पटना: बिहार में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. CM नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के महागठबंधन में शामिल होने के बाद से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) का दो बार बिहार का दौरा हो चुका है और अब तीसरी बार दिसंबर में वह नीतीश के गृह जिले नालंदा में आने वाले हैं.
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संजय जायसवाल ने किया ऐलान: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नालंदा में दिसंबर में बूथ अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करेंगे. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (State President Sanjay Jaiswal) ने नालंदा में पार्टी की बैठक के बाद यह जानकारी दी है. सीमांचल में दो दिवसीय दौरे के बाद अमित शाह छपरा के सिताबदियारा में जेपी जयंती के मौके पर कार्यक्रम में शामिल हुए थे और नालंदा को लेकर भी पहले से ही चर्चा हो रही है.
दिसंबर में आएंगे शाह: नालंदा दौरे को लेकर अभी तिथि तय नहीं हुई है लेकिन दिसंबर के पहले सप्ताह में अमित शाह आ सकते हैं और उनके द्वारा बूथ अध्यक्षों के बड़े सम्मेलन को संबोधित किया जाएगा. वह इससे पहले बिहार दौरे में पूर्णिया, भोजपुर और सारण में बूथ अध्यक्षों के साथ बैठक कर चुके हैं. बता दें कि, नीतीश कुमार के एनडीए छोड़ने के बाद अमित शाह का लगातार बिहार में कार्यक्रम हो रहा है, खुद अमित शाह ने भी कहा था कि जरूरत पड़ी तो महीने में दो बार बिहार का दौरा करेंगे.
आरसीपी सिंह थामेंगे BJP का दामन: अमित शाह के दौरे पर पहले भी सियासत होती रही है, अब वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में आ रहे हैं तो जदयू की मुश्किलें बढ़ रही है. कहा जा रहा है कि कभी नीतीश कुमार के नजदीकी रहे आरसीपी सिंह भी नालंदा से हैं और चर्चा है कि आरसीपी सिंह अमित शाह के दौरे के समय बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इस दौरान आरसीपी सिंह भी लगातार अपने गृह जिले नालंदा का भ्रमण कर रहे हैं.
BJP का मिशन 2024: बीजेपी की नजर 2024 में बिहार में अधिक से अधिक लोकसभा का सीट प्राप्त हो इस पर है. बिहार में बीजेपी 35 से अधिक सीटों पर जीत को लेकर काम कर रही है और अमित शाह का दौरा उसी को ध्यान में रखकर आयोजित हो रहा है. वहीं ऐसा माना जा रहा है कि शाह नालंदा आकर सीधा नीतीश कुमार को उनके गृह जिले में चुनौती देंगे.
3 नवंबर को विधानसभा सीट पर उपचुनाव: दिवाली और छठ के बाद अमित शाह के दौरे की तिथि तय होगी. 3 नवंबर को बिहार में दो विधानसभा की सीट पर उपचुनाव भी होना है और पार्टी की पूरी ताकत अभी चुनाव में लगी हुई है. गोपालगंज विधानसभा की सीट बीजेपी विधायक सुभाष सिंह के असमय निधन के कारण खाली हुई है तो वहीं मोकामा विधानसभा सीट पर भी बीजेपी की नजर है. BJP का दोनों सीट पर आरजेडी से मुकाबला है. नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने के बाद पहला चुनाव है तो बीजेपी के लिए भी जितना एक बड़ा चैलेंज है.
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