पटनाः विधानमंडल मानसून सत्र के आखिरी दिन कटिहार के मेयर शिवराज पासवान की हत्या के मुद्दे को को विपक्ष ने जोरदार तरीके से उठाया. विपक्ष ने सूबे में अपराधी बेलगाम होने को लेकर सरकार पर आरोप लगाया, वहीं, सरकार में शामिल मंत्री ने कहा कि अपराधी बख्शे नहीं जाएंगे.
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"दलितों को लेकर सरकार की रवैया क्या है, यह देखने की जरूरत है. कैसे एक दलित मेयर की हत्या कर दी जाती है. अपराधी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. सत्ता में बैठे लोग दलित के नाम पर सिर्फ राजनीति करते हैं. सुरक्षा के सवाल पर कुछ नहीं किया जा रहा है."- रेखा देवी, राजद विधायक
"उपमुख्यमंत्री के क्षेत्र में ये घटना घट जाती है और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना रहता है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार में कानून व्यवस्था कैसी है? पीड़ित परिवार को हर हाल में न्याय मिलना चाहिए. मृत मेयर के परिवार को सरकारी सहायता दिलाने की हम मांग करते हैं."- अजीत शर्मा, कांग्रेस विधायक दल के नेता
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वहीं, पारू के विधायक के भाई के द्वारा कथित तौर पर अंचलाधिकारी को धमकाने के मामले के मामले पर अजीत शर्मा ने कहा कि नीतीश राज में यही सब होता है. उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी बात नहीं मानते हैं तो इसके लिए शिकायत की जानी चाहिए. धमकी देना कहीं से भी ठीक नहीं है.
"कटिहार मेयर की हत्या की घटना काफी दुखद है. इसकी जितनी भी निंदा की जाए, कम है. लेकिन किसी भी परिस्थिति में अपराधी बख्शे नहीं जाएंगे."- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री
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वहीं, ग्रामीण विकास मंत्री ने पारू विधायक भाई के द्वारा अंचलाधिकारी को धमकाने के मुद्दे पर कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है.
बता दें कि पारू से बीजेपी के विधायक अशोक कुमार सिंह के भाई पर सरैया के सीओ पंकज कुमार ने गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. इस संबंध में सीओ ने थाने में आवेदन देकर अपनी जान को खतरा बताया है. वहीं पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है. साथ ही उन्हें सुरक्षा व्यवस्था भी मुहैया कराई जा रही है.