पटना: बिहार के डीजीपी को फर्जी कॉल मामले में फरार चल रहे आईपीएस आदित्य कुमार की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज (IPS Aditya Kumar Anticipatory bail plea rejected) हो गई है. पटना सेशन कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है. पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल के नाम पर बिहार के पुलिस महानिदेशक को फर्जी कॉल करने के मामले में आईपीएस आदित्य कुमार अभियुक्त हैं. वे अपनी गिरफ्तारी के डर से फरार चल रहे हैं.
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आईपीएस आदित्य कुमार की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज: इस कांड मामले में ईओयू की टीम अब तक अभिषेक भोपालिका समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा स्टिंग वारंट को जमा कर उनके खिलाफ इश्तेहार निकाला गया है. अगर एक महीने के अंदर वह न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ कुर्की जब्ती भी की जा सकती है. अर्जी पर शुक्रवार को दोनों पक्षकारों ने दलीलें दीं.
आईपीएस आदित्य कुमार के वकील एसडी संजय ने बहस करते हुए कहा कि आईजी अमित लोढ़ा और गया के एसपी आदित्य कुमार के बीच विवाद की वजह से आदित्य कुमार को फंसाया गया है. जबकि आईजी अमित लोढ़ा पर डॉक्यूमेंट्री के निमार्ण में 116 करोड़ रुपये खर्च को लेकर ईओयू में जांच चल रही है. अभिषेक भोपालिका का संबंध बिहार के कई आईपीएस-आईएएस और बड़े अधिकारियों से है. आईपीएस आदित्य कुमार के वकील एचडी संजय की मानें तो वह अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट का रुख अपनाएंगे.
वहीं आर्थिक आपराध इकाई की विशेष कोर्ट ने शुक्रवार को इश्तेहार जारी कर एक माह के भीतर कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. इससे आईपीएस आदित्य कुमार की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. ईओयू की विशेष टीम उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.