पटना: बिहार में जहरीली शराब के सेवन से मौत होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आशंका व्यक्त की जा रही है कि रोहतास नवादा और बेगूसराय में जहरीली शराब पीने से मौतें हुईं हैं. मृतक के परिजनों का भी कहना है कि जहरीली शराब के सेवन से ही मौत हुई है. हालांकि पुलिस अभी मौत के पीछे के कारण को बताने में असमर्थ है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी का कहना है कि मौत के पीछे की वजह क्या है, इसका पता बेसरा जांच से ही चलेगा, जिसका इंतजार किया जा रहा है.
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
नवादा नगर थाना क्षेत्र के 24 घंटे के भीतर 9 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से हड़कंप मच गया. मृतक के परिजनों ने पॉलिथीन वाली जहरीली शराब पीने से मौत की आशंका जताई है. हालांकि पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र कुमार की माने तो नवादा, बेगूसराय और रोहतास में जहरीली शराब पीने से हुई मौत की जांच की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ तौर पर कहा जा सकता है कि इन लोगों की मौत के पीछे की क्या वजह है.
'सभी पहलुओं पर स्थानीय पुलिस अनुसंधान कर रही है. फिलहाल मृतकों का पोस्टमार्टम कराकर बेसरा की जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कारवाई पुलिस करेगी. दोषियों को हम लोग नहीं बख्सेंगे, उनपर कड़ी कारवाई की जाएगी.'- जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय बिहार
शराबबंदी के बावजूद शराब का कारोबार
राज्य सरकार और बिहार पुलिस द्वारा किए जा रहे दावे कहीं न कहीं खोखला साबित हो रहा है. बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी होने के बावजूद भी जहरीली शराब का सेवन करने से कई लोगों की मौत पहले भी हो चुकी है.
पुलिस प्रशासन गंभीर
बिहार में पूर्ण शराब बंदी लागू हो सके इसको लेकर राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय विभिन्न तरह के हथकंडे अपना रही है. इसके बावजूद भी राज्य में अवैध रूप से देसी विदेशी शराब का सेवन लोग कर रहे हैं.
- शराब व्यवसायियों को पकड़ने के लिए श्वान दस्ता की अतिरिक्त टीम लगाई गई है.
- शराब व्यवसायियों का मनोबल तोड़ने के लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा ड्रोन कैमरे भी खरीदे जा रहे हैं.
- यहां तक की शराब व्यवसायियों के साथ संबंध रखने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की जा रही है.
कानून की अवहेलना
कई कड़े कदम उठाने के बावजूद शराब का व्यवसाय बिहार में फल फूल रहा है. हालांकि सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार होली त्यौहार के दौरान बिहार में करोड़ों रुपए के अवैध रूप से शराब का व्यवसाय हुआ है. लोगों को आसानी से होम डिलीवरी के माध्यम से मनचाहे ब्रांड तक उनके घर तक पहुंचा है. राज्य सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों को कई दफे शराब न पीने की शपथ भी दिलवाई गई है इसके बावजूद भी करीबन 211 पुलिसकर्मियों जो कि शराब के धंधे में संलिप्त थे उन पर कार्रवाई भी की गई है.
कई और मामले पहले भी आए सामने
गौरतलब है कि पिछले महीने भी शराब पीने से सासाराम में 4 लोगों की मौत और 2 लोगों के आंख की रोशनी चले जाने की बात सामने आई थी. यही नहीं बिहार के गोपालगंज में 2016 में हुए जहरीली शराब कांड के नौ दोषियों को कोर्ट ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है. इस मामले में दोषी चार महिलाओं को उम्रकैद की सजा दी गई है. जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी. पांच साल चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने 26 फरवरी को 14 आरोपियों में से 13 आरोपियों को दोषी करार दिया था.
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