पटना: भागलपुर ब्लास्ट मामले (Bhagalpur Blast Case) की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है वैसे वैसे भागलपुर पुलिस की SIT को लीड मिल रही है. ADG पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक इस मामले में अबतक हुई जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि जिस बारूद से यह धमाका हुआ है वह झारखण्ड से लाया गया था. साथ ही इसके तार बंगाल और यूपी से भी जुड़े (Bhagalpur blast connection to Bengal UP) हुए पाये गए हैं.
एडीजी पुलिस मुख्यालय का बयान: पुलिस मुख्यालय के एडीजी ने कहा कि एसआईटी पूरे मामले की जांच कर रही है इस बात की भी पड़ताल की जा रही है कि बारूद में किस प्रकार का मिश्रण था. क्या क्या चीजें मिलाई गई थी. मामले में भागलपुर पुलिस के द्वारा ततारपुर थाना में एक एफआईआर दर्ज की गई है. जिसमें लीलावती का बेटा और मो आजाद को आरोपी बनाया गया है. मो. आजाद की गिरफ्तारी के लिए दबिश के बाद मोहम्मद आजाद ने कोर्ट में सरेंडर किया है. उम्मीद जताई जा रही है कि पूछताछ के लिए एटीएस उसे रिमांड पर लेगी. हालांकि पुलिस मुख्यालय इस पर खुलकर कुछ भी बोलने से परहेज कर रही है.
"भागलपुर ब्लास्ट की जांच चल रही है और अनुसंधान का मामला है. इस वजह से स्पष्ट रूप से कुछ कह पाना अभी मुमकिन नहीं है. सभी एंगल पर जांच की जा रही है. बारूद का मिश्रण कैसा था. कहां से इसे लाया गया था इन सभी बिंदुओं पर अनुसंधान जारी है. पुलिस को जो लीड मिल रही है. उसके अनुसार काम हो रहा है. झारखंड, बंगाल, यूपी जहां भी जाना होगा, पुलिस टीम जाएगी."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय बिहार
पढ़ें: भागलपुर ब्लास्टः ATS की जांच में मिल रहे भारी विस्फोटक बनाने के सबूत, कहीं और तो नहीं जुड़ रहे तार?
जांच में मिले हैं कई सबूतः आपको बता दें कि भागलपुर ब्लास्ट मामले के 4 दिन बीत चुके हैं और स्थानीय पुलिस द्वारा गठित एसआईटी के साथ-साथ एटीएस और एफएसएल की टीम जांच में जुटी है. दरअसल 4 दिन में धमाके के कई टेरर एंगल सामने आए हैं. पहले जहां पटाखा फैक्ट्री का नाम आ रहा था, वहां से अब कुकर बरामद हुआ है. जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि प्रेशर कुकर बम से धमाका हुआ था. प्रशासन की जांच के दौरान तीन तरह के बारूद, रस्सी, चूना और रंगीन मिट्टी के साथ प्रेशर कुकर भी बरामद हुआ है.
पढ़ें: भागलपुर ब्लास्ट का LIVE VIDEO : एक धमाका और ऐसे खत्म हो गई 14 लोगों की जिंदगी
बिहार में अब तक हुए धमाके: छापेमारी के दौरान जो सिल्वर रंग का बारूद मिला है वह काफी खतरनाक है. यह सारा बारूद प्रेशर कुकर में रखा हुआ था. जाहिर है कि पटाखे की आड़ में कहीं ना कहीं किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी थी. जिसकी जांच एफएसएल द्वारा की जा रही है. बिहार में धमाकों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
हालिया महीनों में बिहार में हुए धमाके की बात करें तो बांका जिले के एक मदरसे में बड़ा धमाका हुआ था. इस धमाके में गंभीर रूप से घायल मदरसे के इमाम अब्दुल सत्तार मोबिन की महज चंद मिनटों में मौत हो गई थी. इसके बाद बीते वर्ष भागलपुर जिले के अलग अलग थाना क्षेत्रों में टिफिन बम से लेकर केन बमों और सुतली बमों के मिलने का सिलसिला कई दिनों तक जारी रहा था. भागलपुर पुलिस और FSL की तरफ से सभी मामलों की जांच की जा रही है.
