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NDA या महागठबंधन दे 5 सीटें, नहीं तो 25 पर पर लड़ेंगे चुनाव : अंसारी महापंचायत - patna news

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच अंसारी महापंचायत ने जदयूनीत एनडीए या राजदनीत महागठबंधन से आगामी विधानसभा चुनाव में 5 सीटों की मांग की है और इसके लिए दोनों गठबंधनों से 10 दिनों में फैसला करने की अपील की है. गठबंधन नहीं होने पर महापंचायत ने 25 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का एलान किया है.

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Published : Sep 16, 2020, 7:13 PM IST

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक वोट बैंक को लेकर राजनीतिक दल रस्साकशी करते नजर आते हैं. लेकिन इस बार अल्पसंख्यकों ने भी दावेदारी शुरू कर दी है. दबाव की राजनीति के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने हिस्सेदारी को लेकर गठबंधन के घटक दलों की मुश्किलें बढ़ा दी है.

विधानसभा चुनाव के पहले दावों का दौर शुरू
चुनाव की तैयारियों के बीच अंसारी महापंचायत ने जदयूनीत एनडीए या राजदनीत महागठबंधन से आगामी विधानसभा चुनाव में 5 सीटों की मांग की है और इसके लिए दोनों गठबंधनों से 10 दिनों में फैसला करने की अपील की है. गठबंधन नहीं होने पर महापंचायत ने 25 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का एलान किया है.

एक भी विधायक या विधान पार्षद अंसारी समाज से नहीं
अंसारी महापंचायत के संयोजक वसीम नैयर अंसारी ने राजधानी पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अंसारी महापंचायत की कोर कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से इस संबंध में निर्णय लिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक दलों की उदासीनता के कारण आज राज्य में विधानसभा की 243 और विधान परिषद की 75 सीटें है. लेकिन इन सीटों में से एक भी विधायक या विधान पार्षद अंसारी समाज से नहीं है, जो इस समाज के साथ सबसे बड़ी नाइंसाफी है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'11 प्रतिशत की आबादी'
इसी प्रकार लोकसभा की 40 और राज्यसभा के 16 सदस्य भी बिहार से आते हैं. लेकिन इसमें भी अंसारी समाज को एक भी प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. जबकि अंसारी समाज की आबादी पूरे बिहार में लगभग 11 प्रतिशत है. इसके बावजूद चारों सदन में प्रतिनिधित्व शून्य होना बेहद चिंताजनक है. इस स्थिति को अब बदलने का अंसारी महापंचायत ने मजबूत निर्णय लिया है.

5 नहीं तो, 25 की तैयारी में अंसारी महापंचायत
आबादी के हिसाब से यादव समाज के बाद दूसरी सबसे बड़ी आबादी अंसारी समाज की है. बिहार में 42 विधानसभा ऐसी है, जहां अंसारी समाज की आबादी 25 हजार से लेकर 70 हजार तक है. उन्होंने कहा कि हमारे समाज को वोट बैंक के रूप में सभी राजनीतिक पार्टियां इस्तेमाल करती आयी है. इसलिए राज्य कार्यकारिणी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है कि इस बार अंसारी महापंचायत 5 नहीं तो 25 विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगा.

25 सीटों का किया गया चयन
महापंचायत ने अपने संभावित 25 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार देने का फैसला किया है. रफीगंज, कुर्था, महुआ, वारिशनगर, पालीगंज, गुरुआ, उजियारपुर, अलीनगर, नाथनगर, भागलपुर सदर, कांटी, जहानाबाद, ढाका, छातापुर, बछवाड़ा, अरवल, झाझा, ओबरा, टेकारी, अतरी, बिहारशरीफ, बड़हरिया, फरबेसगंज, परिहार, बाराचट्टी इत्यादि सीटों पर उम्मीदवार का चयन हो चुका है. जिसकी घोषणा अगले प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया जाएगा.

यूडीए से भी कर सकता है गठबंधन
इस संबंध में महापंचायत के संरक्षक खुर्शीद अकबर ने कहा कि महापंचायत का यह निर्णय है कि बिना चुनाव लड़े महापंचायत की राजनीतिक भागीदारी की बात सुनिश्चित नहीं हो सकेगी. इसलिए महापंचायत पहले गठबंधन में शामिल होकर ही चुनाव लड़ना चाहता है और इसके लिए हमलोग राजनीतिक पार्टियों से तालमेल को लेकर लगातार संपर्क में है, जो हमारे समाज को उचित भागीदारी कम से कम 5 सीट देगा हमलोग उसके साथ जाएंगे. हमारी पहली प्राथमिकता महागठबंधन है. यदि हमारी मांग यहां नहीं मानी जाती है या जदयू भी हमारी मांगों को अनसुना करता है, तो तीसरा मोर्चा यूडीए से भी अंसारी महापंचायत गठबंधन कर सकता है.

