पटनाः पटना हाईकोर्ट के वकीलों ने न्यायपालिका पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है ई-फाइलिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही सुनवाई में सभी वकीलों को बराबर मौका नहीं मिल पा रहा है. जिसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट के गेट के सामने प्रदर्शन किया.
वकीलों ने जताई नाराजगी
दरअसल कोरोना संक्रमण को लेकर बिहार में जारी लॉकडाउन के कारण सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट उनमें ई-फाइलिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की जा रही है. पटना हाईकोर्ट में ई फाइलिंग के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से महत्वपूर्ण सुनवाई हो रही है. लेकिन वकीलों ने न्यायपालिका पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कुछ चुनिंदा लोगों को ही यहां ई-फाइलिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई का मौका दिया जा रही है, जो गलत है.
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हाथ में पोस्टर लेकर वकीलों का प्रदर्शन
पटना हाईकोर्ट के वकीलों ने इस भेदभाव पूर्ण रवैये के खिलाफ हाईकोर्ट के सामने हाथ में स्लोगन लिखे पोस्टर लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया. पटना हाईकोर्ट में कार्य कर रहे अधिवक्ता सुनील कुमार पाठक ने बताया कि लॉकडाउन को 70 दिन हो गया हैं. हम लोग इसका पूरा पालन कर रहे हैं. लॉकडाउन में इमरजेंसी जन सुनवाई के लिए हाईकोर्ट की तरफ से दो नंबर 9431821014 और 9431821915 दिया गया था. जिसकी टाइमिंग के मुताबिक 11:00 बजे से 1:00 बजे तक फोन करना है, लेकिन ये फोन नंबर लगता ही नहीं है.
'मांगे पूरी नहीं हुई तो होगा आक्रोश मार्च'
वकीलों ने कहा कि सीनियर वकीलों की ई-फाइलिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हो जाती है, लेकिन हमारा फोन ही नहीं लगता. अगर मुख्य न्यायाधीश ने कुछ और भी व्यवस्था की है तो वो हमलोगों को भी बताया जाए. सभी वकीलों को सुनवाई का मौका दें. वकीलों ने कहा कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो हम लोग इसके बाद आक्रोश मार्च करेंगे.
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बता दें कि लॉकडाउन के दौरान सभी कार्यालय बंद थे. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए हाईकोर्ट ने भी वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए कोर्ट में काम बंद कर दिया था. हाईकोर्ट और सिविल कोर्ट में अभी भी ई-फाइलिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हो रही है.