पटना: राजधानी पटना में शनिवार को फिर 2 'ब्लैक फंगस' के मरीज मिले हैं. पारस अस्पताल के डॉक्टर अजय कुमार का कहना है कि ये बीमारी कम इम्युनिटी वाले मरीजों को होता है. कोरोना के बाद वैसे मरीज जिसका इम्युनिटी बहुत कम हो जाती है. उसमें ज्यादा इस बीमारी को होने की संभावना होती है.
उन्होंने कहा कि इस बीमारी में कालाजार की दवा का इस्तेमाल होता है और इस दवा की किल्लत हो रही है. इससे इलाज में समस्या आ रही है. इस बीमारी में एंफोटरइसिन-बी का इस्तेमाल होता है. मरीज को जल्दी इस दवा से राहत मिलती है. लेकिन अब ये दवा सरकारी कोटे से आती है. इसीलिए काफी दिक्कत हो रही है.
'ब्लैक फंगस' में आंख ज्यादा प्रभावित
डॉ. अजय कुमार के अनुसार ये बीमारी बहुत खतरनाक है और शुरू से ही लोगों को इसपर ध्यान देना होगा, फिलहाल पारस अस्पताल में 'ब्लैक फंगस' के मरीज है, जिसका इलाज हमलोग कर रहे है. यह बीमारी मुख्य रूप से आंख से शुरू होती है. मरीज को सरदर्द भी रहता है. उन्होंने कहा कि 'ब्लैक फंगस' में कभी कभार ऐसा भी होता है कि मरीज के आंख ज्यादा प्रभावित होते है.
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आईजीआईएमएस, पटना एम्स, रुबन हॉस्पिटल और पारस हॉस्पिटल में इलाजरत मरीजों में 'ब्लैक फंगस' पाया गया है. पारस हॉस्पिटल में 'ब्लैक फंगस' के 2 मरीज ट्रीटमेंट के बाद ठीक हो चुके हैं और बाकी आठ मरीज इलाजरत हैं. पटना एम्स में सर्वाधिक 4 मरीजों में ब्लैक फंगस पाए गए हैं.