पटना: राष्ट्रीय जनता दल का एक बड़ा धड़ा बीजेपी के संपर्क में है. यह दावा भाजपा के कद्दावर नेता भूपेंद्र यादव ने किया था. इस दावे पर मुहर जदयू नेता ललन सिंह ने लगाई. एनडीए नेताओं के इन दावों को राजद ने पूरी तरह खारिज किया है.
पार्टी टूटने और जोड़-तोड़ की कहानी
दरअसल, जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आए और उसके बाद बिहार में नई सरकार बनी तब से ही विपक्ष बीजेपी और जदयू के रिश्तों पर सवाल खड़े कर रहा है. विपक्ष लगातार कह रहा है कि यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चलने वाली है. बिहार की सियासत में एक बड़ा भूचाल तब आया जब लालू यादव का एक ऑडियो वायरल हुआ. जिसमें वे भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक ललन पासवान को प्रलोभन देते सुनाई पड़े.
'लालू यादव पूरी कहानी के सूत्रधार'
बाद में जेल से सरकार गिराने की साजिश के लिए फोन करने का आरोप लगाते हुए लालू के खिलाफ ललन पासवान ने एफआईआर दर्ज कराई, जिसकी जांच चल रही है. लालू की ओर से ऑफर की पुष्टि मुकेश सहनी ने भी की जिसके बाद एनडीए नेताओं के कान खड़े हो गए और तब से ही बिहार की सियासत में एक दूसरे की पार्टी के टूटने के दावे पर दावे किए जा रहे हैं.
चुनाव से पहले राजद में हुई थी टूट
राष्ट्रीय जनता दल में टूट का जो दावा खरमास के बाद किया जा रहा है उसे लेकर यह भी समझना जरूरी है कि राजद में टूट की बात कोई नई नहीं है. चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल के 5 विधान पार्षद और छह विधायक पार्टी छोड़कर जदयू में शामिल हो गए थे. अब जबकि जदयू चुनाव के बाद कमजोर पड़ा है उसे संख्या बल की जरूरत है, ऐसे में ना सिर्फ राजद बल्कि कांग्रेस विधायकों के टूटने की भी खबर लगातार सामने आ रही हैं.
'लालू यादव इस पूरे कहानी के सूत्रधार रहे हैं. इस मामले में अगर राजद के विधायक अपनी पार्टी से खुश नहीं है और वह तेजस्वी और लालू का साथ छोड़कर बाहर आना चाहते हैं तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है'- प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी नेता
'बीजेपी और जदयू अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए राजद के टूटने की अफवाह फैला रहे हैं'- शिवचंद्र राम, राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री
पार्टी को एकजुट रखने के लिए तेजस्वी यादव लगातार बैठक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में मध्यावधि चुनाव तय है क्योंकि वर्तमान सरकार स्थाई नहीं है. एनडीए और महागठबंधन के बीच संख्या बल को लेकर खींचतान लगातार जारी है. क्योंकि बहुमत और विपक्ष के संख्या बल में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है. यही वजह है कि बिहार में जोड़-तोड़ की रियासत चरम पर है. ऐसे में राजद का दावा है कि उनकी पार्टी चट्टान की तरह एकजुट है. ये कितना सही साबित होता है ये तो खरमास के बाद ही पता चल पाएगा.