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पटना में बिगड़ने लगी आबो-हवा, दीपावली से पहले ही एयर क्वालिटी इंडेक्स 139 के पार

बिहार की राजधानी पटना में आबो-हवा बिगड़ने लगी है. कई जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 139 के पार हो गया है. जिससे आने वाले समय में सांस संबंधी बीमारियां फैलने का डर बना हुआ है.

एयर क्वालिटी इंडेक्स
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Published : Oct 16, 2021, 8:30 PM IST

पटना: देश और प्रदेश में पर्व और त्योहार का मौसम शुरू हो गया है. राजधानी पटना समेत तमाम इलाकों में आबो-हवा बिगड़ने लगी है. पटना में एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index in Patna) कई जगहों पर 139 के पार हो गया है. जबकि छठ और पटाखों का मुख्य पर्व दीपावली आना अभी बाकी है. अगर समय रहते वायु प्रदूषण (Air Pollution in Patna) को नियंत्रित नहीं किया गया, तो आने वाले समय लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- तेजप्रताप का 'हाथ' कांग्रेस कैंडिडेट के साथ, कुशेश्वरस्थान में RJD के खिलाफ करेंगे चुनाव प्रचार

बता दें कि पटना के तारामंडल के पास एयर क्वालिटी इंडेक्स 189 है, जबकि समनपुरा में 130 है. राजकीय हाईस्कूल शिकारपुर में 129, शनिवार को पटना सचिवालय का एयर क्वालिटी इंडेक्स 125 दिखाई दिया. कुल मिलाकर देखें तो राजधानी पटना में हवा की सेहत खराब होना शुरू हो गयी है. जिससे पटनावासी जहरीली सांस लेने को मजबूर हैं.

देखें वीडियो

डॉक्टरों का कहना है कि राजधानी पटना में जो हालात है, वह निश्चित तौर पर स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. वायु प्रदूषित होने से लोगों को फेफड़े की बीमारी होने का डर रहता है. अस्थमा होने का चांस बना रहता है. दूषित हवा से सांस संबंधी तमाम बीमारी होने का डर होता है. हालांकि इसको लेकर पटनावासी काफी सक्रिय हैं. उनका कहना है कि सरकार को वायु प्रदूषण रोकने के लिए कड़े से कड़े कदम उठाना चाहिए. तभी लोग इसको मानेंगे.

'कोरोना से बचाव के लिए लोग मास्क पह रहे हैं. अगर एयर पॉल्यूशन से बचना है, तो लोगों को मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलना चाहिए. अगर स्वास्थ्य रहना है तो हमें प्रदूषित हवा से बचना होगा.' -डॉक्टर ऋषभ

ईटीवी भारत gfx
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'सरकार वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कई उपाय कर रही है. इसके लिए बिहार सरकार ने इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू कर दिया है और इलेक्ट्रिक ऑटो भी चलाए जा रहे हैं. साथ ही सीएनजी बसों का उपयोग किया जा रहा है. हम चाहते हैं कि लोग डीजल और पेट्रोल के गाड़ियों को सड़क पर कम चलाएं. इसको लेकर तमाम उपाय किए जा रहे हैं. फुटपाथ पर कोयला या अंगीठी जलाकर लोग काम नहीं करें. इसको लेकर भी विभाग लगातार सतर्कता बरत रहा है. त्योहार के मौसम में विभाग लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगा और लोगों को कम से कम पटाखे जलाने के लिए कहा जाएगा, ताकि वायु कम से कम प्रदूषित हो.' -अशोक कुमार घोष, अध्यक्ष बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड

वायु प्रदूषण पर स्थानीय छात्र शिवम कुमार का कहना है कि त्यौहार का मौसम है. सरकार को नियम लाना चाहिए कि पटाखे की बिक्री न हो. जिससे लोग पटाखा ही न फोड़ सके. जिस तरह से पटना की वायु प्रदूषित हो रही है, वो स्वास्थ्य के लिहाज से काफी खतरनाक है. सरकार को इसको लेकर सख्त कदम उठाना चाहिए. इसके लिए आम लोगों को भी सोचना होगा.

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ये भी पढ़ें- ठगी का नायाब तरीका: 'मुट्ठी बांधकर 21 बार लक्ष्मी का नाम लीजिए... 81 कदम चलकर आइए...'

एक्यूआई दैनिक वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक सूचकांक लोगों को सूचित करता है कि शहर की हवा एक निश्चित समय में कितनी स्वच्छ या प्रदूषित है और इससे जुड़े स्वास्थ्य प्रभाव उनके लिए क्या चिंता का विषय हो सकते हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि 0-50 के बीच एक AQI को 'अच्छा', 51-100 'संतोषजनक', 101-200 'उदारवादी', 201-300 'गरीब', 301-400 'बहुत गरीब' और 401-500 'गंभीर' माना जाता है. 500 से ऊपर 'गंभीर प्लस' श्रेणी में आता है.

