पटना: मगध विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर विभूति नारायण सिंह ने राज्यपाल फागू चौहान (Bihar Governor Fagu Chauhan) से शिष्टाचार मुलाकात की. प्रभार सौंपे जाने के बाद ये प्रोफेसर विभूति नारायण सिंह की पहली मुलाकात थी. इस दौरान उन्होंने अपनी यूनिवर्सिटी में चल रहे शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में राज्यपाल और कुलाधिपति को जानकारी दी. राज्यपाल ने कार्यवाहक कुलपति को विशेष दिशा निर्देश भी दिया.
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गौरतलब है कि राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान ने मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद (MU VC Prof. Rajendra Prasad) के 24 नवंबर से 23 दिसंबर तक चिकित्सकीय अवकाश पर जाने के उपरांत विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. विभूति नारायण सिंह को प्रभारी कुलपति के रूप में दैनिक कार्यों को निष्पादन करने के लिए अधिकृत किया था.
आपको बता दें कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद पर निगरानी विभाग की छापे मारी हुई थी जिसमें एक करोड़ से अधिक कैश बरामद हुआ था और करोड़ों का संपत्ति भी मिली थी. उसके बाद कुलपति 1 महीने की छुट्टी पर चले गए. मगध विश्वविद्यालय के कुलपति पर कार्रवाई को लेकर शिक्षा विभाग के तरफ से राजभवन से आग्रह भी किया गया था. पिछले दिनों कुलपतियों के भ्रष्टाचार को लेकर बिहार काफी चर्चा में भी रही. मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के छुट्टी पर जाने के बाद प्रोफेसर विभूति नारायण सिंह को कार्यवाहक कुलपति बनाया गया.
बता दें कि मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेंद्र प्रसाद के पर निगरानी की स्पेशल विजिलेंस यूनिट (Special Vigilance Raid) ने नकेल कसी हुई है. तब बिहार की स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने बड़ी कार्रवाई की थी. मगध यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद अब कुलपति के ठिकानों की तलाशी ली गयी थी.
स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने केस दर्ज किया है. जिसमें मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेंद्र प्रसाद सिंह, उनके निजी सचिव सुबोध कुमार, एक फार्म पूर्व ग्राफिक्स एंड ऑफसेट प्रिंटर के मालिक ओम प्रकाश सिंह जो वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी आरा के फाइनेंशियल ऑफिसर हैं, वहीं जितेंद्र कुमार रजिस्ट्रार पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी एवं अन्य के खिलाफ धारा 120 बी, 420 आईपीसी, पीसी एक्ट 1988 व अन्य धाराओं में 16 तारीख को केस दर्ज किया गया था.
यहां उल्लेखनीय है कि यह छापेमारी फरवरी 2021 में दर्ज एक मामले के तहत की गयी थी. निगरानी विभाग की इस कार्रवाई से मगध विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं कर्मियों में हड़कंप मचा है. इसके पहले भी मगध विवि कुलपति रहे प्रो अरुण कुमार सहित कई कुलपतियों, अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ निगरानी की कार्रवाई हो चुकी है.
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