ETV Bharat / state

Anganwadi workers Protest : होने लगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई, चिपकाए जा रहे केंद्रों पर नोटिस - Anganwadi workers Protest

बिहार में प्रदर्शन कर रही आंगबनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं पर एक्शन होने लगे हैं. पटना के मसौढ़ी में आंगनबाड़ी केंद्रों को खोलने का नोटिस चिपकाने के बावजूद सेंटर ओपन नहीं करने पर दो सहायिकाओं को बर्खास्त कर दिया गया है. जिला प्रोग्राम अधिकारी ने इसके पीछे की वजह भी बताई है. पढ़ें पूरी खबर

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 9, 2023, 8:19 AM IST

पटना : बिहार में अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर पिछले एक महीने से आंदोलन कर रही आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं पर कार्रवाई शुरू हो गई है. ऐसे में सभी आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं के केंद्र पर लगातार नोटिस चिपका कर उन्हें 24 घंटे के अंदर सेंटर खोलने के निर्देश दिए जा रहे हैं.

आंगनबाड़ी केंद्रों पर चिपकने लगे नोटिस : मसौढ़ी के धनरूआ प्रखंड में आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ के अध्यक्ष को जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के न्यायालय ने बर्खास्त कर देने का आदेश जारी कर दिया है. इसके अलावा सभी प्रखंडों के आंगनबाड़ी सेविका सहायिका पर नोटिस भी चिपकाए जा रहा है. जिसमें अगले 24 घंटे तक केंद्र खोलने के सख्त निर्देश दिए जा रहे हैं. जहां-जहां नोटिस के बावजूद इस आदेश की अनदेखी की जा रही है उन्हें भी बर्खास्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है.

नोटिस की अवहेलना पर दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त : मसौढ़ी प्रखंड की अध्यक्ष सुजाता कुमारी और धनरूआ प्रखंड की नीतू कुमारी और किरण कुमारी को बर्खास्त कर देने के आदेश को जारी कर दिया गया है. जिला प्रोग्राम पदाधिकारी की मानें तो इसके अलावा सभी केंद्र के सेविका और सहायिका पर भी नोटिस दिया गया है. अगर सेंटर तय समय में नहीं खोला गया तो नोटिस के तहत बर्खास्तगी की कार्रवाई से गुजरना भी पड़ सकता है.

जिला प्रशासन ने उठाए सख्त कदम : जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने बताया कि बीते एक महीने से सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं. जिसके वजह से गर्भवती महिलाएं बच्चे किशोरियों को कई तरह की योजनाएं से वंचित हो गए हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम के तहत उनके आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है. लगातार उन सभी सेंट्ररों पर नोटिस चिपकाए जा रहे हैं, बावजूद नोटिस के आलोक में इसे संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. जिसको लेकर अब जिला प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाते हुए बर्खास्त किया जा रहा है.


"सभी आंगनबाड़ी केंद्र पिछले एक महीने से बंद हैं. इससे गर्भवती महिलाओं और किशोरियों के साथ कई योजनाओं पर असर पड़ा है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का भी उल्लंघन हो रहा है. इसको लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रशासन की ओर से नोटिस चिपकाकर संज्ञान में लाया जा रहा है. जो इस नोटिस के आलोक में सेंटर को बंद रख रहा है उसे बर्खास्त करने जैसे सख्त कदम उठाए जा रहे हैं."- आभा प्रसाद, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, पटना

एक महीने से चल रहा प्रदर्शन : गौरतलब है कि बिहार में आंगनबाड़ी सहायिका और सेविका ने पटना में डेरा डालकर जोरदार प्रदर्शन भी किया है. 10 नवंबर तक उनके प्रदर्शन का प्लान है. विधानसभा घेराव के दौरान वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया था. लेकिन इतनी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आ जाने से शहर की हालत ठप हो गई है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल को खत्म कराने के लिए प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें-

पटना : बिहार में अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर पिछले एक महीने से आंदोलन कर रही आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं पर कार्रवाई शुरू हो गई है. ऐसे में सभी आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं के केंद्र पर लगातार नोटिस चिपका कर उन्हें 24 घंटे के अंदर सेंटर खोलने के निर्देश दिए जा रहे हैं.

आंगनबाड़ी केंद्रों पर चिपकने लगे नोटिस : मसौढ़ी के धनरूआ प्रखंड में आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ के अध्यक्ष को जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के न्यायालय ने बर्खास्त कर देने का आदेश जारी कर दिया है. इसके अलावा सभी प्रखंडों के आंगनबाड़ी सेविका सहायिका पर नोटिस भी चिपकाए जा रहा है. जिसमें अगले 24 घंटे तक केंद्र खोलने के सख्त निर्देश दिए जा रहे हैं. जहां-जहां नोटिस के बावजूद इस आदेश की अनदेखी की जा रही है उन्हें भी बर्खास्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है.

नोटिस की अवहेलना पर दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त : मसौढ़ी प्रखंड की अध्यक्ष सुजाता कुमारी और धनरूआ प्रखंड की नीतू कुमारी और किरण कुमारी को बर्खास्त कर देने के आदेश को जारी कर दिया गया है. जिला प्रोग्राम पदाधिकारी की मानें तो इसके अलावा सभी केंद्र के सेविका और सहायिका पर भी नोटिस दिया गया है. अगर सेंटर तय समय में नहीं खोला गया तो नोटिस के तहत बर्खास्तगी की कार्रवाई से गुजरना भी पड़ सकता है.

जिला प्रशासन ने उठाए सख्त कदम : जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने बताया कि बीते एक महीने से सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं. जिसके वजह से गर्भवती महिलाएं बच्चे किशोरियों को कई तरह की योजनाएं से वंचित हो गए हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम के तहत उनके आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है. लगातार उन सभी सेंट्ररों पर नोटिस चिपकाए जा रहे हैं, बावजूद नोटिस के आलोक में इसे संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. जिसको लेकर अब जिला प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाते हुए बर्खास्त किया जा रहा है.


"सभी आंगनबाड़ी केंद्र पिछले एक महीने से बंद हैं. इससे गर्भवती महिलाओं और किशोरियों के साथ कई योजनाओं पर असर पड़ा है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का भी उल्लंघन हो रहा है. इसको लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रशासन की ओर से नोटिस चिपकाकर संज्ञान में लाया जा रहा है. जो इस नोटिस के आलोक में सेंटर को बंद रख रहा है उसे बर्खास्त करने जैसे सख्त कदम उठाए जा रहे हैं."- आभा प्रसाद, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, पटना

एक महीने से चल रहा प्रदर्शन : गौरतलब है कि बिहार में आंगनबाड़ी सहायिका और सेविका ने पटना में डेरा डालकर जोरदार प्रदर्शन भी किया है. 10 नवंबर तक उनके प्रदर्शन का प्लान है. विधानसभा घेराव के दौरान वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया था. लेकिन इतनी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आ जाने से शहर की हालत ठप हो गई है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल को खत्म कराने के लिए प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.