पटना: बिहार में जातीय गणना के आंकड़े आने के बाद कई जाति से जुड़े संघ और संगठन इसका विरोध कर रहे हैं और फिर से कराने की मांग की जा रही है. शुक्रवार को अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के पांच सदस्य प्रतिनिधि ने राजभवन जाकर राज्यपाल को इसके खिलाफ ज्ञापन सौंपा.
जातीय गणना सर्वे रिपोर्ट के खिलाफ राज्यपाल को ज्ञापन: राज्यपाल से फिर से वैश्य जाति की गणना कराने की मांग की गई है. पांच सदस्य प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी विधायक पवन जायसवाल भी शामिल थे. राजभवन में ज्ञापन सौंपने के बाद बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि वर्ष 2011 में ही बिहार में 22 प्रतिशत वैश्य समाज की संख्या थी लेकिन इस बार जो जातीय गणना के आंकड़े जारी किए गए हैं काफी घटाकर उसको दिखाया गया है.
"वैश्य समाज को अलग-अलग जाति में बांटकर आंकड़े दिखाए गए हैं जो कि गलत है. सरकार ने जानबूझकर ऐसा करने का काम किया है. इसके खिलाफ हमने शिकायत की है. राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया है."- पवन जायसवाल, बीजेपी विधायक
'नहीं चलने देंगे विधानसभा सत्र': पवन जायसवाल ने कहा कि बिहार में फिर से वैश्य समाज की गिनती होनी चाहिए. वहीं उन्होंने विधानसभा के सत्र को लेकर भी बड़ा बयान दिया और कहा कि इस बार हम लोग विधानसभा सत्र को नहीं चलने देंगे. क्योंकि जातीय गणना में भी सरकार ने मनमानी की है और साथ ही कई घोटाले सरकार के कार्यकाल में हुए हैं.
राज्यपाल ने दिया आश्वासन: साथ ही अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन ने जातीय गणना के खिलाफ बिहार के सभी प्रमंडलों में धरना देने का भी ऐलान किया है. पवन जायसवाल ने कहा कि आगे भी हम लोग प्रदर्शन करेंगे. फिलहाल हम लोग राजभवन आए थे. राज्यपाल महोदय से मिलकर हम लोगों ने ज्ञापन दिया है. राज्यपाल ने हमारी बातों को सुना है और कहा है कि इससे संबंधित पत्र को राज्य सरकार को लिखेंगे.
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