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'छोटे सरकार' के 'मास्टर साहब' बने MLC, बाहुबली विधायक अनंत सिंह से मात खा गए नीतीश

बिहार एमएलसी चुनाव (Bihar MLC Election 2022) में इस बार कई चौंकाने वाले नतीजे सामने आए. पटना एमएलसी सीट आरजेडी के लिए प्रतिष्ठा वाली सीट थी. दरअसल, मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह (Anant singh) ने लालू यादव से वादा किया था और वो वादा निभाया. क्या था 'छोटे सरकार' का वादा पढ़ें पूरी खबर.

Anant Singh ke master saheb
बाहुबली विधायक अनंत सिंह से मात खा गए नीतीश
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Published : Apr 7, 2022, 10:48 PM IST

पटना: राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जहां एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण की राजनीति की और 15 साल तक राज्य पर शासन किया, वहीं उनके बेटे तेजस्वी उच्च जाति के लोगों की भागीदारी के साथ बिहार में नए समीकरण तलाश रहे हैं. ऐसा ही एक प्रतिबिंब बिहार से आया है, जब भूमिहार (उच्च जाति) के 3 राजद उम्मीदवारों ने गुरुवार को एमएलसी चुनाव (Bihar MLC Election Result) जीता.

ये भी पढ़ें- Bihar MLC Election Result: NDA को झटका देकर RJD ने हासिल की बड़ी उपलब्धि

कार्तिक मास्टर चुने गये एमएलसी: पटना से राजद प्रत्याशी कार्तिक सिंह उर्फ कार्तिक मास्टर (MLC Kartik singh) ने गुरुवार को जदयू प्रत्याशी वाल्मीकि सिंह को भारी अंतर से हराकर चुनाव जीत लिया. कार्तिक मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के काफी करीबी (Anant Singh ke master saheb) बताए जाते हैं. वह फिलहाल आर्म्स एक्ट के तहत पटना की बेउर जेल में बंद है. कार्ति भूमिहार जाति से ताल्लुक रखते हैं. आरजेडी के कार्तिकेय कुमार को 1835, कर्मवीर यादव उर्फ लल्लू मुखिया को 1657 और जेडीयू के वाल्मीकि सिंह को 1381 वोट मिले.

अनंत सिंह ने जेल से बिछाई बिसात: पटना को भाजपा के गढ़ के रूप में जाना जाता है, जिसमें दो सांसद रविशंकर प्रसाद और राम कृपाल यादव ने 2019 के लोकसभा चुनावों में क्रमश: पटना साहिब और पाटलिपुत्र निर्वाचन क्षेत्रों से जीत हासिल की है. इसके अलावा, बिहार में एनडीए सरकार के कई विधायक और मंत्री पटना से हैं. पटना में पूरी सरकार बैठती है. इसलिए इसे एनडीए की बड़ी हार मानी जा रही है. जानकार मानते है कि कभी नीतीश कुमार के करीबी रहे मोकामा से बाहुबली विधायक अनंत ने जेल में रहते हुए ऐसी बिसात बिछाई की उनके करीबी मास्टर साहब ने नीतीश कुमार के हारी बाजी पलट दी.

MLC चुनाव में RJD के 3 भूमिहार उम्मीदवार जीते: पश्चिम चंपारण में राजद प्रत्याशी सौरभ चौधरी ने एमएलसी चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की है. पश्चिम चंपारण को भाजपा के गढ़ के रूप में जाना जाता है, जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी का गृह जिला है. उनसे अपने गृह जिले में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बारे में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को स्पष्टीकरण देने की उम्मीद है. पश्चिम चंपारण एमएलसी सीट पर 18 साल तक भाजपा का कब्जा रहा. सौरभ चौधरी भूमिहार जाति से हैं और इसे जीतने में कामयाब रहे. मुंगेर-जमुई-लखीसराय एमएलसी निर्वाचन क्षेत्र से राजद के एक अन्य उम्मीदवार अजय कुमार सिंह ने जद (यू) के उम्मीदवार संजय प्रसाद को हराया. सिंह भूमिहार समुदाय से हैं.

बेगूसराय सीट से कांग्रेस के राजीव सिंह जीते: राजद के अलावा अन्य जगहों पर भी भूमिहार जाति के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. बेगूसराय सीट से कांग्रेस पार्टी के राजीव सिंह ने जीत हासिल की. बेगूसराय को भाजपा का गढ़ माना जाता है और इसके तेजतर्रार नेता गिरिराज सिंह 2019 में वामपंथी दलों के कन्हैया कुमार को हराकर सांसद चुने गए थे. अब कन्हैया कुमार कांग्रेस के नेता हैं. सारण से निर्दलीय भूमिहार प्रत्याशी सच्चिदानंद राय ने भी जीत हासिल की. वह पहले भाजपा के नेता थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, इसलिए वह सारण से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़े.

