पटनाः राजधानी के गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति के पास पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था तरुमित्रा की ओर से ग्लोबल क्लाइमेट स्ट्राइक एकजुटता कार्यक्रम किया गया. इस कार्यक्रम में पटना के कई युवाओं ने हिस्सा लिया. जिन्होंने लोगों से जलवायु परिवर्तन पर ध्यान देने की अपील की.
सूखे कचरे की रीसाइक्लिंग पर जोर
पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही तरुमित्रा संस्था के शशि दर्शन ने बताया कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक के खतरे के समाधान के रूप में एको ब्रिक की तकनीक अपनाई जा सकती है. चिप्स कुरकुरे के रैपर हो या दूसरे प्लास्टिक सभी को हम प्लास्टिक के एक खाली बोतल में भरकर रख सकते हैं. एक बोतल में बहुत सारे इस तरह के प्लास्टिक आ जाएंगे. इसके बाद अगर हम फेंकते भी हैं तो कचरे चुनने वालों को सहूलियत होगी. इस प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग भी हो पाएगी. अभी लोग सभी प्रकार के प्लास्टिक को मिक्स करके फेंकते हैं. जिससे रिसाइकल नहीं हो पाती है.
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'कठोर नियम बनाने की जरूरत'
उन्होंने कहा कि 23 सितंबर यूएनएससी की बैठक में क्लाइमेट चेंज पर चर्चा होनी है, ग्लोबल क्लाइमेट स्ट्राइक के माध्यम से हम यूएनएससी में पर्यावरण संरक्षण के लिए कठोर नियम बनाने की ओर ध्यान दिलाना चाहते हैं. दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए आवाज उठ रही है. अपने भविष्य को बचाने के लिए हम सबको आगे आना होगा.
स्वीडन के बच्चे कर रहे ग्लोबल क्लाइमेट स्ट्राइक
एक उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि क्लाइमेट चेंज के खिलाफ विश्व का ध्यान दिलाने के लिए स्वीडन की ग्रेटा तुनबैर विश्व भर में बच्चों के बीच जाकर मुहिम चला रही हैं. वो सख्त जलवायु कार्रवाई करने की सभी राजनीतिक नेताओं से आग्रह भी कर रही हैं. वो हर शुक्रवार को ग्लोबल क्लाइमेट स्ट्राइक करती हैं. जिसमें स्कूली बच्चे शामिल होते हैं, जो शुक्रवार को स्कूल नहीं जाते.
जलवायु परिवर्तन की घटनाओं में तेजी से वृद्धि
इस मुहिम का मकसद यह है कि 1 दिन अगर गाड़ियां कम चलेंगी तो पर्यावरण में प्रदूषण कम होगा. गांधी मैदान में ग्लोबल क्लाइमेट स्ट्राइक की एकजुटता बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि आज विश्व में जलवायु परिवर्तन की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है. हर मिनट दुनिया भर में जंगल तीन फुटबॉल मैदानों की दर से जल रहे हैं.