पटना: शुक्रवार को राजधानी पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय पुष्प महोत्सव का शुभारंभ हुआ. महोत्सव में राज्य स्तरीय पुष्प प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है. जिसमें बिहार के विभिन्न जिलों से आए किसानों ने अपने फूलों की प्रदर्शनी लगाई है. बेहतर प्रदर्शनी लगाने वाले किसानों को पुष्प महोत्सव के आखिरी दिन यानी शनिवार को पुरस्कार राशि और सम्मान से नवाजा जाएगा.
पुष्प महोत्सव का उद्घाटन करने ज्ञान भवन पहुंचे कृषि मंत्री ने सबसे पहले सभी फूलों की प्रदर्शनी का भ्रमण किया. मंत्री प्रेम कुमार ने बोनसाई और कैक्टस के पौधों के प्रति खासा आकर्षण दिखाया. उन्होंने कहा कि पुष्प महोत्सव का आयोजन बिहार में पुष्प उत्पादक किसानों को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया है. इससे किसानों की आय दोगुनी होगी.
पर्यावरण परिवर्तन आज है बड़ी समस्या
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार सरकार के बागवानी विकास मिशन के तहत दो दिवसीय पुष्प महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज के दौर में जलवायु परिवर्तन के परिपेक्ष्य में फूलों की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है. उन्होंने कहा कि बिहार में फूलों की खेती लगभग 862 हेक्टेयर में की जा रही है. जिसका उत्पादन करीब 10.70 हजार मैट्रिक टन है.
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बढ़ी है फूलों की खेती
2005 की तुलना में फूलों की खेती बिहार में लगभग 9 गुना बढ़ी है. इसके बावजूद बिहार में जो फूलों की खपत है उसका 90% फूल कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे जैसे अन्य राज्यों से आयात करना पड़ता है. कृषि मंत्री ने कहा कि फूल की व्यवसायिक खेती की बिहार में अपार संभावनाएं हैं. इसके प्रति किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से यह महोत्सव का आयोजन किया गया है. मौके पर कृषि विभाग के सचिव डॉ. एन श्रवण कुमार, कृषि निदेशक आदेश तितरमारे, उद्यान निदेशक नंदकिशोर सहित कृषि विभाग के कई पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.