पटना: लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद कर पुलिस ने जनता के बीच एक बेहतर छवि बनाई है. पुलिस के कार्यशैली में बदलाव के बाद राजधानी वासी ने भी पटना पुलिस के खुले मन से सराहना की थी. पुलिस की यह छवी बनी रहे. इसके लिए यह जरूरी है कि इलाके में अपराध का ग्राफ नियंत्रित रहे और बदमाशों पर पुलिस का शिकंजा मजबूत रहे. खास बात यह है कि इन दिनों पटना पुलिस इन दोनों दिशा में लगातार बेबतर कार्य कर रही है.
'टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रही पुलिस'
पुलिस की कार्यशैली में बदलाव को श्रेय एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार को जाता है. जितेंद्र कुमार की माने तो पहले की तुलना में बिहार पुलिस के जवान खुद को निरंतर और उत्तरोत्तर रूप से खुद को प्रोफेशनली अपने को समृद्ध करने में लगे हुए हैं. पहले की अपेक्षा बिहार पुलिस अब ज्यादा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है. क्राइम का साइंटिफिक तौर पर अनुसंधान किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास है कि एक फ्रेंडली पुलिस का चेहरा आम जनता के बीच बन सके. जिस वजह से हमलोग तकनीक प्रयोग के दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं.
'पुलिस जवान को दिये जा रहे आधुनिक हथियार'
जितेंद्र कुमार ने बताया कि बीते कुछ साल पहले तक पुलिस का चेहरा आम इंसान के दिलो-दिमाग में खराब हो गया था. पहले पुलिस घटना घटित होने के कई घंटे बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंचती थी. इसका मुख्य कारण पुलिस का वाहन था. जो धक्का मारने पर स्टार्ट हुआ करता था. पुलिस के ज्यादातर थाने खंडहर में तब्दील थे. पुलिस की तुलना में अपराधी के पास हथियार आधुनिक थे.
इन दिनों इन सभी चिजों को बदला जा रहा है. पुलिस को नए हथियार के साथ-साथ नए थाना भवन और हथियार दिये जा रहे हैं. पुलिस मुख्यालय की माने तो बिहार में कुल 1324 थाने हैं. जिनमें से 890 थानों को CCTNS योजना से जोड़ा जा रहा है. 179 थाने क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम से जुड़ चुके हैं. इन थानों को सीसीटीएनएस से जुड़ने का मुख्य मकसद आम जनता पुलिस और कोर्ट के बीच पारदर्शी लाना है.
इससे पहले डीजीपी गुप्तेश्वर ने कही थी यह बात
गौरतलब है कि पुलिस की छवी में बदलाव को लेकर इससे पहले डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे कई बार पुलिस कर्मियों से अपील कर चुकें है. उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंच से पुलिस कर्मी को अपने व्यवहार में सुधार, जनता के साथ अच्छे से पेश आने और उनकी शिकायतों को सुनकर गंभीरता से निस्तारण करने का निर्देश दे चुके है. वे कई बार रात में थानों का औचक निरिक्षण भी कर चुके हैं.