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पटना: कोरोना पॉजिटिव मरीजों की एंटीबॉडी जांच शुरू, पहले चरण में वैक्सीन को माना गया सफल

राजधानी पटना में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी IMCR कोरोना पॉजिटिव मरीजों की एंटीबॉडी की जांच करेगा. एम्स में 14 जुलाई से वैक्सीन का ट्रायल शुरू की गई थी. पहले चरण में 38 लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई है.

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Published : Aug 7, 2020, 9:50 AM IST

antibody test started of corona positive patients
एंटाबॉडी जांच शुरू

पटना: जिले में कोरोना वैक्सीन ट्रायल में शामिल लोग स्वस्थ हैं. वहीं वैक्सीन देने के 14 दिन के बाद उनके एंटीबॉडी जांच शुरू हो गई है. ऐसे में 30 लोगों का सैंपल आईसीएमआर भेजा गया है. इसके साथ ही शेष 20 लोगों का सैंपल भी जल्द ही भेजा जाएगा.


पहले चरण में वैक्सीन को माना गया सफल
ट्रायल करने वाली टीम में शामिल एक वरीय चिकित्सक ने बताया कि पहले चरण में वैक्सीन को सफल माना जा सकता है. जिन लोगों को वैक्सीन दी गई है उनमें से किसी में भी साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है और न ही कोई बीमार हुआ है. पटना एम्स के कई अधिकारियों ने बताया कि वैक्सीन देने और उन लोगों की मॉनिटरिंग का कार्य सौंपा गया था. इसमें एक टीम वैक्सीन देने से लेकर वैक्सीन लेने वाले लोगों की मॉनिटरिंग कर रही है.


14 जुलाई को हुआ पहला ट्रायल
गौरतलब है कि पटना एम्स में 14 जुलाई से वैक्सीन का ट्रायल शुरू हुआ था. 15 से 22 जुलाई के बीच 38 लोगों को वैक्सीन का डोज दिया गया था. इस बीच 12 और लोग वैक्सीन ट्रायल के लिए आगे आए हैं. इन्हें 29 जुलाई से वैक्सीन देने का काम शुरू हुआ है. इस तरह पहला डोज कुल 50 लोगों को दिया गया था.


आईसीएमआर के देख-रेख में किया जा रहा ट्रायल
यह ट्रायल आईसीएमआर की देखरेख में किया जा रहा है. सैंपल का अध्ययन आईसीएमआर के पुणे और दिल्ली के लैब में होगा. हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी ने वैक्सीन बनाई है. देश में सबसे पहले पटना एम्स में वैक्सीन की ट्रायल प्रक्रिया 7 जुलाई से शुरू की गई थी.

पटना: जिले में कोरोना वैक्सीन ट्रायल में शामिल लोग स्वस्थ हैं. वहीं वैक्सीन देने के 14 दिन के बाद उनके एंटीबॉडी जांच शुरू हो गई है. ऐसे में 30 लोगों का सैंपल आईसीएमआर भेजा गया है. इसके साथ ही शेष 20 लोगों का सैंपल भी जल्द ही भेजा जाएगा.


पहले चरण में वैक्सीन को माना गया सफल
ट्रायल करने वाली टीम में शामिल एक वरीय चिकित्सक ने बताया कि पहले चरण में वैक्सीन को सफल माना जा सकता है. जिन लोगों को वैक्सीन दी गई है उनमें से किसी में भी साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है और न ही कोई बीमार हुआ है. पटना एम्स के कई अधिकारियों ने बताया कि वैक्सीन देने और उन लोगों की मॉनिटरिंग का कार्य सौंपा गया था. इसमें एक टीम वैक्सीन देने से लेकर वैक्सीन लेने वाले लोगों की मॉनिटरिंग कर रही है.


14 जुलाई को हुआ पहला ट्रायल
गौरतलब है कि पटना एम्स में 14 जुलाई से वैक्सीन का ट्रायल शुरू हुआ था. 15 से 22 जुलाई के बीच 38 लोगों को वैक्सीन का डोज दिया गया था. इस बीच 12 और लोग वैक्सीन ट्रायल के लिए आगे आए हैं. इन्हें 29 जुलाई से वैक्सीन देने का काम शुरू हुआ है. इस तरह पहला डोज कुल 50 लोगों को दिया गया था.


आईसीएमआर के देख-रेख में किया जा रहा ट्रायल
यह ट्रायल आईसीएमआर की देखरेख में किया जा रहा है. सैंपल का अध्ययन आईसीएमआर के पुणे और दिल्ली के लैब में होगा. हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी ने वैक्सीन बनाई है. देश में सबसे पहले पटना एम्स में वैक्सीन की ट्रायल प्रक्रिया 7 जुलाई से शुरू की गई थी.

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