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STET पास सभी अभ्यर्थियों को नौकरी दे सरकार: AISF - बिहार शिक्षक

बिहार राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा परिणाम में पारदर्शिता एवं शिक्षा मंत्री के घोषणा के अनुरुप सभी पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की मांग सरकार से की है. AISF के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार ने कहा कि बिना कटऑफ के सीधे मेधा सूची जारी कर दी गई, जो सरासर गलत है और इसमें पारदर्शिता भी बिल्कुल नहीं है.

AISF ने STET परीक्षा में पारदर्शिता और पास अभ्यर्थियों को नौकरी देने की सरकार से की मांग
AISF ने STET परीक्षा में पारदर्शिता और पास अभ्यर्थियों को नौकरी देने की सरकार से की मांग
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Published : Jun 24, 2021, 7:32 AM IST

पटना: ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) ने बिहार एसटीईटी परीक्षाफल( Bihar STET Exam ) में पारदर्शिता एवं शिक्षा मंत्री ( Bihar Education Minister) के घोषणा के अनुरूप सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की मांग सरकार से की है. एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार ने कहा कि परीक्षाफल में पारदर्शिता नहीं रखना काफी अनियमितताओं को जन्म देता है.

ये भी पढ़ें- Good News: 5 जुलाई से शुरू होगा 90762 प्राथमिक शिक्षकों का नियोजन

पास उम्मीदवारों को नौकरी देने की मांग
उन्होंने ये भी कहा कि अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानेगी तो बिहार बोर्ड कार्यालय के बाहर एआईएसएफ द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा.

'हम मांग करते हैं कि विषय वार एवं कोटि वार पुरुष और महिला वर्ग का अलग-अलग कटऑफ जारी किया जाए. सभी सफल अभ्यर्थी की नौकरी पक्की हो, किस विषय में कितनी रिक्तियां थी, कितना रिजल्ट जारी हुआ, इसे स्पष्ट किया जाए. देश में कोई भी परीक्षा समिति रिजल्ट के बाद पहले कट ऑफ जारी करती है. आरक्षण नियमों का पालन करती है, इसके बाद ही मेधा सूची जारी करती है.' : सुशील कुमार, राष्ट्रीय सचिव, एआईएसएफ

ये भी पढ़ें- शिक्षा मंत्री ने Bihar STET 2019 के तीन पेंडिंग विषयों का रिजल्ट किया जारी

'एसटीईटी (STET) में बिना कटऑफ के सीधे मेधा सूची जारी कर दी गई है, जो सरासर गलत है और इसमें पारदर्शिता भी बिल्कुल नहीं है. अपने प्रदर्शन के जरिए हम सरकार को चेतावनी देंगे कि सरकार चेत जाए और हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करे, अन्यथा एसटीइटी के अभ्यार्थियों को न्याय दिलाने के लिए एआईएसएफ चरणबद्ध तरीके से राज्यव्यापी आंदोलन करेगा.' : सुशील कुमार, राष्ट्रीय सचिव, एआईएसएफ

क्या है पूरा मामला
दरअसल, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ( BSEB ) की ओर से माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) 2019 के सभी 15 विषयों का परिणाम घोषित किया गया है. समिति द्वारा घोषित रिजल्ट में कई अभ्यर्थी क्वालिफाई तो हुए, लेकिन वे मेधा सूची में स्थान नहीं बना पाए हैं. इसको लेकर एसटीईटी अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं.

वहीं, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के 19 सितंबर 2019 के नोटिफिकेशन में कहा गया था कि जितनी रिक्तियां होंगी, उतनी ही विषयवार रिक्तियों पर कोटि एवं अंक के अनुरूप मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी. क्वालिफाई करने के लिए विद्यार्थियों को न्यूनतम कटऑफ मार्क्‍स लाना अनिवार्य है.

बोर्ड के नियमों के अनुसार क्‍वालिफाई होने के लिए सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए 50 फीसद और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और दिव्यांग के लिए 45 फीसद अंक लाना अनिवार्य है. लेकिन बोर्ड द्वारा जारी रिजल्ट में छात्रों का कटऑफ नहीं बताया गया है, जिसको लेकर अभ्यर्थी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

पटना: ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) ने बिहार एसटीईटी परीक्षाफल( Bihar STET Exam ) में पारदर्शिता एवं शिक्षा मंत्री ( Bihar Education Minister) के घोषणा के अनुरूप सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की मांग सरकार से की है. एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार ने कहा कि परीक्षाफल में पारदर्शिता नहीं रखना काफी अनियमितताओं को जन्म देता है.

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पास उम्मीदवारों को नौकरी देने की मांग
उन्होंने ये भी कहा कि अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानेगी तो बिहार बोर्ड कार्यालय के बाहर एआईएसएफ द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा.

'हम मांग करते हैं कि विषय वार एवं कोटि वार पुरुष और महिला वर्ग का अलग-अलग कटऑफ जारी किया जाए. सभी सफल अभ्यर्थी की नौकरी पक्की हो, किस विषय में कितनी रिक्तियां थी, कितना रिजल्ट जारी हुआ, इसे स्पष्ट किया जाए. देश में कोई भी परीक्षा समिति रिजल्ट के बाद पहले कट ऑफ जारी करती है. आरक्षण नियमों का पालन करती है, इसके बाद ही मेधा सूची जारी करती है.' : सुशील कुमार, राष्ट्रीय सचिव, एआईएसएफ

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'एसटीईटी (STET) में बिना कटऑफ के सीधे मेधा सूची जारी कर दी गई है, जो सरासर गलत है और इसमें पारदर्शिता भी बिल्कुल नहीं है. अपने प्रदर्शन के जरिए हम सरकार को चेतावनी देंगे कि सरकार चेत जाए और हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करे, अन्यथा एसटीइटी के अभ्यार्थियों को न्याय दिलाने के लिए एआईएसएफ चरणबद्ध तरीके से राज्यव्यापी आंदोलन करेगा.' : सुशील कुमार, राष्ट्रीय सचिव, एआईएसएफ

क्या है पूरा मामला
दरअसल, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ( BSEB ) की ओर से माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) 2019 के सभी 15 विषयों का परिणाम घोषित किया गया है. समिति द्वारा घोषित रिजल्ट में कई अभ्यर्थी क्वालिफाई तो हुए, लेकिन वे मेधा सूची में स्थान नहीं बना पाए हैं. इसको लेकर एसटीईटी अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं.

वहीं, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के 19 सितंबर 2019 के नोटिफिकेशन में कहा गया था कि जितनी रिक्तियां होंगी, उतनी ही विषयवार रिक्तियों पर कोटि एवं अंक के अनुरूप मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी. क्वालिफाई करने के लिए विद्यार्थियों को न्यूनतम कटऑफ मार्क्‍स लाना अनिवार्य है.

बोर्ड के नियमों के अनुसार क्‍वालिफाई होने के लिए सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए 50 फीसद और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और दिव्यांग के लिए 45 फीसद अंक लाना अनिवार्य है. लेकिन बोर्ड द्वारा जारी रिजल्ट में छात्रों का कटऑफ नहीं बताया गया है, जिसको लेकर अभ्यर्थी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

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