पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में लोजपा के कारण काफी समय से पेंच फंसा हुआ है. वहीं, बीजेपी और जदयू के बीच सहमति बन चुकी है. दोनों दल के शीर्ष नेता लगातार संपर्क में हैं. पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात के बाद लगातार बातचीत हो रही है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी एनडीए में शामिल हो चुके हैं और नीतीश कुमार के साथ सीटों पर भी सहमति हो चुकी है.
जदयू के चिन्ह पर चुनाव लड़ेगा हम
एनडीए में बीजेपी और जदयू के बीच सीटों को लेकर सहमति बन चुकी है, लेकिन लोजपा के कारण अभी भी पेंच फंसा हुआ है. लोजपा बीजेपी की समस्या है और अब पार्टी ने लोजपा को एक तरह से अल्टीमेटम भी दे दिया है. लोजपा को 30 सीट से कम देने की तैयारी हो रही है. इसके बाद बचे सीट में बीजेपी 100 से 105 सीट जदयू 110 से 115 सीट और मांझी के कुछ उम्मीदवार जदयू के चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे.
सीटों के ऐलान की औपचारिकता
हम अपने 3 उम्मीदवारों को पार्टी के चुनाव चिन्ह पर लड़ाने की तैयारी कर रहा है. ऐसे मांझी ने अपने 5 उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार में उतार दिया है. इमामगंज से जीतन राम मांझी खुद चुनाव मैदान में है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी की कोर कमेटी की बैठक कर उम्मीदवारों को लेकर अधिकांश सीटों पर फैसला ले लिया है अब एनडीए में सीटों के ऐलान की औपचारिकता ही बची है.
एनडीए में रहना मुश्किल
एनडीए के लिए 2 दिन बहुत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं. 1 अक्टूबर से नॉमिनेशन शुरू हो जाएगा. ऐसे लोजपा की ओर से कई तरह के डिमांड रखे गए हैं. लोकसभा सीटों के हिसाब से लोजपा विधानसभा की सीट की मांग करती रही है. इसके साथ ही पार्टी विधान परिषद की सीट मांग भी कर रही है, लेकिन जदयू और बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं है.
लोजपा चिराग पासवान को सीएम कैंडिडेट बताने के साथ 143 सीटों पर लड़ने की बात कहती रही है. ऐसे में अगर लोजपा अपने मांग पर बनी रहती है तो पार्टी का एनडीए में रहना मुश्किल हो सकता है.