एयर क्वालिटी इंडेक्स वायु में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा देखी जाती है. जिसमें तय किया जाता है इनकी मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक है या नहीं.

पटना: देश और प्रदेश में पर्व और त्योहार का मौसम शुरू हो गया है. राजधानी पटना समेत तमाम इलाकों में आबो-हवा बिगड़ने लगी है. पटना में एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index in Patna) कई जगहों पर 139 के पार हो गया है. जबकि छठ और पटाखों का मुख्य पर्व दीपावली आना अभी बाकी है. अगर समय रहते वायु प्रदूषण (Air Pollution in Patna) को नियंत्रित नहीं किया गया, तो आने वाले समय लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा.

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बता दें कि पटना के तारामंडल के पास एयर क्वालिटी इंडेक्स 189 है, जबकि समनपुरा में 130 है. राजकीय हाईस्कूल शिकारपुर में 129, शनिवार को पटना सचिवालय का एयर क्वालिटी इंडेक्स 125 दिखाई दिया. कुल मिलाकर देखें तो राजधानी पटना में हवा की सेहत खराब होना शुरू हो गयी है. जिससे पटनावासी जहरीली सांस लेने को मजबूर हैं.

देखें वीडियो

डॉक्टरों का कहना है कि राजधानी पटना में जो हालात है, वह निश्चित तौर पर स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. वायु प्रदूषित होने से लोगों को फेफड़े की बीमारी होने का डर रहता है. अस्थमा होने का चांस बना रहता है. दूषित हवा से सांस संबंधी तमाम बीमारी होने का डर होता है. हालांकि इसको लेकर पटनावासी काफी सक्रिय हैं. उनका कहना है कि सरकार को वायु प्रदूषण रोकने के लिए कड़े से कड़े कदम उठाना चाहिए. तभी लोग इसको मानेंगे.

'कोरोना से बचाव के लिए लोग मास्क पह रहे हैं. अगर एयर पॉल्यूशन से बचना है, तो लोगों को मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलना चाहिए. अगर स्वास्थ्य रहना है तो हमें प्रदूषित हवा से बचना होगा.' -डॉक्टर ऋषभ

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'सरकार वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कई उपाय कर रही है. इसके लिए बिहार सरकार ने इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू कर दिया है और इलेक्ट्रिक ऑटो भी चलाए जा रहे हैं. साथ ही सीएनजी बसों का उपयोग किया जा रहा है. हम चाहते हैं कि लोग डीजल और पेट्रोल के गाड़ियों को सड़क पर कम चलाएं. इसको लेकर तमाम उपाय किए जा रहे हैं. फुटपाथ पर कोयला या अंगीठी जलाकर लोग काम नहीं करें. इसको लेकर भी विभाग लगातार सतर्कता बरत रहा है. त्योहार के मौसम में विभाग लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगा और लोगों को कम से कम पटाखे जलाने के लिए कहा जाएगा, ताकि वायु कम से कम प्रदूषित हो.' -अशोक कुमार घोष, अध्यक्ष बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड

वायु प्रदूषण पर स्थानीय छात्र शिवम कुमार का कहना है कि त्यौहार का मौसम है. सरकार को नियम लाना चाहिए कि पटाखे की बिक्री न हो. जिससे लोग पटाखा ही न फोड़ सके. जिस तरह से पटना की वायु प्रदूषित हो रही है, वो स्वास्थ्य के लिहाज से काफी खतरनाक है. सरकार को इसको लेकर सख्त कदम उठाना चाहिए. इसके लिए आम लोगों को भी सोचना होगा.

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एक्यूआई दैनिक वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक सूचकांक लोगों को सूचित करता है कि शहर की हवा एक निश्चित समय में कितनी स्वच्छ या प्रदूषित है और इससे जुड़े स्वास्थ्य प्रभाव उनके लिए क्या चिंता का विषय हो सकते हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि 0-50 के बीच एक AQI को 'अच्छा', 51-100 'संतोषजनक', 101-200 'उदारवादी', 201-300 'गरीब', 301-400 'बहुत गरीब' और 401-500 'गंभीर' माना जाता है. 500 से ऊपर 'गंभीर प्लस' श्रेणी में आता है.

एयर क्वालिटी इंडेक्स वायु में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा देखी जाती है. जिसमें तय किया जाता है इनकी मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक है या नहीं.

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