पटना: राजधानी पटना में गुरुवार को पाटलिपुत्र इलाके में पूर्व सांसद लवली आनंद (Former MP Lovely Anand) के घर पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (Akhil Bharatiya Kshatriya Mahasabha) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी कमेटी की बैठक (National Executive Committee Meeting) संपन्न हुई. इस बैठक में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर, पूर्व सांसद लवली आनंद समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे. इसमें सरकार से पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की मांग का प्रस्ताव पारित हुआ.
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बैठक के बाद प्रेस वार्ता के दौरान अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि बिहार ही नहीं पूरा देश जानता है कि डीएम कृष्णैया हत्याकांड मामले में आनंद मोहन (Former MP Anand Mohan) निर्दोष हैं. स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जॉर्ज फर्नांडिस और इंडिया के अन्य नेताओं के साथ मुजफ्फरपुर में महाधरना पर बैठकर आनंद मोहन को निर्दोष बताया था. उसके बाद साथ में चुनावी गठबंधन किया था, लेकिन राजनीतिक दुर्भावना के कारण सत्ता में आते ही उनका सुर बदल गया है. पहले स्पीडी ट्रायल चलाकर उन्होंने आनंद मोहन को डेथ सेंटेंस की सजा और फिर इसे बदल का आजीवन कारावास की सजा दिलवाई.
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राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने एक प्रस्ताव जारी करके बिहार की सरकार और केंद्र की सरकार से मांग की है कि आदरणीय आनंद मोहन जी जो पूर्व सासंद हैं, जो केवल बिहार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश और क्षत्रियों के सर्वमान्य नेता हैं. यह भी हम सब जानते है कि किन राजनीतिक कारणों के तहत मुकदमा दायर किया गया. आनंद मोहन जी ताकत, लोकप्रियता, जनाधार और जो उनका प्रभाव है और जो लवली आनंद जी का प्रभाव है उससे सरकार भयभीत है. -महेंद्र सिंह तंवर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा
उन्होंने कहा कि आजीवन कारावास की सजा में उन्होंने 14 वर्ष से अधिक समय जेल में बिता लिया है. ऐसे में उन्हें भारतीय संविधान के तहत परिहार का हक है लेकिन विधानसभा में सरकार के मंत्री झूठे दलील देकर आनंद मोहन को रिहा नहीं कर रहे. जबकि आनंद मोहन परिहार की सभी अहर्ता पूरी करते हैं. महेंद्र सिंह तवर ने कहा कि वह सरकार से मांग करते हैं कि पूर्व सांसद आनंद मोहन को सरकार अविलंब रिहा करे अन्यथा 29 जनवरी को महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि समारोह में देशभर के क्षत्रिय समाज और आनंद मोहन के समर्थक सरकार को अपनी चट्टानी एकता का एहसास कराएंगे.
वहीं, पूर्व सांसद लवली आनंद ने कहा कि सरकार दुर्भावना से ग्रसित होकर बदले की राजनीति कर रही है और राजनीतिक विद्वेष के कारण पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से रिहा नहीं कर रही. नीतीश कुमार को अपनी कुर्सी जाने का डर है. लवली आनंद ने बताया कि 29 जनवरी को महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि समारोह को लेकर आयोजित सिंह गर्जना रैली में लगभग 7 लाख क्षत्रिय समाज के लोग और आनंद मोहन समर्थक मिलकर स्कूल के मैदान में एकत्रित होकर अपनी चट्टानी एकता का एहसास दिलाएंगे. सरकार को आनंद मोहन को रिहा करना ही होगा अन्यथा समर्थक आनंद मोहन की रिहाई की मांग को लेकर पुरजोर आवाज उठाएंगे. जब तक आनंद मोहन की रिहाई नहीं होगी आवाज दबेगी नहीं. जरूरत पड़ी तो समर्थक दिल्ली के लिए पैदल मार्च भी करेंगे.
29 जनवरी को महाराणा प्रताप जी का तिथि सामारोह रख रहे हैं. यह जयंती सिंह गर्जना रैली के नाम से विख्यात है. हमलोग पूरे देश और गांव गांव जाएंगे. इस दौरान मुख्यमंक्षी को बेनकाब करेंगे कि कहते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं. क्षत्रिय समाज के लोग और आनंद मोहन समर्थक मिलकर स्कूल के मैदान में एकत्रित होकर अपनी चट्टानी एकता का एहसास दिलाएंगे. -लवली आनंद, पूर्व सांसद
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