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जारी पत्र पर मुख्यालय की सफाई, 'लोकतंत्र में सभी को विरोध-प्रदर्शन करने का हक, पुलिस नहीं लगा सकती रोक'

बिहार में धरना-प्रदर्शन करने पर सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. इस पर एडीजी ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति आपराधिक मामलों में संलिप्त होगा तो, उनके कैरेक्टर सर्टिफिकेट में ये बातें अंकित रहेंगी.

ADG jitendra kumar
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Published : Feb 3, 2021, 1:53 PM IST

पटना: चरित्र प्रमाण पत्र को लेकर पुलिस मुख्यालय की तरफ से मंगलवार को जारी आदेश पर आज पुलिस हेडक्वार्टर की तरफ से सफाई दी गई. एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने कहा कि चरित्र सत्यापन को लेकर जारी आदेश को गलत तरीके से समझा गया है.

'मुख्यालय की तरफ से सभी थाना और एसपी को बस इतना ही निर्देशित किया गया है कि वह किसी भी व्यक्ति के चरित्र सत्यापन के दौरान उनसे जुड़ी सही जानकारी संबंधित विभागीय संवेदक को दें. बाकि आगे करने में संबंधित विभाग संवेदक ही लेगा. लोकतंत्र में विरोध-प्रदर्शन करने का हक सभी को है. इस पर पुलिस कभी भी रोक नहीं लगा सकती है. हां अगर वह विरोध-प्रदर्शन के दौरान कानून को अपने हाथों में लेंगा तो इसकी जानकारी उनके चरित्र प्रमाण पत्र में अंकित रहेगी"- जितेंद्र कुमार, एडीजी पुलिस मुख्यालय

नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी...
बता दें राज्य सरकार के गृह विभाग को मिल रही सूचना के आधार पर एक पत्र जारी किया गया था. जिस पत्र का हवाला देते हुए पुलिस मुख्यालय ने भी एक पत्र जारी किया है. जिसमें लिखा है कि अगर आप बिहार में रहते हैं, सरकारी नौकरियां और ठेकेदारी करना चाहते हैं तो आपको धरना-प्रदर्शन करने का अधिकार नहीं है. गलती से भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते पकड़े गए तो, सरकारी नौकरी या सरकारी ठेका नहीं मिलेगा.

देखें रिपोर्ट

पुलिस मुख्यालय ने जारी किया था पत्र
बिहार पुलिस मुख्यालय ने एक फरवरी को एक पत्र जारी किया. पत्र में लिखा है कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी स्थिति में विरोध-प्रदर्शन, सड़क जाम इत्यादि मामले में सम्मिलित होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है तो, उसे इस कार्य के लिए पुलिस द्वारा आरोप पारित किया जाता है. पुलिस मुख्यालय के द्वारा जारी पत्र वायरल होने के बाद विपक्ष द्वारा लगातार सरकार और पुलिस मुख्यालय के द्वारा दिए गए आदेश की आलोचना शुरू हो गई है. जिसके बाद पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि लोकतंत्र में सबको अधिकार है कि वह अपनी मांगों के खिलाफ प्रदर्शन कर सकता है. लेकिन यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से होना चाहिए.

"अगर प्रदर्शन के दौरान उत्पात मचाया जाएगा या सरकारी संपत्ति को नष्ट पहुंचाने की कोशिश की भी की जाएगी, तो उनके करैक्टर सर्टिफिकेट में यह बातें अंकित रहेंगे. इसके आधार पर उन्हें ना ही सरकारी नौकरी और ना ही सरकारी ठेका मिल पाएगा. यह पत्र चरित्र सत्यापन के लिए जारी किया गया है. इस पत्र में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति अपराधिक मामलों में संलिप्त होगा तो, उनके कैरेक्टर सर्टिफिकेट में यह बातें अंकित रहेगी"- जितेंद्र कुमार, एडीजी पुलिस मुख्यालय

ये भी पढ़ें: पहले सोशल मीडिया और अब धरना-प्रदर्शन, सरकार चाहती क्या है?

पुलिस मुख्यालय नहीं देगी सलाह
पुलिस मुख्यालय के अनुसार जो नियोजनकर्ता है उनके विवेक पर या उनके बनाई गई नीति पर निर्भर करता है कि वह इस मामले में क्या निर्णय लेते हैं. इस मामले में पुलिस मुख्यालय द्वारा किसी को ना ही सलाह दिया जाएगा और ना ही उसके बारे में उन्हें जानकारी दी जाएगी. पुलिस मुख्यालय के एडीजी का कहना है कि यह पहले से प्रतिबंधित है कि जो राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देते हैं या देना चाहते हैं, वह इस तरह की किसी कार्य में संलिप्त नहीं रहते हैं.

