पटना: सूबे में इन दिनों चमकी बुखार या दिमागी बुखार का कहर बरप रहा है. मुजफ्फरपुर के बाद ये बुखार पटना में भी दस्तक दे चुका है. बिहार के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज में चमकी बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.
चमकी की चपेट में आए कई बच्चों का नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु विभाग के इमरजेंसी में इलाज जारी है. दर्जनों की चपेट में यहां बच्चे एडमिट हुए हैं. डॉक्टर लगातार बच्चों का इलाज कर रहे हैं. वहीं, विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि समय रहते चमकी बुखार से ग्रसित बच्चे या मरीज आते हैं, तो डॉक्टर तुरन्त हालत में सुधार ला कर उन्हें जीवनदान देते हैं. लेकिन देर से आने पर ये बुखार खतरनाक हो जाता है. जिससे स्थिति चिंताजनक बनी रहती है.
'सभी सुविधाएं उपलब्ध'
नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का शिशु विभाग इस बुखार के इलाज के लिए जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था कर रहा है. हर सुविधा से लैस नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चमकी बुखार का टीका और जरूरी दवाएं उपलब्ध हैं. वहीं, एक बच्चे की मौत के सवाल पर विभागाध्यक्ष ने कहा कि हां 10 जून को एक बच्चे की मौत हुई थी. लेकिन उसकी वजह चमकी बुखार था या नहीं यह रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा.