पटना: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) पर देशभर की नजर है. सरकार बनाने की रेस में भले ही योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर नजर आ रहे हों लेकिन एक तीसरा प्लेयर भी है, जो खुद को 'तीसरी ताकत' के रूप में देख रहा है. इस शख्स का नाम है एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi). मुस्लिम मतदाताओं के आसरे बिहार में 5 सीट जीतने के बाद भले ही पश्चिम बंगाल में उनका खाता भी नहीं खुल पाया. इसके बावजूद उनको पूरा भरोसा है कि उत्तर प्रदेश में एआईएमआईएम का प्रदर्शन (AIMIM Performance in UP Election) शानदार होने वाला है.
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बिहार में दिखा ओवैसी का जलवा: 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और पार्टी के खाते में 5 सीटें आईं. जिस वजह से तेजस्वी यादव की अगुवाई में आरजेडी बिहार में सरकार बनाने से दूर रह गई. एआईएमआईएम बिहार में 26 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें 5 सीटों पर जीत हासिल हुई. कुल मिलाकर 1.24% वोट हासिल हुए. इसका असर ये हुआ कि आरजेडी को कई सीटों पर काफी नुकसान हुआ और पार्टी को हार का सामना करना पड़ा.
बंगाल में नहीं उड़ सकी 'पतंग': बिहार के नतीजों से उत्साहित ओवैसी ने पश्चिम बंगाल में दो-दो हाथ के लिए कमर कसी लेकिन वहां उन्हें मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन हासिल नहीं हुआ. आलम ये हुआ कि महज 7 सीटों पर वह अपने उम्मीदवार खड़े कर सके. मुस्लिम वोटों की गोलबंदी ममता बनर्जी की टीएमसी के पक्ष में हुई और नतीजा ये हुआ कि पश्चिम बंगाल में ओवैसी की पार्टी का खाता तक नहीं खुल पाया. पार्टी को केवल 0.01% वोट मिले.
उत्तर प्रदेश में बेहतर नतीजों की उम्मीद: एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में मजबूत दावेदारी पेश करते हुए 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. एआईएमआईएम प्रत्याशियों के पक्ष में ओवैसी समेत पार्टी के तमाम नेताओं ने यूपी में कैंप किया. बिहार इकाई के अध्यक्ष और एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल इमान (AIMIM MLA Akhtarul Iman) ने भी चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी थी. नतीजे आने से पहले ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए अख्तरुल इमान ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश में बेहतर नतीजों की उम्मीद करता हूं.
सरकार बनाने में होगी महत्वपूर्ण भूमिका: एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल इमान ने दावा किया कि यूपी में उनकी पार्टी बड़ी ताकत बनकर उभरेगी. उन्होंने कहा कि अगर अपेक्षित सीटें आती हैं तो वैसी स्थिति में वहां सरकार बनाने में हमारी भूमिका महत्वपूर्ण होगी. 'बीजेपी की बी टीम' बताने पर एआईएमआईएम विधायक ने कहा कि जो लोग ऐसा कहकर हमें बदनाम करते हैं, वास्तव में उनके दामन ही दागदार हैं. जहां तक बात किसी के साथ जाने की है तो यह चुनाव नतीजों के बाद तय होगा.
बिहार की तरह तटस्थ रहेगी एआईएमआईएम: वहीं, वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार का मानना है कि ओवैसी की पार्टी भले ही उत्तर प्रदेश में 'तीसरी ताकत' बनने का दावा कर रही हो लेकिन बेहतर नतीजों की उम्मीद नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि यूपी में कुछ सीटें भले ही उनके खाते में जा सकती हैं मगर सरकार बनाने में ओवैसी का साथ कम से कम बीजेपी को तो नहीं मिलेगा. ऐसे में संभव है कि बिहार की तरह वह उत्तर प्रदेश में भी तटस्थ रहने के विकल्प को अपनाएं.
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इन सीटों पर जीत की उम्मीद: इस बार जिन सीटों पर असदुद्दीन ओवैसी की नजर है, उनमें मुबारकपुर विधानसभा सीट से शाह आलम, जौनपुर की शाहगंज विधानसभा सीट से एडवोकेट नायब अहमद, मुनर्गा बादशाहपुर से रमजान अली, चंदौली की मुगलसराय सीट से आबिदली और गाजीपुर की जहूराबाद विाानसभा शौकत अली का नाम काफी चर्चा में है. इसके अलावा बलिया सदर सीट से मो. शमीम खान, मुजफ्फरनगर सदर से इंतजार अंसारी, गैनसारी से शहाबुद्दीन, देवबंद से मौलाना उमरी मदनी, मेरठ से इमरान अंसारी के नामों की भी चर्चा है. पार्टी को लगता है कि इन सीटों पर जीत मिल सकती है.
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