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'मेरी आंगनबाड़ी पत्नी की मौत हो गई सर.. 15 महीने बाद भी नहीं मिला मुआवजा' सुनकर हैरान हुए CM नीतीश - जनता दरबार में मुख्यमंत्री

सीएम नीतीश कुमार जनता दरबार में लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं. इस बीच एक सज्जन ने मुख्यमंत्री को अपनी समस्या बताते हुए कहा कि उनकी आंगनबाड़ी सेविका पत्नी का निधन हो गया, लेकिन अब तक अनुग्रह राशि नहीं मिली है. पढ़ें पूरी खबर..

CM Nitish Kumar Janata Darbar
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Published : Dec 13, 2021, 11:53 AM IST

पटनाः सीएम नीतीश कुमार जनता दरबार (CM Nitish Kumar Janata Darbar) में लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं. इस क्रम में जनता दरबार में एक फरियादी पहुंचे जिन्होंने अपनी समस्या बताई. फरियादी ने सीएम को बताया कि उनकी पत्नी आंगनबाड़ी सेविका थीं. कोरोना काल में उनका निधन हो गया. लेकिन अब तक अनुदान की राशि नहीं मिली है.

इसे भी पढ़ें- 'जनता दरबार में मुख्यमंत्री': CM नीतीश इन विभागों की सुन रहे हैं शिकायतें

"हमारी पत्नी आंगनबाड़ी में थी लेकिन कोरोना से उनकी मौत हो गई. विभाग से चार लाख रुपया अनुग्रह राशि मिलनी होती है, लेकिन 15 महीने बीत जाने के बाद अभी तक कुछ नहीं हुआ है. जिला पदाधिकारी से दो बार मिले भी हैं."- फरियादी

फरियादी ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनकी तबीयत खराब हो जाने के बाद जब इलाज के लिए अस्पताल ले गए, तब अस्पताल पहुंचते ही उनकी पिछले साल 2 अक्टूबर को मौत हो गई. कोरोना से निधन का सर्टिफिकेट भी उन्हें नहीं मिला. इसके बाद सीएम नीतीश ने समाज कल्याण विभाग में फोन लगाने को कहा. फिर अनुग्रह की राशि देने के लिए फरियादी को आश्वस्त किया.

जनता दरबार में सीएम नीतीश

चूंकि यह दूसरा सोमवार है तो जनता दरबार में आज स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभागों की समस्याओं को सुना जा रहा है.

जबकि तय प्रोटोकॉल के तहत पहले सोमवार को गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले सुने जाते हैं. वहीं, तीसरे सोमवार को मुख्यमंत्री ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभागों की समस्याओं को सुनते हैं.

इसे भी पढ़ें- CM Janata Darbar: मदद मांगी तो जबरन किया गलत काम, मुख्यमंत्री जी.. न्याय कीजिए

बता दें कि जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच भी की जा रही है. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सीमित संख्या में लोगों को ही आने की अनुमति दी जा रही है.

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पटनाः सीएम नीतीश कुमार जनता दरबार (CM Nitish Kumar Janata Darbar) में लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं. इस क्रम में जनता दरबार में एक फरियादी पहुंचे जिन्होंने अपनी समस्या बताई. फरियादी ने सीएम को बताया कि उनकी पत्नी आंगनबाड़ी सेविका थीं. कोरोना काल में उनका निधन हो गया. लेकिन अब तक अनुदान की राशि नहीं मिली है.

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"हमारी पत्नी आंगनबाड़ी में थी लेकिन कोरोना से उनकी मौत हो गई. विभाग से चार लाख रुपया अनुग्रह राशि मिलनी होती है, लेकिन 15 महीने बीत जाने के बाद अभी तक कुछ नहीं हुआ है. जिला पदाधिकारी से दो बार मिले भी हैं."- फरियादी

फरियादी ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनकी तबीयत खराब हो जाने के बाद जब इलाज के लिए अस्पताल ले गए, तब अस्पताल पहुंचते ही उनकी पिछले साल 2 अक्टूबर को मौत हो गई. कोरोना से निधन का सर्टिफिकेट भी उन्हें नहीं मिला. इसके बाद सीएम नीतीश ने समाज कल्याण विभाग में फोन लगाने को कहा. फिर अनुग्रह की राशि देने के लिए फरियादी को आश्वस्त किया.

जनता दरबार में सीएम नीतीश

चूंकि यह दूसरा सोमवार है तो जनता दरबार में आज स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभागों की समस्याओं को सुना जा रहा है.

जबकि तय प्रोटोकॉल के तहत पहले सोमवार को गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले सुने जाते हैं. वहीं, तीसरे सोमवार को मुख्यमंत्री ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभागों की समस्याओं को सुनते हैं.

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बता दें कि जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच भी की जा रही है. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सीमित संख्या में लोगों को ही आने की अनुमति दी जा रही है.

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