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कृषि कानूनों की वापसी पर बिहार के कृषि मंत्री की मांग- 'किसानों के हित में थे कानून, पुनर्विचार करे सरकार'

बिहार के कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रधानमंत्री के फैसले का हम स्वागत करते हैं. लेकिन बिहार ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी थी.

अमरेन्द्र प्रताप सिंह
अमरेन्द्र प्रताप सिंह
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Published : Nov 19, 2021, 3:56 PM IST

पटनाः पिछले साल केन्द्र सरकार के द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है. मोदी सरकार के इस फैसले को किसान सहित विपक्षी नेता जहां किसान आंदोलन (Farmers protest) का असर और जीत बता रहे हैं, वहीं कुछ लोगों में निराशा भी है. बिहार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह (Amarendra Pratap Singh) ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

इसे भी पढ़ें- पांच राज्यों के चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को लिया वापस: लालू यादव

बिहार सरकार के कृषि मंत्री ने कानूनों को वापस लेने के पीएम मोदी के ऐलान का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि किसान का बेटा होने के नाते हम तो यही कहते हैं कि ये कानून किसानों के हित में थे. इससे किसानों को काफी फायदा होता. यहां तक कि बिहार के किसानों ने इन कानूनों को स्वीकार कर लिया था.

बिहार के कृषि मंत्री ने कृषि कानून वापसी पर पुनर्विचार करने की मांग की

"ये कानून किसानों के हित में थे. बिहार के किसानों ने इसे स्वीकार कर लिया था. किसान आंदोलनों का बिहार में कोई असर नहीं था. हमने भी इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी थी. बिहार में अनाज भंडारण के लिए गोदाम बनाने से लेकर कांटेक्ट फार्मिंग की तैयारियां भी पूरी कर ली गई थी. किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत मिले इसकी तैयारी भी पूरी कर ली गई थी. हमने ई-नाम मंडी एप से बिहार की मंडियों को भी जोड़ दिया था."- अमरेन्द्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री, बिहार

इसे भी पढ़ें-कृषि कानूनों की वापसी को तेजस्वी यादव ने बताया किसानों की जीत, सरकार की हार

वहीं, कृषि मंत्री ने आगे कहा कि कृषि कानूनों के दरवाजे बंद नहीं होने चाहिए. इस पर चर्चा होनी चाहिए और जो भी खामियां है उसे दूर किया जाना चाहिए. उन्होंने अपना विचार रखते हुए कहा ये कानून किसानों के हित में थे और इसके लागू होने से किसान समृद्ध हो पाते. उन्होंने केन्द्र सरकार से इस कानून पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.

इसे भी पढ़ें- सरकार का तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान : पीएम मोदी

पटनाः पिछले साल केन्द्र सरकार के द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है. मोदी सरकार के इस फैसले को किसान सहित विपक्षी नेता जहां किसान आंदोलन (Farmers protest) का असर और जीत बता रहे हैं, वहीं कुछ लोगों में निराशा भी है. बिहार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह (Amarendra Pratap Singh) ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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बिहार सरकार के कृषि मंत्री ने कानूनों को वापस लेने के पीएम मोदी के ऐलान का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि किसान का बेटा होने के नाते हम तो यही कहते हैं कि ये कानून किसानों के हित में थे. इससे किसानों को काफी फायदा होता. यहां तक कि बिहार के किसानों ने इन कानूनों को स्वीकार कर लिया था.

बिहार के कृषि मंत्री ने कृषि कानून वापसी पर पुनर्विचार करने की मांग की

"ये कानून किसानों के हित में थे. बिहार के किसानों ने इसे स्वीकार कर लिया था. किसान आंदोलनों का बिहार में कोई असर नहीं था. हमने भी इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी थी. बिहार में अनाज भंडारण के लिए गोदाम बनाने से लेकर कांटेक्ट फार्मिंग की तैयारियां भी पूरी कर ली गई थी. किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत मिले इसकी तैयारी भी पूरी कर ली गई थी. हमने ई-नाम मंडी एप से बिहार की मंडियों को भी जोड़ दिया था."- अमरेन्द्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री, बिहार

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वहीं, कृषि मंत्री ने आगे कहा कि कृषि कानूनों के दरवाजे बंद नहीं होने चाहिए. इस पर चर्चा होनी चाहिए और जो भी खामियां है उसे दूर किया जाना चाहिए. उन्होंने अपना विचार रखते हुए कहा ये कानून किसानों के हित में थे और इसके लागू होने से किसान समृद्ध हो पाते. उन्होंने केन्द्र सरकार से इस कानून पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.

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