वहीं ATS ने भी अपने स्तर से जांच की और देशी बम की बात कह फाइल बंद कर दी. मगर हैरत की बात यह रही कि इन सभी केस में कोई अहम गिरफ्तारी भागलपुर पुलिस की तरफ से नहीं की गई है. किसने इन बमों को बनाया और इसका मोड्स क्या था? कहां इसका इस्तेमाल करना था? इसकी पड़ताल गहराई से अबतक नहीं की गई है. नतीजा यह हुआ कि आज यह भयावह घटना सबके सामने है. भागलपुर में सिलसिलेवार बमों के मिलने के बाद बारी आई खगड़िया की. खगड़िया 25 फरवरी को सीरियल बम धमकों से दहल उठा. इस बम विस्फोट में 12 लोग घायल हुए थे. स्थानीय प्रशासन ने कहा था कि कचरे के ढेर पर बम बिस्फोट हुआ. जिसमें कचरा चुनने वाले लोग घायल हुए थे. धमाके की जांच ATS को दी गई. एटीएस और FSL की टीमें पूरे मामलें की जांच कर रही है. अबतक जांच रिपोर्ट नहीं आई है.
अब तक भागलपुर में हुए विस्फोट
- पहला विस्फोट 9 दिसंबर 2021 को भागलपुर जमालपुर रेल खंड के नाथनगर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक के बगल में कूड़े के ढेर पर हुआ था. विस्फोट में एक कूड़ा चुनने वाले व्यक्ति की मौत हुई थी.
- दूसरी घटना फिर 11 दिसंबर को मोमिन टोला में हुई. यहां झाड़ी में रखे बम को बच्चों ने खेल खेल में उठाकर फेंका दिया था. इसमें एक बच्चा मामूली रूप से घायल हुआ था.
- दो दिन बाद ही 13 दिसंबर को मखदूम शाह दरगाह घाट पर एक टिफिन बम ब्लास्ट हुआ. इसमें यहां के रहने वाले आनंद कुमार दास का 7 वर्षीय बेटे अमृत कुमार की मौत हो गई थी.
- 28 मई को लोदीपुर थाना क्षेत्र के जगतपुर में रखे पुआल में किसी ने बम छुपा दिया था. उसे हटाने के क्रम में बम फट गया और 12 साल की एक बच्ची बुरी तरह घायल हो गई थी.
- 15 मई को विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के आशा नंदपुर गांव में मोहम्मद असलम के घर की छत पर भयानक बम विस्फोट हुआ था. हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. बम इतना शक्तिशाली था कि 200 मीटर के आसपास के घरों के खिड़कियों के शीशे टूट कर गिर गए और पड़ोसी की एक दीवार भी गिर गई थी.
- इससे पहले 8 जनवरी 2021 को कोतवाली थाना क्षेत्र के लहेरी टोला में गोदाम से तिलकुट निकालने के क्रम में रिक्शे के पास जबरदस्त बम विस्फोट हुआ था. इसमें एक रिक्शा चालक गंभीर रूप से घायल हो गया था.
गौरतलब है कि बीते वर्ष दिसंबर माह में ही नाथनगर थाना क्षेत्र में 5 दिनों में तीन बम विस्फोटों में दो की मौत हुई थी. बावजूद इसके भागलपुर पुलिस ने अपने सूचना तंत्र को एक्टिव नहीं किया और नतीजा यह हुआ कि आज इतनी बड़ी घटना सबके सामने है.
धमाके में अब तक 16 लोगों की मौत: भागलपुर ब्लास्ट केस में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले की काफी गंभीरता जांच की जा रही है. धमाका इतना जोरदार था कि चार मकान ढह गए थे. इसके साथ अन्य कई मकानों को काफी नुकसान पहुंचा था. पुलिस ने घटनास्थल को उसी समय सील कर दिया था. शनिवार को घटनास्थल पर भवन निर्माण विभाग और नगर निगम की टीम भी पहुंची. वहां पर टीम ने क्षतिग्रस्त मकानों के मालिक से बात की और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़कर हटाने की अनुमति मांगी.
पढ़ें- भागलपुर ब्लास्टः ATS की जांच में मिल रहे भारी विस्फोटक बनाने के सबूत, कहीं और तो नहीं जुड़ रहे तार?
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP