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सावधान! पटना आ पहुंचा है चमकी बुखार, बढ़ रही पीड़ितों की संख्या - बिहार स्वास्थ्य विभाग

मुजफ्फरपुर के बाद चमकी बुखार पटना में दस्तक दे चुका है. यहां नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इस बुखार से ग्रसित दर्जनों बच्चों का इलाज चल रहा है.

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Published : Jun 12, 2019, 10:56 PM IST

पटना: सूबे में इन दिनों चमकी बुखार या दिमागी बुखार का कहर बरप रहा है. मुजफ्फरपुर के बाद ये बुखार पटना में भी दस्तक दे चुका है. बिहार के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज में चमकी बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.

चमकी की चपेट में आए कई बच्चों का नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु विभाग के इमरजेंसी में इलाज जारी है. दर्जनों की चपेट में यहां बच्चे एडमिट हुए हैं. डॉक्टर लगातार बच्चों का इलाज कर रहे हैं. वहीं, विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि समय रहते चमकी बुखार से ग्रसित बच्चे या मरीज आते हैं, तो डॉक्टर तुरन्त हालत में सुधार ला कर उन्हें जीवनदान देते हैं. लेकिन देर से आने पर ये बुखार खतरनाक हो जाता है. जिससे स्थिति चिंताजनक बनी रहती है.

एनएमकेसीएच में भर्ती बच्चे

'सभी सुविधाएं उपलब्ध'
नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का शिशु विभाग इस बुखार के इलाज के लिए जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था कर रहा है. हर सुविधा से लैस नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चमकी बुखार का टीका और जरूरी दवाएं उपलब्ध हैं. वहीं, एक बच्चे की मौत के सवाल पर विभागाध्यक्ष ने कहा कि हां 10 जून को एक बच्चे की मौत हुई थी. लेकिन उसकी वजह चमकी बुखार था या नहीं यह रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा.

पटना: सूबे में इन दिनों चमकी बुखार या दिमागी बुखार का कहर बरप रहा है. मुजफ्फरपुर के बाद ये बुखार पटना में भी दस्तक दे चुका है. बिहार के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज में चमकी बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.

चमकी की चपेट में आए कई बच्चों का नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु विभाग के इमरजेंसी में इलाज जारी है. दर्जनों की चपेट में यहां बच्चे एडमिट हुए हैं. डॉक्टर लगातार बच्चों का इलाज कर रहे हैं. वहीं, विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि समय रहते चमकी बुखार से ग्रसित बच्चे या मरीज आते हैं, तो डॉक्टर तुरन्त हालत में सुधार ला कर उन्हें जीवनदान देते हैं. लेकिन देर से आने पर ये बुखार खतरनाक हो जाता है. जिससे स्थिति चिंताजनक बनी रहती है.

एनएमकेसीएच में भर्ती बच्चे

'सभी सुविधाएं उपलब्ध'
नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का शिशु विभाग इस बुखार के इलाज के लिए जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था कर रहा है. हर सुविधा से लैस नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चमकी बुखार का टीका और जरूरी दवाएं उपलब्ध हैं. वहीं, एक बच्चे की मौत के सवाल पर विभागाध्यक्ष ने कहा कि हां 10 जून को एक बच्चे की मौत हुई थी. लेकिन उसकी वजह चमकी बुखार था या नहीं यह रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा.

Intro:स्टोरी:-चमकी बुखार का कहर।
रिपोर्ट:-पटना सिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-12-06-019.
एंकर:-पटना सिटी,सुवे में इनदिनों चमकी बुखार का कहर लगातार जारी है,मुजफ्फरपुर के बाद अब यह बुखार पटना में भी दस्तक दे चुका है,सुवे के सबसे बड़ा दूसरा अस्पताल नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी चमकी बुखार का मरीजो की संख्या बढ़ती जा रही है।नालन्दा मेडिकल कालेज अस्पताल के शिशु विभाग के इमरजेंसी में कई शिशु चमकी बुखार से ग्रषित व पीड़ित है।नालन्दा सिराज और हाजीपुर का दीपक के साथ साथ दर्जनों बच्चो को बुखार से ग्रषित है जिसे डॉक्टर लगातार ईलाज कर रहे है।शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि समय रहते चमकी बुखार से ग्रषित शिशु या मरीज आते है तो डॉक्टर तुरन्त हालत में सुधार ला कर उन्हें जीवनदान देते है लेकिन अगर समय रहते नही आया मरीज तो उसे जान भी जा सकती है,इसलिय इसतरह की विमारी में देर न करे तुरन्त सम्वन्धित अस्पताल लाये ताकि उनका जीवन तुरन्त बचाया जा सके।नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु विभाग इस रोग यानी चमकी रोग से निजात पाने का हर मुक्कमल वेवस्था कर रही है हर सुविधा से लैस नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चमकी बुखार का टीका उपलब्ध जरूरतमंद दवा उपलव्ध है यानी इस रोग के रोकथाम के लिए सरकार और अस्पताल प्रसाशन मुस्तेदी है सूत्रों से पता चला कि चमकी रोग से एक शिशु की मौत हुई थी लेकिन विभगाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार ने भी बताया कि 10 जून को एक बच्चा की मौत ईलाज के दौरान हुई थी लेकिन वह बुखार से परेशान जरूर था लेकिन उसकी मौत चमकी बुखार से नही बल्कि किसी ओर विमारी से हुई है ।इनदिनों बुखार न टूटने का मरीज नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु विभाग में लगातार बढ़ रहा है जिससे डॉक्टरों को भी परेशानी हो रही है देखिये एक रिपोर्ट।
बाईट(बुन्देल राय-परिजन और डॉ विनोद कुमार सिंह-विभागध्यक्ष nmch शिशु विभाग)


Body:चमकी बुखार का कहर।


Conclusion:चमकी बुखार का कहर।
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