पटना: सड़क पर गंदगी फैलाने वाले के साथ गीला और सूखा कचरा मिलाकर रखने वाले होटल और रेस्टोरेंट के खिलाफ पटना नगर निगम ने इन दिनों कड़ा रुख अपना लिया है. नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाना शुरू कर दिया है.
नगर निगम ने की कार्रवाई
स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंक बेहतर हो सके और शहर सुंदर बन सके, इसको लेकर पटना नगर निगम लगातार कई तरह के कार्यक्रम चला रही है. जो भी व्यक्ति सड़कों पर गंदगी फैला रहा है, उसके खिलाफ निगम कार्रवाई भी कर रही है. आज इसी दौरान नगर निगम और प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा शहर में विभिन्न जगहों पर गीला और सूखा कचरा अलग-अलग संग्रहण नहीं करने और गीला कचरा का निस्तारण नहीं करने वाले होटल, रेस्टोरेंट आदि के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाकर कार्रवाई की गई.
15 होटल से वसूला गया जुर्माना
मंगलवार को अभियान के दूसरे दिन टीम द्वारा मौर्य लोक परिसर, डाक बंगला चौराहा, फ्रेजर रोड और एग्जीबिशन रोड में सघन छापेमारी की गई. विभिन्न प्रतिष्ठानों तथा बारबीक्यू नेशन, फॉरेस्टो पैराडाइज, वसंत विहार, तंदूर हट, बिरयानी महल समेत 15 होटल, रेस्टोरेंट आदि में छापेमारी कर कुल 28 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया.
गीले कचरे का निस्तारण अनिवार्य
पटना नगर निगम क्षेत्रांतर्गत अवस्थित उन सभी प्रतिष्ठानों को बल्क वेस्ट जेनरेटर की श्रेणी में रखा गया है, जिनके परिसर से प्रतिदिन 20 किलो कचरा निकलता है. स्वच्छ भारत मिशन गाइडलाइन के अनुसार बल्क वेस्ट जेनरेटर द्वारा कचरा पृथक्करण और गीले कचरे का निस्तारण स्वयं करना अनिवार्य है. पटना नगर निगम और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बल्क वेस्ट जेनरेटर की श्रेणी में आने वाले सभी होटल, रेस्टोरेंट, फूड कियोस्क आदि में छापेमारी अभियान सोमवार को शुरू किया गया.
होटलों के खिलाफ कार्रवाई
छापेमारी के दौरान प्रतिष्ठानों के परिसर में कचरा पृथक्करण और निस्तारण की व्यवस्था की जांच की जा रही है. अभियान के दौरान अनाधिकृत रूप से कोयले का इस्तेमाल करने वाले विक्रेताओं और होटलों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है. मंगलवार को नूतन राजधानी अंचल में ऐसे 7 विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई और उनके दुकान ध्वस्त किए गए. वहीं कुछ रेस्टोरेंट से जुर्माना वसूला गया.
फुटपाथी विक्रेताओं को निशुल्क चूल्हा
बता दें विगत वर्ष पटना नगर निगम द्वारा “फूडप्रिंट” अभियान के अंतर्गत कोयले का इस्तेमाल करने वाले 150 फुटपाथी विक्रेताओं को निशुल्क चूल्हा और गैस कनेक्शन दिया गया. साथ ही निगम के स्तर से कोयले के अनाधिकृत इस्तेमाल करने वाले विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई. अभियान के पहले दिन सोमवार को होटल लेमन ट्री, होटल पनाश और होटल चाणक्य में छापेमारी की गई. ये सभी प्रतिष्ठान ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के नियमों का उल्लंघन करते पाए गए.
कचरा प्रबंधन की व्यवस्था गायब
इन प्रतिष्ठानों के परिसर में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था गायब है. वहीं, पटना नगर निगम द्वारा कचरा नहीं लिए जाने पर इनके द्वारा अनाधिकृत रूप से निजी कचरा संग्रहकों को कचरा दिया जाता है. जिसे सार्वजनिक अथवा खुले स्थान पर डंप किया जाता है. इन सभी शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए पटना नगर निगम द्वारा इन प्रतिष्ठानों को सील करने के लिए कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है. नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने वालों से ना सिर्फ जुर्माना वसूला जा रहा है. बल्कि हफ्ते भर के अंदर कचरा पृथक्करण और निस्तारण की व्यवस्था नहीं करने पर सील करने की कार्रवाई भी की जा रही है.
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पटना ऐप के माध्यम से अपील
बड़े-बड़े होटलों द्वारा नियमों की अनदेखी कर पटना को “सबसे गंदा शहर” का टैग दिलाने में योगदान दिया जा रहा है. वहीं एसपी वर्मा रोड अवस्थित सांवरा रेस्टोरेंट जैसे छोटे प्रतिष्ठानों द्वारा स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन संबंधी नियमों का अनुपालन कर शहर की छवि सुधारने का सहानीय और अनुकरणीय प्रयास किया जा रहा है. सिटी ऑफ पटना ऐप के माध्यम से निगम लोगों से अपील भी कर रही है. बहरहाल निगम की इस पहल पर देखने वाली बात होगी कि स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना को कितने अंक मिलते हैं.