पटना: केन्द्र प्रायोजित स्मार्ट सिटी योजना के तहत पटना शहर को स्मार्ट सिटी के रुप में विकसित करने के स्पेन की कंपनी 'एपटिसा सर्विसियोस डे इंजीनियरिया एसएल' का चयन किया गया था. अब इस कंपनी से स्मार्ट सिटी ने करार को रद्द कर दिया है. इसके तहत कंपनी की ओर से जमा की गई साढ़े चार करोड़ रुपये सिक्योरिटी मनी को भी जब्त कर लिया गया है. बता दें कि यह दूसरा मौका है जब स्मार्ट सिटी ने किसी कंपनी के साथ करार को तोड़ा हो.
एक भी प्रोजेक्ट नहीं किया गया था पूरा
बता दें कि पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने अभी तक एक भी प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया है. कंपनी अपने साथ करार करने वाली 2 कंसल्टेंट कंपनी को हटा चुकी है. यह दूसरा मौका है जब स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने किसी कंपनी के साथ अपना करार को रद्द किया है. 'एपटिसा सर्विसियोस डे इंजीनियरिया एसएल' विदेशी कंपनी है. इस कंपनी को स्मार्ट सिटी ने कई काम सौपे थे. जबकि कंपनी ने तीन साल में प्रोजेक्ट का डीपीआर तक तैयार नहीं किया. सरकार के नोटिस पर कंपनी ने कोई जवाब भी नहीं दिया. जिसके बाद यह करार को रद्द किया गया.
पूरे नगर निगम क्षेत्र को किया जाना था विकसित
बता दें कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत गांधी मैदान से पटना जंक्शन होते हुए वीरचंद पटेल मार्ग से मंदिरी नाला होते हुए अशोक राजपथ क्षेत्र का एबीडी के तहत विकास किया जाना था. इसके अलावे पैन सिटी के अलावे कई ऐसी योजनाएं शामिल की गई थी. जिसे पूरे पटना नगर निगम क्षेत्र में कार्यान्वित किया जाना था.
इस योजना के तहत पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी की ओर से स्मार्ट सिटी योजना के तहत विभिन्न परियोजनाओं पर कुल 2776.16 करोड़ रुपये का अनुमानित व्यय किया जाना था. जिसमें एबीडी के तहत कुल 2542.62 करोड़ रुपये थे. वहीं, इस योजना को पूरा करने के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार की हिस्सेदारी 930.00 करोड़ रुपये में से 50:50 के अनुपात में होगी.
देश भर में 100 शहरों को स्मार्ट बनाने की योजना
गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी योजना केन्द्र प्रायोजित है. 2014 केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद देश भर के 100 शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए 2015 में परियोजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना में बिहार के चार शहरों का नाम था. हालांकि, अभी तक एक भी शहर स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित नहीं हो सका है.