई भी व्यक्ति घर बैठे पासपोर्ट के लिए अप्लाई कर सकता है. पासपोर्ट बनाने के लिए अभी तक किसी भी व्यक्ति को अपने साथ उनका डॉक्यूमेंट्स जैसे आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, सत्यापन रिकॉर्ड, जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, पेंशन प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज को रखने के लिए डीजी लॉकर का निर्माण किया गया है. जिसके बाद आसानी से पासपोर्ट कार्यालय द्वारा संबंधित व्यक्ति का डॉक्यूमेंट ऑनलाइन माध्यम से डीजी लॉकर के माध्यम से किया जा रहा है.

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'बिहार में पासपोर्ट इश्यू करवाने के लिए और अनियमितताओं को रोकने के लिए महत्वकांक्षी योजना एम पासपोर्ट तैयार किया गया है जिसके तहत बिहार के सभी थानों को टैब मुहैया करवाया गया है. ऐसे में पासपोर्ट बनाने के लिए अब आम लोगों को थाने और ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने होंगे. महज 7 दिनों के अंदर संबंधित आवेदक का वेरिफिकेशन पुलिस द्वारा किया जाएगा.-' प्रवीण मोहन सहाय, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी
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ग्राफिक्स

एम पासपोर्ट ऐप
अब एम पासपोर्ट ऐप से वेरिफिकेशन का काम किया जा रहा है. बिहार में भी पासपोर्ट का ऑनलाइन वेरिफिकेशन शुरू हो गया है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि पुलिस सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने में लगने वाले समय में कमी लाई जाए. पासपोर्ट इश्यू के लिए वैज्ञानिक पद्धति का लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है जिसके तहत डीजी लॉकर, एम पासपोर्ट, फिंगरप्रिंट्स के माध्यम से आवेदक की जांच की जा रही है.

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पासपोर्ट बनवाना हुआ अब और भी आसान

फर्जी पासपोर्ट बनवाना हुआ मुश्किल
पिछले महीने पासपोर्ट कार्यालय, राजधानी पटना और दरभंगा से कुल 9 ऐसे मामले सामने आए थे, जिसमें फर्जी दस्तावेज के आधार पर आवेदक द्वारा पासपोर्ट बनाने को लेकर अप्लाई किया गया था. पासपोर्ट कार्यालय के द्वारा संबंधित जिले के अधीक्षक को सूचित किया गया है और उन पर एफआईआप दर्ज कर कराई जा रही है. ऑनलाइन वेरिफिकेशन के कारण अब फर्जी पासपोर्ट बनवाना नामुमकिन होगा. 2 फरवरी 2021 को गया से एटीएस ने छापेमारी कर 6 संदिग्धों को पकड़ा था. उनके पास से फेक करेंसी और फर्जी पासपोर्ट बरामद हुआ था.

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पासपोर्ट वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाने के लिए ऑनलाइन वेरिफिकेशन

क्या होगा फायदा
बिहार सहित पूरे देश में कुछ आपराधिक प्रवृति वाले लोग अपना पूरा हुलिया बदलकर पासपोर्ट के लिए अप्लाई करते हैं. जिस वजह से पासपोर्ट कार्यालय द्वारा नई पद्धति का इस्तेमाल किया जा रहा है. जो भी आवेदक हैं उनका फिंगरप्रिंट भी लिया जाता है ताकि उस व्यक्ति के बारे में फिंगरप्रिंट के माध्यम से पता लगाया जा सके कि उसका अपराध का रिकोर्ड है या नहीं.

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एम पासपोर्ट ऐप के कारण अब लोगों को ऑफिस और थानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे

ई पासपोर्ट की कोशिश
विदेश मंत्रालय द्वारा ई पासपोर्ट को लेकर भी कार्य किया जा रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही ई पासपोर्ट भी लोगों को जारी किया जाएगा. जिससे आने वाले समय में गलत व्यक्ति को पासपोर्ट इश्यू नहीं हो पाएगा. लगातार देखने को मिलता है कि पासपोर्ट इश्यू होने में अनियमितताएं सामने आती हैं. अनियमितताओं को दूर करने के लिए डीजी लॉकर ई पासपोर्ट जैसे कदम केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये हैं. जिसके बाद उम्मीद है कि अब फेक पासपोर्ट नहीं जारी होगा.

Last Updated : Mar 17, 2021, 7:44 PM IST
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