ये भी पढ़ें- MLC चुनाव नतीजों पर बोले RJD नेता-'जनप्रतिनिधियों का मत वर्तमान शासन और BJP के खिलाफ'

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पटना: राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जहां एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण की राजनीति की और 15 साल तक राज्य पर शासन किया, वहीं उनके बेटे तेजस्वी उच्च जाति के लोगों की भागीदारी के साथ बिहार में नए समीकरण तलाश रहे हैं. ऐसा ही एक प्रतिबिंब बिहार से आया है, जब भूमिहार (उच्च जाति) के 3 राजद उम्मीदवारों ने गुरुवार को एमएलसी चुनाव (Bihar MLC Election Result) जीता.

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कार्तिक मास्टर चुने गये एमएलसी: पटना से राजद प्रत्याशी कार्तिक सिंह उर्फ कार्तिक मास्टर (MLC Kartik singh) ने गुरुवार को जदयू प्रत्याशी वाल्मीकि सिंह को भारी अंतर से हराकर चुनाव जीत लिया. कार्तिक मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के काफी करीबी (Anant Singh ke master saheb) बताए जाते हैं. वह फिलहाल आर्म्स एक्ट के तहत पटना की बेउर जेल में बंद है. कार्ति भूमिहार जाति से ताल्लुक रखते हैं. आरजेडी के कार्तिकेय कुमार को 1835, कर्मवीर यादव उर्फ लल्लू मुखिया को 1657 और जेडीयू के वाल्मीकि सिंह को 1381 वोट मिले.

अनंत सिंह ने जेल से बिछाई बिसात: पटना को भाजपा के गढ़ के रूप में जाना जाता है, जिसमें दो सांसद रविशंकर प्रसाद और राम कृपाल यादव ने 2019 के लोकसभा चुनावों में क्रमश: पटना साहिब और पाटलिपुत्र निर्वाचन क्षेत्रों से जीत हासिल की है. इसके अलावा, बिहार में एनडीए सरकार के कई विधायक और मंत्री पटना से हैं. पटना में पूरी सरकार बैठती है. इसलिए इसे एनडीए की बड़ी हार मानी जा रही है. जानकार मानते है कि कभी नीतीश कुमार के करीबी रहे मोकामा से बाहुबली विधायक अनंत ने जेल में रहते हुए ऐसी बिसात बिछाई की उनके करीबी मास्टर साहब ने नीतीश कुमार के हारी बाजी पलट दी.

MLC चुनाव में RJD के 3 भूमिहार उम्मीदवार जीते: पश्चिम चंपारण में राजद प्रत्याशी सौरभ चौधरी ने एमएलसी चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की है. पश्चिम चंपारण को भाजपा के गढ़ के रूप में जाना जाता है, जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी का गृह जिला है. उनसे अपने गृह जिले में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बारे में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को स्पष्टीकरण देने की उम्मीद है. पश्चिम चंपारण एमएलसी सीट पर 18 साल तक भाजपा का कब्जा रहा. सौरभ चौधरी भूमिहार जाति से हैं और इसे जीतने में कामयाब रहे. मुंगेर-जमुई-लखीसराय एमएलसी निर्वाचन क्षेत्र से राजद के एक अन्य उम्मीदवार अजय कुमार सिंह ने जद (यू) के उम्मीदवार संजय प्रसाद को हराया. सिंह भूमिहार समुदाय से हैं.

बेगूसराय सीट से कांग्रेस के राजीव सिंह जीते: राजद के अलावा अन्य जगहों पर भी भूमिहार जाति के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. बेगूसराय सीट से कांग्रेस पार्टी के राजीव सिंह ने जीत हासिल की. बेगूसराय को भाजपा का गढ़ माना जाता है और इसके तेजतर्रार नेता गिरिराज सिंह 2019 में वामपंथी दलों के कन्हैया कुमार को हराकर सांसद चुने गए थे. अब कन्हैया कुमार कांग्रेस के नेता हैं. सारण से निर्दलीय भूमिहार प्रत्याशी सच्चिदानंद राय ने भी जीत हासिल की. वह पहले भाजपा के नेता थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, इसलिए वह सारण से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़े.

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