पटना: बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद बिहार के राजनीतिक दलों में बेचैनी बढ़ गई है. वोट बैंक में हिसाब से अपने दल में नेता को शामिल कराने का प्रयास कर रहे हैं. पूर्व सांसद आनंद मोहन को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. फिलहाल आनंद मोहन किसी भी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं, लेकिन रैली को लेकर वह जिलों का दौरा कर रहे हैं. आनंद मोहन नवंबर या दिसंबर माह में बड़ी रैली करने की तैयारी कर रहे हैं.
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राजद से बढ़ी है दूरियांः आनंद मोहन के पुत्र चेतन आनंद राष्ट्रीय जनता दल के विधायक हैं. ठाकुर प्रकरण में आनंद मोहन और उनके पुत्र चेतन आनंद ने मनोज झा पर हमला बोला था. दोनों नेताओं ने मनोज झा को जमकर खड़ी खोटी सुनाई थी. जबकि, तेजस्वी यादव और लालू यादव ने मनोज झा का बचाव किया था. तेजस्वी ने तो चेतन आनंद को पार्टी फोरम में अपनी बात रखने की सलाह दी थी. कहा जा रहा है कि, इसके बाद से आनंद मोहन परिवार की राजद से दूरियां बढ़ गई. बदली हुई परिस्थितियों में आनंद मोहन जनता दल यूनाइटेड के नजदीक आ रहे हैं. उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी हो चुकी है.
"मुख्यमंत्री जिलों का दौरा करते रहते हैं. अगर सहरसा जा रहे हैं तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है. जहां तक आनंद मोहन के जदयू में शामिल होने की बात है तो उस पर फैसला प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष को करना है."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू
आनंद मोहन के गांव जाएंगे नीतीशः नीतीश कुमार 27 अक्टूबर को आनंद मोहन के पैतृक निवास पंचगछिया पहुंच रहे हैं. आनंद मोहन परिवार के सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री आनंद मोहन के गांव पंचगछिया में एक आम सभा को संबोधित करेंगे. उसके बाद आनंद मोहन के घर पर जाएंगे. आनंद मोहन के घर जाकर बेटे-बहू और बेटी-दामाद को आशीर्वाद देंगे. साथ ही आनंद मोहन की माताजी से आशीर्वाद भी लेंगे. नीतीश कुमार पंचगछिया में स्वतंत्रता सेनानी राम बहादुर सिंह और पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे.
"आनंद मोहन को राष्ट्रीय जनता दल में तरजीह नहीं मिल रही है. इस वजह से वह दूसरे दल की ओर रुख कर रहे हैं, वैसे नीतीश कुमार ने ऐसा कोई नहीं है जिसको ठगने का काम नहीं किया है. आनंद मोहन आज की तारीख में राजनीति में फैक्टर नहीं है."- अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता
इन जिलों में निर्णायक भूमिका में राजपूत : बिहार में जातिय गणना की जो रिपोर्ट आयी है उसमें राजपूतों की आबादी 3.6% बतायी गयी है. राज्य में सीतामढ़ी, शिवहर, आरा, सारण, महाराजगंज, औरंगाबाद वैशाली जैसे जिलों में राजपूत वोटरों का दबदबा रहता है. इसके अलावा 30 से 35 विधानसभा क्षेत्र में राजपूत मतदाता हार जीत तय करते हैं. राजपूत वोट बैंक पर जनता दल यूनाइटेड की नजर है. नीतीश कुमार भी राजपूत वोट बैंक को साधना चाहते हैं. सूत्र बताते हैं कि आनंद मोहन भी पत्नी और बेटे के लिए टिकट चाहते हैं.
"कोई भी नेता किसी दल में शामिल हो सकता है जहां तक आनंद मोहन का सवाल है तो इस पर भाजपा राजनीति कर रही है । वैसे कोई भी नेता किसी भी दल में जाने के लिए स्वतंत्र है."- एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता
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