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक वोट बैंक को लेकर राजनीतिक दल रस्साकशी करते नजर आते हैं. लेकिन इस बार अल्पसंख्यकों ने भी दावेदारी शुरू कर दी है. दबाव की राजनीति के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने हिस्सेदारी को लेकर गठबंधन के घटक दलों की मुश्किलें बढ़ा दी है.

विधानसभा चुनाव के पहले दावों का दौर शुरू
चुनाव की तैयारियों के बीच अंसारी महापंचायत ने जदयूनीत एनडीए या राजदनीत महागठबंधन से आगामी विधानसभा चुनाव में 5 सीटों की मांग की है और इसके लिए दोनों गठबंधनों से 10 दिनों में फैसला करने की अपील की है. गठबंधन नहीं होने पर महापंचायत ने 25 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का एलान किया है.

एक भी विधायक या विधान पार्षद अंसारी समाज से नहीं
अंसारी महापंचायत के संयोजक वसीम नैयर अंसारी ने राजधानी पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अंसारी महापंचायत की कोर कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से इस संबंध में निर्णय लिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक दलों की उदासीनता के कारण आज राज्य में विधानसभा की 243 और विधान परिषद की 75 सीटें है. लेकिन इन सीटों में से एक भी विधायक या विधान पार्षद अंसारी समाज से नहीं है, जो इस समाज के साथ सबसे बड़ी नाइंसाफी है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'11 प्रतिशत की आबादी'
इसी प्रकार लोकसभा की 40 और राज्यसभा के 16 सदस्य भी बिहार से आते हैं. लेकिन इसमें भी अंसारी समाज को एक भी प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. जबकि अंसारी समाज की आबादी पूरे बिहार में लगभग 11 प्रतिशत है. इसके बावजूद चारों सदन में प्रतिनिधित्व शून्य होना बेहद चिंताजनक है. इस स्थिति को अब बदलने का अंसारी महापंचायत ने मजबूत निर्णय लिया है.

5 नहीं तो, 25 की तैयारी में अंसारी महापंचायत
आबादी के हिसाब से यादव समाज के बाद दूसरी सबसे बड़ी आबादी अंसारी समाज की है. बिहार में 42 विधानसभा ऐसी है, जहां अंसारी समाज की आबादी 25 हजार से लेकर 70 हजार तक है. उन्होंने कहा कि हमारे समाज को वोट बैंक के रूप में सभी राजनीतिक पार्टियां इस्तेमाल करती आयी है. इसलिए राज्य कार्यकारिणी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है कि इस बार अंसारी महापंचायत 5 नहीं तो 25 विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगा.

25 सीटों का किया गया चयन
महापंचायत ने अपने संभावित 25 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार देने का फैसला किया है. रफीगंज, कुर्था, महुआ, वारिशनगर, पालीगंज, गुरुआ, उजियारपुर, अलीनगर, नाथनगर, भागलपुर सदर, कांटी, जहानाबाद, ढाका, छातापुर, बछवाड़ा, अरवल, झाझा, ओबरा, टेकारी, अतरी, बिहारशरीफ, बड़हरिया, फरबेसगंज, परिहार, बाराचट्टी इत्यादि सीटों पर उम्मीदवार का चयन हो चुका है. जिसकी घोषणा अगले प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया जाएगा.

यूडीए से भी कर सकता है गठबंधन
इस संबंध में महापंचायत के संरक्षक खुर्शीद अकबर ने कहा कि महापंचायत का यह निर्णय है कि बिना चुनाव लड़े महापंचायत की राजनीतिक भागीदारी की बात सुनिश्चित नहीं हो सकेगी. इसलिए महापंचायत पहले गठबंधन में शामिल होकर ही चुनाव लड़ना चाहता है और इसके लिए हमलोग राजनीतिक पार्टियों से तालमेल को लेकर लगातार संपर्क में है, जो हमारे समाज को उचित भागीदारी कम से कम 5 सीट देगा हमलोग उसके साथ जाएंगे. हमारी पहली प्राथमिकता महागठबंधन है. यदि हमारी मांग यहां नहीं मानी जाती है या जदयू भी हमारी मांगों को अनसुना करता है, तो तीसरा मोर्चा यूडीए से भी अंसारी महापंचायत गठबंधन कर सकता है.

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