पटनाः 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने चार पहिया वाहनों के आगे लगे बंपर को हटाने के आदेश दिए थे और उसके बाद लगभग हर राज्य में चलने वाले चार पहिया वाहनों के आगे लगे बंपर हटाए गए थे. बिहार की राजधानी पटना में भी यह अभियान जोर-शोर से चला था. ट्रैफिक पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बंपर नहीं हटाने पर कई चार पहिया वाहनों के मालिकों पर जुर्माना भी लगाया.
इस आदेश के करीब 2 साल बाद ईटीवी की टीम एक बार फिर से सरकारी कार्यालयों में जाकर इसका जायजा लिया कि आखिर इस आदेश का पालन वरीय अधिकारी कितना कर रहे हैं.
अधिकारियों के वाहन में बंपर
हालत यह है कि पटना जिला प्रशासन के लगभग सभी वरीय अधिकारियों के गाड़ियों के आगे बंपर लगे हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते प्रशासन के अधिकारी दिख रहे हैं. पटना समाहरणालय परिसर में लगे लगभग सभी अधिकारियों के वाहन के आगे बंपर लगे हुए दिखाई दिए.
कोर्ट के आदेश की अवहेलना
आपको बताते चलें कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 190 के तहत ऐसे वाहन जिसमें लगे बंपर से आम लोगों को खतरा हो सकता है. दुर्घटना होने पर शारीरिक क्षति हो सकती है. ऐसे वाहनों पर बंपर लगाने की सख्त मनाही सुप्रीम कोर्ट के द्वारा की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते प्रशासन के अधिकारी साफ तौर से दिख रहे हैं.
बंपर लगने से होता है नुकसान
दरअसल, चार पहिया वाहनों में अक्सर एयर बैग्स लगे रहते हैं. बंपर लगाए जाने के कारण उन गाड़ियों का सेंसर काम नहीं करता, ऐसे में टक्कर के समय अधिकांश मामलों में एयर बैग नहीं खुलता है और गाड़ी में बैठे व्यक्तियों को नुकसान हो जाता है. इसी बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सभी चार पहिया वाहनों के आगे लगे बंपर को हटाने का आदेश दिया था.