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वर्दीधारियों पर हमला नहीं बर्दाश्त, सरकारी योजनाओं से वंचित होंगे हमलावर: ADG

बिहार में पुलिस पर हमले की वारदातों को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय कई ठोस कदम उठा रहा है. ऐसे लोगों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश तो जारी किए ही गए हैं, साथ ही भविष्य में किसी भी सरकारी योजना का लाभ भी इन लोगों को नहीं मिलेगा. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

Attack on Bihar Police
Attack on Bihar Police
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Published : Oct 11, 2021, 2:32 PM IST

पटना:बिहार में अपराधियों (Bihar Crime News) और असामाजिक तत्वों में पुलिस का खौफ खत्म होता दिख रहा है. तभी तो इन दिनों लगातार पुलिस पर हमले (Attack On Police Team) हो रहे हैं. आए दिन शराब व्यवसाई, बालू माफियाओं के खिलाफ एक्शन लेने वाली पुलिस (Bihar Police) पर हमले होने की खबरें सामने आती रहती है. एक बार फिर से टीम को निशाना बनाया गया. भागलपुर के सजोर थाने के कमलपुर गांव एवं अंधेरी नदी के बीच शनिवार को छापेमारी की गई भागलपुर और बांका की खनन विभाग की टीम और पुलिस पर बालू माफियाओं ने हमला कर दिया.

यह भी पढ़ें- सड़क हादसे से भड़के ग्रामीणों का पुलिस टीम पर हमला, थाना प्रभारी समेत चार जख्मी

बालू माफियाओं द्वारा करीब आधा दर्जन सरकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया है, जिसमें कई पुलिस अधिकारी और कर्मी आंशिक रूप से घायल हुए हैं. इस मामले में चार बालू माफियाओं सहित 15 से 20 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है. अब तक किसी की गिरफ्तारी सुनिश्चित नहीं हो पाई है.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ें- LIVE VIDEO: जाम हटाने गई थी पुलिस, लोगों ने दौड़ा दौड़ाकर पीटा

जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र के झिटकहि गांव में शराब बरामद करने गई पुलिस की टीम को ग्रामीणों ने गुस्से का शिकार होना पड़ा है. लोगों ने पहले तो पुलिस की टीम को बंधक बना लिया और फिर कमरा बंद कर दारोगा की जमकर पिटाई कर दी. इस घटना में कई अन्य पुलिसकर्मी और ग्रामीण भी घायल बताए जा रहे हैं. सभी का इलाज हॉस्पिटल में कराया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- बिहार में यह क्या हो रहा है... पुलिस टीम पर हमले का ये वीडियो आपको थर्रा देगा

जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने 3 पुलिस जवानों को एक महिला ने गड़ासा से काट कर जख्मी कर दिया है जिसमें एक पुलिसकर्मी को 25 टांके लगे हैं. बिहार में इन दिनों आए दिन पुलिस पर हमले हो रहे हैं. जिससे कहीं ना कहीं पुलिस कर्मियों का मनोबल भी गिरता दिख रहा है.

बिहार में लगातार पुलिसकर्मियों पर हो रहे हमले को लेकर पुलिस मुख्यालय ने समीक्षा की है. जिसमें पता चला है कि सिर्फ अगस्त महीने में ही बिहार के विभिन्न जिलों में 24 से घटनाएं घटित हुई हैं,जिसमें पुलिस पर हमले हुए हैं. पंचायत चुनाव के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में भी कई जगह पर पुलिस कर्मियों पर हमले किए गए. हालांकि कुछ मामलों में लोगों की गिरफ्तारी भी सुनिश्चित हुई है.

यह भी पढ़ें- वैशाली का बिकरू कांड: तलवार से 7 पुलिसकर्मियों को काटा, 11 घायल, कई राउंड फायरिंग

पुलिस मुख्यालय के अनुसार बिहार के गया, वैशाली और नालंदा जिले में पुलिस पर हमले की घटनाएं ज्यादा हुई हैं. वहीं इन 3 जिलों की तुलना में नवादा, औरंगाबाद, पूर्णिया, खगड़िया, बगहा, दरभंगा, गोपालगंज, कटिहार, सिवान, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर में विगत दिनों में पुलिस पर कम हमले हुए हैं.