पटना: चरित्र प्रमाण पत्र को लेकर पुलिस मुख्यालय की तरफ से मंगलवार को जारी आदेश पर आज पुलिस हेडक्वार्टर की तरफ से सफाई दी गई. एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने कहा कि चरित्र सत्यापन को लेकर जारी आदेश को गलत तरीके से समझा गया है.

'मुख्यालय की तरफ से सभी थाना और एसपी को बस इतना ही निर्देशित किया गया है कि वह किसी भी व्यक्ति के चरित्र सत्यापन के दौरान उनसे जुड़ी सही जानकारी संबंधित विभागीय संवेदक को दें. बाकि आगे करने में संबंधित विभाग संवेदक ही लेगा. लोकतंत्र में विरोध-प्रदर्शन करने का हक सभी को है. इस पर पुलिस कभी भी रोक नहीं लगा सकती है. हां अगर वह विरोध-प्रदर्शन के दौरान कानून को अपने हाथों में लेंगा तो इसकी जानकारी उनके चरित्र प्रमाण पत्र में अंकित रहेगी"- जितेंद्र कुमार, एडीजी पुलिस मुख्यालय

नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी...
बता दें राज्य सरकार के गृह विभाग को मिल रही सूचना के आधार पर एक पत्र जारी किया गया था. जिस पत्र का हवाला देते हुए पुलिस मुख्यालय ने भी एक पत्र जारी किया है. जिसमें लिखा है कि अगर आप बिहार में रहते हैं, सरकारी नौकरियां और ठेकेदारी करना चाहते हैं तो आपको धरना-प्रदर्शन करने का अधिकार नहीं है. गलती से भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते पकड़े गए तो, सरकारी नौकरी या सरकारी ठेका नहीं मिलेगा.

देखें रिपोर्ट

पुलिस मुख्यालय ने जारी किया था पत्र
बिहार पुलिस मुख्यालय ने एक फरवरी को एक पत्र जारी किया. पत्र में लिखा है कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी स्थिति में विरोध-प्रदर्शन, सड़क जाम इत्यादि मामले में सम्मिलित होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है तो, उसे इस कार्य के लिए पुलिस द्वारा आरोप पारित किया जाता है. पुलिस मुख्यालय के द्वारा जारी पत्र वायरल होने के बाद विपक्ष द्वारा लगातार सरकार और पुलिस मुख्यालय के द्वारा दिए गए आदेश की आलोचना शुरू हो गई है. जिसके बाद पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि लोकतंत्र में सबको अधिकार है कि वह अपनी मांगों के खिलाफ प्रदर्शन कर सकता है. लेकिन यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से होना चाहिए.

"अगर प्रदर्शन के दौरान उत्पात मचाया जाएगा या सरकारी संपत्ति को नष्ट पहुंचाने की कोशिश की भी की जाएगी, तो उनके करैक्टर सर्टिफिकेट में यह बातें अंकित रहेंगे. इसके आधार पर उन्हें ना ही सरकारी नौकरी और ना ही सरकारी ठेका मिल पाएगा. यह पत्र चरित्र सत्यापन के लिए जारी किया गया है. इस पत्र में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति अपराधिक मामलों में संलिप्त होगा तो, उनके कैरेक्टर सर्टिफिकेट में यह बातें अंकित रहेगी"- जितेंद्र कुमार, एडीजी पुलिस मुख्यालय

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पुलिस मुख्यालय नहीं देगी सलाह
पुलिस मुख्यालय के अनुसार जो नियोजनकर्ता है उनके विवेक पर या उनके बनाई गई नीति पर निर्भर करता है कि वह इस मामले में क्या निर्णय लेते हैं. इस मामले में पुलिस मुख्यालय द्वारा किसी को ना ही सलाह दिया जाएगा और ना ही उसके बारे में उन्हें जानकारी दी जाएगी. पुलिस मुख्यालय के एडीजी का कहना है कि यह पहले से प्रतिबंधित है कि जो राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देते हैं या देना चाहते हैं, वह इस तरह की किसी कार्य में संलिप्त नहीं रहते हैं.

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