ETV Bharat / state

बैंकों के निजीकरण के खिलाफ AIBOC करेगा प्रदर्शन, फैसले वापस नहीं लेने पर 'जनआंदोलन' की चेतावनी

author img

By

Published : Aug 25, 2021, 7:15 PM IST

ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन (All India Bank Officers Confederation) के एडवाइजर सुनील कुमार ने कहा कि बैंकों के निजीकरण के फैसले से देश आर्थिक गुलामी की तरफ बढ़ेगा. सरकार अपने फैसले में बदलाव नहीं करती है तो हम जन आंदोलन करेंगे. पढ़ें विस्तृत समाचार.

एआईबीओसी
एआईबीओसी

पटना: केंद्र सरकार के निजीकरण के फैसले (Decision of Privatization) का ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन (All India Bank Officers Confederation) विरोध करेगा. नवनिर्वाचित एडवाइजर सुनील कुमार ने बताया कि बैंकों को निजी हाथों में देना भविष्य में घातक सिद्ध होगा.

ये भी पढ़ें: NMP को लेकर तेजस्वी का PM मोदी पर तंज, 'आंगन बेचकर घर चलाना कौन सी काबिलियत है साहब?'

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सुनील कुमार ने कहा कि बैंक अधिकारी विपरीत परिस्थितियों में भी सबसे आगे बढ़कर राष्ट्र की प्रगति के लिए हर कार्य को निष्ठापूर्वक संपादित करते हैं. इसके बावजूद वर्तमान केंद्र सरकार बैंक कर्मियों की जायज मांगों की अनदेखा कर रही है.

सुनील कुमार ने कहा कि बैंक अधिकारियों के हितों की रक्षा के लिए एआईबीओसी (AIBOC) हमेशा संघर्ष करता रहा है और आगे भी करेगा. बैंकों के विलय और सरकार की गलत नीतियों का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: मंदिरों और मठों की जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई: प्रमोद कुमार

एआईबीओसी के एडवाइजर ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को निजी हाथों में सौंपने को लेकर केंद्र सरकार के द्वारा की जा रही नीतियों का भी हम लोग विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्रों के बैंकों ने इस देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पहुंचाने में बहुत बड़ा भूमिका निभाई है. जन-जन तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाने में सरकारी बैंकों की अहम भूमिका रही है, लेकिन सरकार के द्वारा जिस तरह से बैंकों का विलय किया गया है, उससे बहुत सारी शाखाएं बंद हुई हैं और बहुत सारे कर्मचारियों की छंटनी भी हुई है

उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण लोग बैंकिंग सुविधाओं से वंचित हुए हैं और बेरोजगारी बढ़ी है. आने वाले दिनों में सरकार जिस तरह से बैंकों का निजीकरण करना चाहती है, उससे बैंकिंग व्यवस्था पूरी तरह से चौपट होगी और बेरोजगारी की समस्या बढ़ेगी. एक तरफ सरकार रोजगार देने की बात कह रही है तो दूसरी तरफ लोगों का रोजगार छीनने का काम कर रही है. इससे लोग कर्ज में डूबेंगे और देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो जाएगी.

सुनील कुमार ने कहा कि जिस तरह से देश में बेरोजगारी चरम सीमा पर है. छोटे-बड़े जो व्यवसाय हैं, वहां रोजगार पूरी तरह से चौपट हो रहा है. ऐसे में लोग जाएं तो जाएं कहां, लिहाजा कनफेडरेशन ने सड़क से लेकर सदन तक के लड़ाई को लेकर पूरी तरह से तैयार कर ली है. सरकार अपनी नीतियों में बदलाव करें, अन्यथा देश में जन आंदोलन होगा.

पटना: केंद्र सरकार के निजीकरण के फैसले (Decision of Privatization) का ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन (All India Bank Officers Confederation) विरोध करेगा. नवनिर्वाचित एडवाइजर सुनील कुमार ने बताया कि बैंकों को निजी हाथों में देना भविष्य में घातक सिद्ध होगा.

ये भी पढ़ें: NMP को लेकर तेजस्वी का PM मोदी पर तंज, 'आंगन बेचकर घर चलाना कौन सी काबिलियत है साहब?'

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सुनील कुमार ने कहा कि बैंक अधिकारी विपरीत परिस्थितियों में भी सबसे आगे बढ़कर राष्ट्र की प्रगति के लिए हर कार्य को निष्ठापूर्वक संपादित करते हैं. इसके बावजूद वर्तमान केंद्र सरकार बैंक कर्मियों की जायज मांगों की अनदेखा कर रही है.

सुनील कुमार ने कहा कि बैंक अधिकारियों के हितों की रक्षा के लिए एआईबीओसी (AIBOC) हमेशा संघर्ष करता रहा है और आगे भी करेगा. बैंकों के विलय और सरकार की गलत नीतियों का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: मंदिरों और मठों की जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई: प्रमोद कुमार

एआईबीओसी के एडवाइजर ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को निजी हाथों में सौंपने को लेकर केंद्र सरकार के द्वारा की जा रही नीतियों का भी हम लोग विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्रों के बैंकों ने इस देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पहुंचाने में बहुत बड़ा भूमिका निभाई है. जन-जन तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाने में सरकारी बैंकों की अहम भूमिका रही है, लेकिन सरकार के द्वारा जिस तरह से बैंकों का विलय किया गया है, उससे बहुत सारी शाखाएं बंद हुई हैं और बहुत सारे कर्मचारियों की छंटनी भी हुई है

उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण लोग बैंकिंग सुविधाओं से वंचित हुए हैं और बेरोजगारी बढ़ी है. आने वाले दिनों में सरकार जिस तरह से बैंकों का निजीकरण करना चाहती है, उससे बैंकिंग व्यवस्था पूरी तरह से चौपट होगी और बेरोजगारी की समस्या बढ़ेगी. एक तरफ सरकार रोजगार देने की बात कह रही है तो दूसरी तरफ लोगों का रोजगार छीनने का काम कर रही है. इससे लोग कर्ज में डूबेंगे और देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो जाएगी.

सुनील कुमार ने कहा कि जिस तरह से देश में बेरोजगारी चरम सीमा पर है. छोटे-बड़े जो व्यवसाय हैं, वहां रोजगार पूरी तरह से चौपट हो रहा है. ऐसे में लोग जाएं तो जाएं कहां, लिहाजा कनफेडरेशन ने सड़क से लेकर सदन तक के लड़ाई को लेकर पूरी तरह से तैयार कर ली है. सरकार अपनी नीतियों में बदलाव करें, अन्यथा देश में जन आंदोलन होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.