आपको बता दें कि 8 अक्टूबर को बिहार पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के दौरान कई जगह पर गड़बड़ी की गई है. वहीं दरभंगा में वरीय पुलिस अधीक्षक के काफिले पर उपद्रवियों ने हमला कर पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. गोपालगंज में प्रखंड विकास पदाधिकारी बीडीओ को उपद्रवियों ने खदेड़ दिया.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर: बलि पूजा रोकने गई पुलिस पर भीड़ ने किया हमला, 5 जवान घायल

वहीं भोजपुर में पुलिस की पिटाई से नाराज मतदाताओं ने हंगामा शुरू कर दिया. इसके अलावे पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के दौरान विक्रम प्रखंड के निसरपुरा गांव के मतदान केंद्र संख्या 196 पर उपद्रवियों ने पुलिस के जवान की राइफल लूटने की कोशिश की. हालांकि इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है.

पुलिस मुख्यालय के मुताबिक पुलिस पर हमले की घटनाओं के अभियुक्तों की जल्द गिरफ्तारी का निर्देश सभी जिलों को दिया गया है. खासकर पुलिस मुख्यालय की मानें तो सबसे जरूरी तो यह है कि इस तरह की घटनाओं के घटित होने से ही रोका जाए, जिस वजह से छापेमारी के दौरान पूरी तैयारी के साथ पुलिस कर्मियों को जाने का निर्देश दिया गया है.

छापेमारी बड़ी हो तो डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस की टीम गठित कर उस जिले के एसपी को सूचना देने के बाद छापेमारी के लिए टीम जाएगी. पुलिस पर लगातार हो रहे हमले को लेकर अभियुक्तों की त्वरित गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए है, ताकि पुलिस कर्मियों का मनोबल ना गिर सके.

"अपराधी की गिरफ्तारी करने गई टीम पर उपद्रवी तत्व हमला करते हैं. इसलिए जब पुलिस ऐसे ऑपरेशन में जाती है तो विशेष चौकसी बरतने की जरुरत है. टीम पूरी तैयारी से मौके पर जाए, अगर समझाने पर भी उपद्रवी नहीं मानें तो गंभीर धाराओं में कांड दर्ज कर उन पर कार्रवाई की जाएगी. ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा जो लोग भी पुलिस पर हमला करेंगे उन पर ट्रायल करवा कर उचित कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ-साथ भविष्य में ऐसे लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत जो लाभ मिलता है, मामला दर्ज या सजा होने पर उस पर रोक लगा दी जाएगी."-जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

पटना:बिहार में अपराधियों (Bihar Crime News) और असामाजिक तत्वों में पुलिस का खौफ खत्म होता दिख रहा है. तभी तो इन दिनों लगातार पुलिस पर हमले (Attack On Police Team) हो रहे हैं. आए दिन शराब व्यवसाई, बालू माफियाओं के खिलाफ एक्शन लेने वाली पुलिस (Bihar Police) पर हमले होने की खबरें सामने आती रहती है. एक बार फिर से टीम को निशाना बनाया गया. भागलपुर के सजोर थाने के कमलपुर गांव एवं अंधेरी नदी के बीच शनिवार को छापेमारी की गई भागलपुर और बांका की खनन विभाग की टीम और पुलिस पर बालू माफियाओं ने हमला कर दिया.

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बालू माफियाओं द्वारा करीब आधा दर्जन सरकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया है, जिसमें कई पुलिस अधिकारी और कर्मी आंशिक रूप से घायल हुए हैं. इस मामले में चार बालू माफियाओं सहित 15 से 20 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है. अब तक किसी की गिरफ्तारी सुनिश्चित नहीं हो पाई है.

