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बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, इन जगहों पर मिली छूट - बिहार में शराबबंदी कानून

सीएम नीतीश की कैबिनेट में मद्य निषेध उत्पाद नियमावली 2021 कैबिनेट में स्वीकृत कर ली गई है. इसके अंतर्गत बिहार से गुजरनेवाले मादक द्रव्य से लदे वाहनों को सीमा के अंदर प्रवेश करने से पहले चेकपोस्ट पर अनुमति लेनी होगी. 24 घंटे के भीतर ही वाहन को बाहर भी निकलना होगा. पढ़ें रिपोर्ट.

सीएम नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार
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Published : Sep 22, 2021, 11:05 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में कैबिनेट (Cabinet Meeting) की बैठक हुई. बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम के प्रावधानों का सफल कार्यान्वयन के लिए बिहार मद्य निषेध और उत्पाद नियमावली 2021 के प्रारूप पर स्वीकृति दी गई. कई नियमों को भी दर्ज किया गया है. इसको लेकर कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने जानकारियां दीं.

ये भी पढ़ें- CM नीतीश बोले- 'कोरोना की वजह से धीमी हुई विकास की रफ्तार, बावजूद हम लगातार कर रहे काम'

'ईएनए तथा इथेनॉल उत्पादित करने वाले अनाज आधारित इकाइयां की गतिविधि 24 घंटे सीसीटीवी कैमरा व्यवस्था के अधीन संचालित होगी. उसका विवरण कम से कम 1 माह तक निरीक्षण के लिए सुरक्षित रखा जाएगा. इसके साथ बिहार से गुजरने वाले मादक द्रव्य से लदे वाहनों को सीमा के अंदर प्रवेश करने के घोषित चेकपोस्ट पर ही सीमा में प्रवेश करने की अनुमति होगी. चेक पोस्ट से राज्य की सीमा से 24 घंटे के अंदर बाहर निकलना अनिवार्य होगा. सीमा में प्रवेश करने के दौरान डिजिटल लॉक लगाया जाएगा. उसे सीमा से बाहर निकलने के दौरान खोला जाएगा.' -संजय कुमार, अपर मुख्य सचिव, कैबिनेट विभाग

देखें वीडियो

छावनी क्षेत्र और मिलिट्री स्टेशन को शराब भंडारित करने की अनुमति होगी. केंटोनमेंट जोन से बाहर किसी भी कार्यरत अथवा सेवानिवृत्त सैनिक अधिकारी को शराब रखने अथवा उपभोग करने की अनुमति नहीं होगी.

किसी परिसर में जहां शराब का निर्माण, बोतल बंदी, भंडारण, बिक्री अथवा आयात निर्यात किया जा रहा है, वैसे संपूर्ण परिसर को सील बंद किया जाएगा. आवासीय परिसरों के चिन्हित भाग सील बंद किए जाएंगे. बता दें कि बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई. इस बैठक में 17 एजेंडों पर मुहर लगी है.

जानकारी हो कि बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. महिलाओं के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी करने का फैसला लिये थे. शराबबंदी से हर साल 5000 करोड़ से अधिक राजस्व नुकसान बिहार सरकार को हो रहा है. लेकिन सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को जारी रखना चाहते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने पूर्ण शराबबंदी कानून को सराहा है. विधानसभा चुनाव में भी इस बात पर मुहर लगी है. विधानसभा चुनाव में जहां 54.38 प्रतिशत पुरुषों ने वहीं 59.58% महिलाओं ने मतदान किया था.

ये भी पढ़ें- बोले CM नीतीश- बाढ़ से अभी अलर्ट रहने की जरूरत, केंद्र से मदद मिलने पर होगी सहूलियत

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में कैबिनेट (Cabinet Meeting) की बैठक हुई. बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम के प्रावधानों का सफल कार्यान्वयन के लिए बिहार मद्य निषेध और उत्पाद नियमावली 2021 के प्रारूप पर स्वीकृति दी गई. कई नियमों को भी दर्ज किया गया है. इसको लेकर कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने जानकारियां दीं.

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'ईएनए तथा इथेनॉल उत्पादित करने वाले अनाज आधारित इकाइयां की गतिविधि 24 घंटे सीसीटीवी कैमरा व्यवस्था के अधीन संचालित होगी. उसका विवरण कम से कम 1 माह तक निरीक्षण के लिए सुरक्षित रखा जाएगा. इसके साथ बिहार से गुजरने वाले मादक द्रव्य से लदे वाहनों को सीमा के अंदर प्रवेश करने के घोषित चेकपोस्ट पर ही सीमा में प्रवेश करने की अनुमति होगी. चेक पोस्ट से राज्य की सीमा से 24 घंटे के अंदर बाहर निकलना अनिवार्य होगा. सीमा में प्रवेश करने के दौरान डिजिटल लॉक लगाया जाएगा. उसे सीमा से बाहर निकलने के दौरान खोला जाएगा.' -संजय कुमार, अपर मुख्य सचिव, कैबिनेट विभाग

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छावनी क्षेत्र और मिलिट्री स्टेशन को शराब भंडारित करने की अनुमति होगी. केंटोनमेंट जोन से बाहर किसी भी कार्यरत अथवा सेवानिवृत्त सैनिक अधिकारी को शराब रखने अथवा उपभोग करने की अनुमति नहीं होगी.

किसी परिसर में जहां शराब का निर्माण, बोतल बंदी, भंडारण, बिक्री अथवा आयात निर्यात किया जा रहा है, वैसे संपूर्ण परिसर को सील बंद किया जाएगा. आवासीय परिसरों के चिन्हित भाग सील बंद किए जाएंगे. बता दें कि बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई. इस बैठक में 17 एजेंडों पर मुहर लगी है.

जानकारी हो कि बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. महिलाओं के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी करने का फैसला लिये थे. शराबबंदी से हर साल 5000 करोड़ से अधिक राजस्व नुकसान बिहार सरकार को हो रहा है. लेकिन सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को जारी रखना चाहते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने पूर्ण शराबबंदी कानून को सराहा है. विधानसभा चुनाव में भी इस बात पर मुहर लगी है. विधानसभा चुनाव में जहां 54.38 प्रतिशत पुरुषों ने वहीं 59.58% महिलाओं ने मतदान किया था.

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