देखें वीडियो

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जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र के झिटकहि गांव में शराब बरामद करने गई पुलिस की टीम को ग्रामीणों ने गुस्से का शिकार होना पड़ा है. लोगों ने पहले तो पुलिस की टीम को बंधक बना लिया और फिर कमरा बंद कर दारोगा की जमकर पिटाई कर दी. इस घटना में कई अन्य पुलिसकर्मी और ग्रामीण भी घायल बताए जा रहे हैं. सभी का इलाज हॉस्पिटल में कराया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- बिहार में यह क्या हो रहा है... पुलिस टीम पर हमले का ये वीडियो आपको थर्रा देगा

जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने 3 पुलिस जवानों को एक महिला ने गड़ासा से काट कर जख्मी कर दिया है जिसमें एक पुलिसकर्मी को 25 टांके लगे हैं. बिहार में इन दिनों आए दिन पुलिस पर हमले हो रहे हैं. जिससे कहीं ना कहीं पुलिस कर्मियों का मनोबल भी गिरता दिख रहा है.

बिहार में लगातार पुलिसकर्मियों पर हो रहे हमले को लेकर पुलिस मुख्यालय ने समीक्षा की है. जिसमें पता चला है कि सिर्फ अगस्त महीने में ही बिहार के विभिन्न जिलों में 24 से घटनाएं घटित हुई हैं,जिसमें पुलिस पर हमले हुए हैं. पंचायत चुनाव के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में भी कई जगह पर पुलिस कर्मियों पर हमले किए गए. हालांकि कुछ मामलों में लोगों की गिरफ्तारी भी सुनिश्चित हुई है.

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पुलिस मुख्यालय के अनुसार बिहार के गया, वैशाली और नालंदा जिले में पुलिस पर हमले की घटनाएं ज्यादा हुई हैं. वहीं इन 3 जिलों की तुलना में नवादा, औरंगाबाद, पूर्णिया, खगड़िया, बगहा, दरभंगा, गोपालगंज, कटिहार, सिवान, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर में विगत दिनों में पुलिस पर कम हमले हुए हैं.

आपको बता दें कि 8 अक्टूबर को बिहार पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के दौरान कई जगह पर गड़बड़ी की गई है. वहीं दरभंगा में वरीय पुलिस अधीक्षक के काफिले पर उपद्रवियों ने हमला कर पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. गोपालगंज में प्रखंड विकास पदाधिकारी बीडीओ को उपद्रवियों ने खदेड़ दिया.

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वहीं भोजपुर में पुलिस की पिटाई से नाराज मतदाताओं ने हंगामा शुरू कर दिया. इसके अलावे पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के दौरान विक्रम प्रखंड के निसरपुरा गांव के मतदान केंद्र संख्या 196 पर उपद्रवियों ने पुलिस के जवान की राइफल लूटने की कोशिश की. हालांकि इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है.

पुलिस मुख्यालय के मुताबिक पुलिस पर हमले की घटनाओं के अभियुक्तों की जल्द गिरफ्तारी का निर्देश सभी जिलों को दिया गया है. खासकर पुलिस मुख्यालय की मानें तो सबसे जरूरी तो यह है कि इस तरह की घटनाओं के घटित होने से ही रोका जाए, जिस वजह से छापेमारी के दौरान पूरी तैयारी के साथ पुलिस कर्मियों को जाने का निर्देश दिया गया है.

छापेमारी बड़ी हो तो डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस की टीम गठित कर उस जिले के एसपी को सूचना देने के बाद छापेमारी के लिए टीम जाएगी. पुलिस पर लगातार हो रहे हमले को लेकर अभियुक्तों की त्वरित गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए है, ताकि पुलिस कर्मियों का मनोबल ना गिर सके.

"अपराधी की गिरफ्तारी करने गई टीम पर उपद्रवी तत्व हमला करते हैं. इसलिए जब पुलिस ऐसे ऑपरेशन में जाती है तो विशेष चौकसी बरतने की जरुरत है. टीम पूरी तैयारी से मौके पर जाए, अगर समझाने पर भी उपद्रवी नहीं मानें तो गंभीर धाराओं में कांड दर्ज कर उन पर कार्रवाई की जाएगी. ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा जो लोग भी पुलिस पर हमला करेंगे उन पर ट्रायल करवा कर उचित कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ-साथ भविष्य में ऐसे लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत जो लाभ मिलता है, मामला दर्ज या सजा होने पर उस पर रोक लगा दी जाएगी."-जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

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